सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) 09.06.2014 को स्वीकार कर लिया। 16 वीं लोकसभा के गठन के बाद 09.06.2014 को संसद के दोनों सदनों के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका उल्लेख किया गया था और OROP के कार्यान्वयन के लिए बजट 2014-15 में ₹ 1000 करोड़ का आवंटन प्रदान किया गया था।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
रक्षा बलों के लिए OROP को लागू करने के सरकार के फैसले के अनुसरण में, इस उद्देश्य के लिए इस मंत्रालय में बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी। सरकार ने बड़े पैमाने पर विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों से परामर्श किया। रक्षा पेंशन की व्यापकता और जटिलता को ध्यान में रखते हुए OROP के कार्यान्वयन पर सरकारी आदेश जारी करने से पहले विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
OROP को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय
पूर्व सैनिकों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए भारत सरकार ने भारी वित्तीय बोझ के बावजूद 7.11.2015 को आदेश जारी कर OROP को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। 30.06.2014 तक सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कार्मिकों को इस आदेश के तहत कवर किया गया था।
OROP का लाभ
OROP का तात्पर्य यह है कि एक ही रैंक में सेवानिवृत्त होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को सेवानिवृत्ति की तारीख की परवाह किए बिना सेवा की समान लंबाई के होने पर समान पेंशन का भुगतान किया जाए। इस प्रकार, OROP का तात्पर्य समय-समय पर वर्तमान पेंशनभोगियों और पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन की दर के बीच के अंतर को पाटने से है ।
OROP की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं
- पूर्व पेंशनभोगियों का पेंशन कैलेंडर वर्ष 2013 के सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन के आधार पर फिर से तय किया जाएगा और यह लाभ 01.07.2014 से प्रभावी होगा।
- 2013 में एक ही रैंक में सेवानिवृत्त कर्मियों के न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत और समान सेवा अवधि के साथ सभी पेंशनभोगियों के लिए पेंशन फिर से तय किया जाएगा।
- औसत से अधिक पेंशन पाने वालो का पेंशन इस आधार पर कम नहीं किया जायेगा।
- बकाया राशि का भुगतान चार समान छमाही किस्तों में किया जाएगा। तथापि, विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन और गैलेंट्री पुरस्कार विजेताओ संहित सभी पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक किस्त में बकाया भुगतान किया जाएगा।
- पेंशन का निर्धारण हर 5 साल में किया जाएगा।
इसका वित्तीय लाभ कैसे दिया गया
OROP के तहत पेंशन/पारिवारिक पेंशन के पुनरीक्षण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए सरकार ने पेंशन/पारिवारिक पेंशन के संशोधन के लिए दरों को दर्शाते हुए 101 पेंशन तालिकाओ के साथ 03.02.2016 को विस्तृत आदेश जारी की।
1.7.2014 से पहले के सभी पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की मौजूदा पेंशन को वास्तविक अर्हक सेवा के संदर्भ में जैसा कि तालिका में दिखाया गया है, रैंक (और JCO/ORs के मामले में समूह) के लिए लागू तालिका के अनुसार प्रत्येक रैंक के लिए समय-समय पर लागू अधिकतम टर्म्स ऑफ़ इंगेजमेंट की शर्त के साथ, बढ़ाया गया।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) में समाहित सेवाकर्मी जिन्होंने पेंशन के 100% कम्यूटेशन का विकल्प चुना था, का पेंशन भी पेंशनभोगियों की नियमित श्रेणी के लिए निर्धारित रैंक की संशोधित पेंशन के संदर्भ में, संशोधित किया गया।
संबंधित आयु (80 वर्ष और अधिक) प्राप्त करने पर वृद्धावस्था पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए लागू अतिरिक्त पेंशन को भी पेंशन संवितरण एजेंसीज (PDA) द्वारा 1.7.2014 या पेंशनभोगी के 80 वर्ष या अधिक की आयु प्राप्त करने की तारीख, जो भी बाद में हो से बढ़ाया गया। OROP के लागू होने पर बकाया राशि पर होने वाला वास्तविक व्यय का वर्ष-वार विवरण निम्नानुसार है:
वित्तीय वर्ष | OROP बकाया के कारण संवितरित राशि |
2015-16 | ₹ 2,861.55 करोड़ |
2016-17 | ₹ 5,370.61 करोड़ |
2017-18 | ₹ 2,563.24 करोड़ |
कुल | ₹ 10,795.40 करोड़ |
सुधार से किसे फायदा
30.06.2014 तक सेवानिवृत्त रक्षा बल पेंशनभोगी और उसके पूर्व में पारिवारिक पेंशनभोगी OROP से लाभान्वित हुए। OROP लागू होने के कारण 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को बकाया के रूप में ₹ 10,7954 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। OROP के कारण वार्षिक व्यय लगभग ₹ 7,123 करोड़ है। करीब छह वर्षों के लिए 01.07.2014 से शुरू होकर कुल व्यय ₹ 42,740 करोड़ से अधिक है। OROP लाभार्थियों को 7 वें CPC के तहत 2.57 के गुणन के आधार पर भी पेंशन निर्धारण का लाभ मिला।
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