8th Pay commision: लोकसभा चुनावो का असर, पेंशनभोगी संगठनो की मांगों पर केंद्र सरकार का आ गया जवाब, 9 में से 5 पे हरी झंडी, 4 मुद्दे लटके

8th Pay commision: लोकसभा चुनाव को देखते हुए पेंशनभोगी संगठनों ने अभी हाल ही में 9 बड़ी मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखी थी, और कहा था कि अगर यह मांगे पूरी नहीं होती है तो लोकसभा चुनावो मे केंद्र सरकार के लिए विपरीत स्थिति पैदा हो सकती है। उसके बाद आनन- फानन मे केंद्र सरकार ने DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री वी. श्रीनिवास के साथ पेंशनभोगी संगठनो की इन मांगों के ऊपर विचार करने तथा इसका उत्तर देने के लिए तलब किया। तो यह मांगे कौन-कौन सी थी और इन मांगो के ऊपर केंद्र सरकार का क्या जवाब आया है, चलिए विस्तार में जानेंगे।

8th Pay commision की कमिटी गठित करने की मांग

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष मांग रखी थी की आठवे वेतन आयोग को लेकर कमेटी का गठन किया जाए। पेंशनभोगियों और कर्मचारियों में यह चिंता का विषय बना हुआ है कि आखिरकार 8th Pay commision आएगा या नहीं आएगा। कोई नहीं जानता कि केंद्र सरकार का इसके ऊपर क्या मंशा है। ऐसे में पेंशनभोगी संगठनों का यही कहना है कि कर्मचारी और पेंशनभोगियों के इस चिंता को दूर किया जाए और सरकार की क्या पॉलिसी है, वह कर्मचारियो और पेंशनभोगियो को अवगत कराया जाए।

सरकार का जवाब

DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री श्रीनिवास ने कहा कि आठवें वेतन आयोग की कमिटी को लेकर केंद्र सरकार के पास कर्मचारियो और पेंशनभोगी संघटनो के आवेदन आते रहे हैं। अभी की स्थिति के अनुसार सरकार इसके ऊपर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। लोकसभा आचार संहिता लगी हुई है, ऐसे में अगर आठवां वेतन आयोग लागू करना होगा तो चुनाव के बाद ही इसके ऊपर केंद्र सरकार कुछ फैसला ले सकती है।

पेंशन को टैक्स फ्री किया जाए

पेंशनभोगी संगठनों ने दूसरी डिमांड केंद्र सरकार के समक्ष रखी थी की पेंशनभोगियों की पेंशन कम होती है, ऊपर से इनकम टैक्स लगाया जाता है जिससे कि नाममात्र पेंशन उनको मिलती है। इस पेंशन में उनका और उनके परिवार का गुजारा नहीं हो पाता, ऐसे में पेंशन को टैक्स फ्री किया जाए, सांसदों और विधायकों की पेंशन जब टैक्स फ्री हो सकती है तो पेंशनभोगियों की क्यों नहीं हो सकती।

सरकार का जवाब

इस पर DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा की टैक्स का नियम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा आच्छादित है। यह आम नागरिकों के साथ सभी कर्मचारियो और पेंशनभोगियों पर लागू होता है। कुछ रूल्स एंड रेगुलेशन होते हैं जिसका पालन सभी को करना होता है, हालांकि उन्होंने कहा की पेंशनभोगियों को इसमे राहत प्रदान की जाती है। जैसे कि जो 60 साल से 80 साल के बीच के पेंशनभोगी है तो उनको 3 लाख रुपए सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता, वहीं पर जो सुपर सीनियर सिटीजन है उनकी 5 लाख सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता।

पेंशनधारकों को मिले बोनस (EX-Gratia)

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष मांग रखी थी कि पेंशनभोगियों को बोनस (EX-Gratia) का भुगतान होना चाहिए। उनको ना तो इंक्रीमेंट का फायदा मिलता है ना ही और कोई अन्य फायदा। ऐसे मे केंद्र सरकार इसके ऊपर विचार करें और हर साल कर्मचारियों की तरह पेंशनभोगियों को भी बोनस का भुगतान करें।

सरकार का जवाब

इस पर जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा की बोनस का भुगतान प्रोडक्टिविटी लिंक्ड आधारित है, कर्मचारी रिटायर होने के बाद किसी भी प्रोडक्टिविटी से संबंधित नहीं होते हैं इसलिए इसका भुगतान नहीं किया जा सकता।

रेलवे किराए में 50% छुट

पेंशनभोगी संगठनो ने मांग किया था की कोरोना के पहले जिस प्रकार बुजुर्गों को, पेंशनभोगियों को रेलवे किराए में 50% की छूट प्रदान की जाती थी उसको फिर से बहाल किया जाए।

