देर रात केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों को वह खुशखबरी मिल गई जिसका वह इंतजार बेसब्री से कर रहे थे। दरअसल, केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए 1 जनवरी 2024 से जो महंगाई भत्ता व महंगाई राहत बढ़ने जा रहा है, वह लगभग फाइनल हो चुका है। छह महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े निकलकर सामने आ चुके हैं, जिसमें जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने के देररात जारी हो गए हैं। जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों के आखिरकार महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर मुहर लग चुकी है। अब केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए मौजूदा महंगाई भत्ता महंगाई राहत 46 फीसदी से बढ़ते हुए 50 फीसदी पहुंच चुका है। कनफर्म हो चुका है कि आपको 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 50 फीसदी का भुगतान किया जाएगा।
50% DA और Arrear का भुगतान
केंद्रीय कर्मचारी व पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए बढ़े हुए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को लेकर केंद्र सरकार मार्च महीने में ऐलान करेगी। हालांकि देखने में आता है कई बार सरकार अप्रैल महीने में भी इसको लेकर ऐलान करती है, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आचार संहिता जल्द लग सकती है मार्च या फिर अप्रैल महीने में। इसीलिए केंद्र सरकार इस बार महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का एलान जल्द करेगी समय से पहले। ऐसे में कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए मार्च महीने की शुरुआत में ही महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का एलान भी देखने को मिल जाएगा। तो केंद्रीय कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का जैसे ही ऐलान होगा तो मार्च महीने की सैलरी पेंशन मानकर चलिए कि आपको बढ़ा कर जमा करके दी जाएगी। जिसमें कर्मचारी पेंशनधारकों को दो महीने का बढ़ी हुई महंगाई भत्ते, महंगाई राहत, जनवरी फरवरी का एरियर भी खाते में डिपोजिट करके आपको दिया जाएगा। ।
आज है एक फरवरी 2024 और आज पेश होने वाला है केंद्र सरकार का अंतरिम बजट, पेश करेंगे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। तो आपको कौन कौन से लाभ देखने को मिल सकते हैं?
कर्मचारी पेंशनधारकों ने कौन कौन सी डिमांड। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने रखी हैं। कर्मचारी पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के सामने छह मांगे रखी हैं। अब एक एक करके आपको पूरी छह मांगे बताएंगे। आज कौन कौन से बजट से आपको तोहफे देखने को मिल सकते हैं। यह भी आपको पूरी खबर दी जाएगी। तो चलिए जान लेते हैं कौन कौन सी मांग रखी गई है।
अंतिम वेतन का 67% पेन्शन
सबसे पहले भारतीय पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार के सामने दो मांगें रखी हैं। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार अंतिम आहरित वेतन का जो 50% पेंशन के रूप में भुगतान पेंशनधारक को किया जाता है, उस प्रतिशत को बढ़ा कर केंद्र सरकार 67 प्रतिशत करे और बजट में इसको शामिल करे और इसका एलान करे। दरअसल देखने में आता है कि पेंशनभोगी अभाव में अपना जीवन व्यतीत करते हैं क्योंकि पेंशन बहुत कम होती है। ऐसे में पेंशन धारक सर्वाइव नहीं कर पाते हैं। उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए यह मांग केंद्र सरकार के सामने रखी गई है कि पेंशन को 50% की बजाय 67% करे। अब इसको लेकर केंद्र सरकार पर दबाव भी बनाया गया है और कई सालों से इसकी मांग भी की जा रही है। भारतीय पेंशनभोगी समाज द्वारा केंद्र सरकार के पास और वित्त मंत्री के पास इसको लेकर पत्र भी लिखा गया है।
पेन्शनधारको की पेन्शन टॅक्स फ्री
भारतीय पेंशनभोगी समाज द्वारा और पत्र में एक और मांग की गई है केंद्र सरकार से जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार पेंशन को आयकर से मुक्त करे। ओल्ड पेंशन स्कीम पर जो टैक्स लगाया जाता है केंद्र सरकार उसको टैक्स को हटाए और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को जो पेंशन मिलती है उसको पूरी पेंशन का भुगतान करे। उस पर टैक्स ना काटा जाए। ऐसे में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की पेंशन कम है इसीलिए ऊपर से टैक्स काट लिया जाता है सरकार की ओर से इनकम टैक्स विभाग की ओर से जिसके बाद पेंशन ओर भी कम हो जाती है। ऐसे में पेंशनभोगी को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए पत्र में सरकार से यह मांग भी की गई है और साथ ही इसके पीछे वजह भी बताई गई है। साथ ही साथ पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के ऊपर टैक्स लगाया जाता है, लेकिन सांसदों और विधायकों को मिलने वाली पेंशन पर कोई भी टैक्स नहीं लगाया जाता है। सांसद और विधायकों को मिलने वाली पेंशन आयकर से मुक्त होती है तो केंद्र सरकार के पेंशनभोगी या राज्य सरकार के पेंशन भोगियों पर केंद्र या राज्य सरकारें टैक्स क्यों लगाती हैं, जबकि यह कोई कार्य से मिलने वाली आय नहीं होती है। यह देश की सेवा की गई है। उसके बदले मिलने वाली एक राशि होती है, लेकिन इसके ऊपर भी आप उसमें कटौती करते हैं तो ऐसे कैसे सर्वाइव कर पाएंगे पेंशनभोगी? इन सभी दोनों मुद्दों को केंद्र सरकार बजट में शामिल करे और इनका ऐलान करे। अब देखना है कि आज पेश होने वाले बजट में केंद्र सरकार इनके बारे में कोई ऐलान करती है या नहीं करती है। यह तो कुछ देर में मालूम चल जाएगा।
