भारत पेंशनभोगी समाज ने केंद्र सरकार को अवगत कराया है कि पेंशनभोगी हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिर भी पेंशन प्रणाली में एक चिंताजनक असमानता मौजूद है, जो 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए लोगों पर गलत प्रभाव डाल रही है। ऐसे मे पेन्शन का भेदभाव तत्काल प्रभाव से खत्म करने की आवश्यकता है।
सभी की पेंशन हो एक समान, खत्म हो पेन्शन का भेदभाव
भारत पेन्शनभोगी समाज ने कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है। संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सभी को समानता का अधिकार दिया गया है। यह जीवन के हर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें पेंशन योजनाओं जैसी सरकारी नीतियां भी शामिल हैं। ऐसे मे सभी की पेंशन एक समान होनी चाहिये, पेन्शन को लेकर भेदभाव खत्म होना चाहिये।
छठवें वेतन आयोग की सिफारिश में विसंगति
आपको बता दू कि कार्मिक और पेंशन विभाग (DoPP& PW) ने छठे केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के तहत दो अलग-अलग फॉर्मूले लागू किए हैं: एक 2006 से पहले के लिए और दूसरा 2006 के बाद के रिटायर लोगों के लिए। इससे एक बड़ा मतभेद पैदा होता है, जिसके परिणामस्वरूप 2006 से पहले के पेंशनभोगियों और उनके परिवारों की पेंशन राशि काफी कम हो जाती है।
पेंशन को लेकर विसंगति
भारत पेन्शनभोगी समाज ने कहा कि यह विसंगति समानता के सिद्धांत और सुप्रीम कोर्ट द्वारा डीएस नकारा के मामले में दिए गए फैसले का घोर उल्लंघन है। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने समर्पण के साथ देश की सेवा की वे उचित व्यवहार के पात्र हैं। मनमाने कट-ऑफ तारीख के आधार पर पेंशन वितरित करना न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि सिस्टम की निष्पक्षता में विश्वास को भी कम करता है।
इस ज़बरदस्त असमानता ने 2006 से पहले के पेंशनभोगियों के लिए भारी मुश्किल पैदा कर दी है। उनकी आय लिमिट है ऊपर से बढ़ती महँगाई के कारण पेंशन अपर्याप्त है।
2006 के पहले रिटायर पेंशनधारकों की पेंशन तत्काल बढ़ाए
भारत पेन्शनभोगी समाज के अनुसार 2006 के बाद रिटायर पेंशनधारकों की तुलना में कम पेंशन मिलने से उनके ऊपर और भी दबाव बढ़ गया है। यह भेदभावपूर्ण अन्याय न केवल पेंशनधारकों को बल्कि उनके परिवारों को भी प्रभावित करता है। इसलिये भारत पेंशनर्स समाज इस भेदभावपूर्ण प्रथा के खिलाफ सही ढंग से आवाज उठाता है। इसमें तत्काल सुधार की मांग करता है।
पेंशनभोगियों के लिए एक समान फॉर्मूला हो लागू
DOP&PW को इस भेदभावपूर्ण नीति को खत्म करने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। छठे सीपीसी की सिफारिशों के आधार पर सभी पेंशनभोगियों के लिए एक समान फॉर्मूला लागू करना चाहिए चाहे वे 2006 के बाद रिटायर हुए हो या 2006 के पहले, सभी की पेंशन समान होनी चाहिए। पेंशन के साथ भेदभाव नही होना चाहिए।
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एक समान पेंशन प्रणाली हो सुनिश्चित
2006 से पहले रिटायर लोगों के खिलाफ चल रहे भेदभाव को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम सरकार से इस अन्याय को स्वीकार करने और सभी के लिए एक समान पेंशन प्रणाली सुनिश्चित करने की माँग करते है।
भारत पेन्शनभोगी समाज के मांग की प्रति डाउनलोड करे।
Not good
I am 1995 EPFO based pensioner retired in the year 2007-8 my monthly pension was 972/- as I have sold some part of pension afer some year my pension was 1082/- then after 15 years it is 1683/- still now.
I have 28yrs pensionable service in EPFO and resigned from service and I am getting reduce pension but epfo Jabalpur has not given asper law two years weightage in my pension calculation I have wrote/ complaint but they are not given and informed me in reduce pension not provision for giving two years weightage. I have read eps 95 hand book there is not mentioned in reduce pension two yrs weightage cut or not benefits give to superannuation pensioners/ or early/reduce pensioners. But epfo not given this type of benefits while provision is there (eps 95) now iam trying to my pension case in higher level. Becicaly problem is (SYSTEM)
मैं मंगत सिंह, एक निजी कम्पनी से सेवानिवृत्त २0२0 में हुआ था क्या हमें भी बढी हुई पेन्सन का फायदा मिलेगा?
Respectable TIME’ TO EARN 🏠
मैं 1999 से पेंशन 996रुपए ही मिल रही है पता नहीं सरकार कब हमारे बारे में सोचेगी
I am retired on 31Aug2010, will I get the benefit of 11 years deduction of commutation.
PM Yashasvi Scholarship 2024