सरकार का जवाब

इस पर जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा कि यह विषय रेलवे मंत्रालय के पास आता है, इस मुद्दे को रेलवे मंत्रालय के पास विचार करने के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि बुजुर्गों को, सीनियर सिटीजन को कुछ सुविधा रेलवे की तरफ से दी जाती है, जैसे कि बुजुर्ग नागरिको को और सीनियर सिटीजन को हर कोच में 10% लोअर बर्थ सीट आरक्षित रखी जाती है। दिव्यांग बुजूर्गो के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था रहती है।

पुरानी पेंशन ( OPS) फिर से हो बहाल

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मांग रखी थी की, 1 जनवरी 2004 के बाद जो कर्मचारी भर्ती हुए हैं तो सभी को पुरानी पेंशन से आच्छादित किया जाए। नए कर्मचारियों और पुराने कर्मचारियो के बीच इस अंतर को, भेदभाव को खत्म किया जाए।

सरकार का जवाब

DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री श्रीनिवास ने कहा कि वित्त मंत्रालय की तरफ से इसके ऊपर विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी अपनी रिपोर्ट अभी तक सरकार के समक्ष नहीं रखी है। रिपोर्ट के बाद ही इसके ऊपर फैसला लिया जा सकता है, हालांकि पुरानी पेंशन को लागू नहीं किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद नई पेंशन योजना में गारंटीड पेंशन की व्यवस्था की जा सकती है।

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काॅम्यूटेशन बहाली की अवधि हो 12 साल

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग किया था कि काॅम्यूटेशन बहाली की अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल किया जाए। रिटायर होने के 12 साल के बाद उनको 100% पेंशन मिलना सुनिश्चित हो इसके ऊपर सरकार विचार करें।

सरकार का जवाब

इस पर DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री श्रीनिवास ने कहा कि काॅम्यूटेशन बहाली 15 साल से घटकर 12 साल करने के ऊपर केंद्र सरकार विचार कर रही है, व्यय विभाग के पास इस मैटर को भेजा गया है, मंजूरी मिलने के बाद इसका सर्वसाधारण आदेश जारी किया जाएगा।

उम्र के अनुसार हो पेंशन बढ़ोतरी

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष संसदीय समिति की उस सिफारिश को लागू करने की मांग की थी, जिसमें संसदीय समिति ने कहा था कि अब समय आ चुका है की उम्र के अनुसार पेन्शन बढ़ोतरी किया जाए। 65 साल से 5%, 70 साल से 10% और 75 साल से 15% पेंशन में बढ़ोतरी होनी चाहिए। केंद्र सरकार का इसके ऊपर क्या रवैया है वह जाहिर करें।

सरकार का जवाब

इस पर DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री श्रीनिवास ने कहा कि संसदीय समिति की सिफारिश होने के बाद सभी डिपार्टमेंट से पेंशनभोगियों का विवरण मंगाया गया था। इस पर खर्चो का अध्ययन करने के लिए व्यय विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया था। व्यय विभाग के अनुसार अगर यह नियम लागू होता है तो सरकार के खजाने पर बोझ पड़ेगा इसलिए इसको लागू नहीं किया सकता।

30 जून/ 31 दिसंबर रिटायर्डकर्मी को मिले नोशनल इंक्रीमेंट

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के सामने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को लागू करने की बात कही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून/ 31 दिसंबर को रिटायर्डकर्मी सभी को 1 इंक्रीमेंट का फायदा दिया जाय।

सरकार का जवाब

इस पर जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा की पेंशनभोगियों की इस मांग के ऊपर विचार किया जा रहा है और इस मैटर को DOPT के पास भेजा गया है और शीघ्र ही एक सर्वसाधारण आदेश जारी किया जाएगा।

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18 महीने बकाया एरियर का हो भुगतान

पेंशनभोगी संगठनों ने केंद्र सरकार के सामने मांग रखी थी कि कोरोना के समय जो महंगाई भत्ता फ्रिज किया गया था, उसका भुगतान होना चाहिए। महंगाई भत्ता रोककर केंद्र सरकार उनके साथ अन्याय किया था, इसलिए इस अन्याय को दूर किया जाए और उनको 18 महीने एरियर का भुगतान शीघ्र किया जाए।

सरकार का जवाब

इस पर DOPPW के जॉइंट सेक्रेटरी श्री श्रीनिवास ने कहा कि देश की विकट परिस्थिति में उस पैसे का उपयोग कोरोनाकाल में कर लिया गया है, अतः उसको देने का सवाल नहीं उठता है। अत: इस मुद्दे को खारीज किया जाता है।

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