आठवा वेतन आयोग
तो चलिए दोस्तों अगली बड़ी मांग की बात करे। केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठन पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार बजट से आठवें वेतन आयोग को लेकर बड़ा ऐलान करे। केंद्र सरकार आठवें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कमेटी गठन करने का ऐलान करे। क्योंकि अब वह समय आ चुका है जब आठ वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कमेटी का गठन हो जाना चाहिए। क्योंकि केंद्रीय कमेटी को भी एक से डेढ़ साल का समय लगता है। आठवें वेतन आयोग को लेकर रिपोर्ट तैयार करने में। ऐसे में अगर अभी आठवें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कमेटी गठन का ऐलान नहीं करती है सरकार तो मानकर चलिए कि 1 जनवरी 2026 से आपके लिए आठवें वेतन आयोग को प्रभावी करना काफी मुश्किल हो जाएगा। काफी दिक्कतों वाला मामला बैठ जाएगा। ऐसे में केंद्रीय पेंशनभोगी और कर्मचारी संगठनों ने मांग सरकार के सामने रखी है कि केंद्र सरकार बजट में ही इसको लेकर ऐलान करे। आठवें वेतन आयोग को लेकर हाल ही में आठवें वेतन आयोग की मांग को लेकर बवाल भी हुआ था और आंदोलन की चेतावनी भी कर्मचारी संगठन पेंशनभोगी संगठनों ने दी थी। हाल ही में टीवी सचिव सोमनाथ ने बयान दिया था कि केंद्र सरकार के पास आठवें वेतन आयोग को लेकर कोई भी मामला विचाराधीन नहीं है। ऐसे में मानकर चलिए कि समय आ चुका है आठवें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कमेटी गठन होने का। फिर भी सरकार के पास ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं है। इसी को लेकर चेतावनी भी जारी की गई थी। यदि केंद्र सरकार जल्द से जल्द आठ वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कमेटी गठित नहीं करती है तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा और आठवें वेतन आयोग की मांग को सरकार के सामने उजागर किया जाएगा। अब मानकर चलिए कि आज बजट से वेतन आयोग को लेकर बड़ा एलान भी देखने को आपको मिल सकता है। एक तरफ लोक सभा चुनाव है, ऐसे में केंद्र सरकार दबाव में है। इसीलिए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार लोक लुभावने वादे कर सकती है कर्मचारी और पेंशनधारकों से।
फिटमेंट factor 3.68
इसी कड़ी में केंद्र सरकार के सामने मांग रखी गई है। 2016 से कर्मचारी पेंशनधारक मांग करते आ रहे हैं कि केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग के दौरान जो फिटमेंट फैक्टर दिया जाता है, 2.57 उसको बढ़ाकर 3.68 गुना कर दे, लेकिन यह पॉसिबल नहीं है। केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर को तीन गुणा तो नहीं करने वाली है। हालांकि मीडिया खबरों की माने तो केंद्र सरकार बजट में आपके फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर तीन गुना तक कर सकती है सातवें वेतन आयोग के दौरान। जिसके चलते आपका न्यूनतम मूल वेतन बेसिक पे 18 हज़ार रुपए से बढ़कर 21 हज़ार रुपए पहुंच सकता है। मासिक बेसिक में पूरे तीन हज़ार बढोतरी का फायदा यहां आपको देखने को मिल सकता है। यदि केंद्र सरकार आज बजट से फिटमेंट फैक्टर बढोतरी को लेकर बड़ा अपडेट जारी करती है तो लगातार इसे लेकर मीडिया में खबरें भी निकलकर सामने आई है और प्रिंट मीडिया में दावा भी देखने को मिलता है कि केंद्र सरकार इस बार बजट से आपके लिए फिटमेंट फैक्टर बढ़ोतरी कर सकती है क्योंकि लोकसभा चुनाव है। ऐसे में लोक लुभावने वादे केंद्र सरकार जरूर करने वाली है। आज कर्मचारी पेंशनधारकों कुछ ना कुछ तो बजट में देखने को जरूर मिलने वाला है।
18 महीने का Arrear
चलिए दोस्तों अगली बड़ी खबर की बात कर लेते हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारी पेंशनधारक संगठनों की सबसे बड़ी मांग को लेकर भी सरकार को प्रतिवेदन सौंपा गया। हाल ही में और कहा गया है कि केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशनधारकों के। कोरोना काल में रोके गए बकाया 18 माह एरियर को बजट खर्चे में शामिल करे और कर्मचारी पेंशनधारकों के 18 माह एरियर को लेकर ऐलान करें। यदि केंद्र सरकार जल्द ऐलान नहीं करती 18 माह एरियर की मांग को लेकर तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। 18 एरियर की मांग को लेकर। ऐसे में लोकसभा चुनाव होने हैं तो माना यही जा रहा है कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर्मचारी पेंशनधारकों के बकाया 18 एरियर को बजट खर्चों में शामिल करते हुए 18 माह एरियर के भुगतान का बड़ा ऐलान कर देंगी। जिसके चलते कर्मचारी पेंशनधारकों के खाते में कोरोना काल की रुकी हुई राशि का भुगतान देखने को मिलेगा। तो ऐसे में कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए अधिकतम भुगतान दो से ढाई लाख रुपये देखने को मिलेगा। अलग अलग ग्रेड पे के कर्मचारी पेंशनधारकों के लिए भुगतान राशि भी अलग अलग होने वाली है। अब थोड़ा सा इंतजार और करना होगा, क्योंकि बजट जल्द ही प्रस्तुत होने वाला है।