पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि ड्यूटी के दौरान यदि किसी सैनिक की हार्ट अटैक से मौत होती है तो भी उसका परिवार विशेष पेंशन (Extra Ordinary Family Pension) के लिए हकदार होगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को को छह माह के भीतर सैनिक के परिवार को विशेष पेंशन की राशि जारी करने का आदेश दिया है।
याचिका में क्या था
याचिका में राजबाला ने बताया कि उसके पति जोगिंदर सिंह 1985 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। इसके बाद से लगातार वे अपनी सेवाएं दे रहे थे और स्वस्थ थे। 17 जुलाई 2006 को त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर ड्यूटी पर तैनात थे और वहां हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी।
हाईकोर्ट में दी चुनौती
सैनिक के परिवार को पति की मौत के बाद Family Pension मिल रही थी लेकिन याची ने Extra Ordinary Pension के लिए आवेदन कर दिया। यह आवेदन 16 नवंबर, 2018 को यह कह कर रद्द कर दिया गया कि याची के पति की मौत हार्ट अटैक से हुई है और यह नोटिफाइड बीमारी नहीं है। इसी आदेश को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट का अहम फैसला
हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पति के दिल की बीमारी का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। मौत के समय वह सीमा पर निगरानी की ड्यूटी कर रहा था। ऐसे में ड्यूटी से जुड़ा दवाब भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है। सेवा के दौरान का तनाव बेहद अहम होता है। ऐसे में मृतक सैनिक का परिवार सामान्य नहीं बल्कि Extra Ordinary Pension का हकदार है। इन फैसलों के साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के 16 नवंबर 2018 के आदेश को रद्द कर दिया है और सैनिक के परिवार को छह माह के भीतर जारी करने का आदेश जारी किया है।