कर्मचारी/पेंशनभोगी को अधिक भुगतान हुवा है तो उसकी वसूली माफी को लेकर केंद्र सरकार के वित्तमंत्रालय, व्यवविभाग के द्वारा महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया गया है। कर्मचारी जब रिटायर हो जाते है तो उसके बाद भी उनको अधिक भुगतान की वसूली के नोटिस आते है। ऐसे में पेंशनभोगी परेशान हो जाते है, उनकी कोई गलती नही रहती फिर भी वसूली के नोटिस क्यो आते है? ऐसे में अब आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी आ चुकी है कि कुछ सेवा शर्तों के आधार पर अब अधिक भुगतान की वसूली (Waiver of Recovery) नही होगी।
अधिक भुगतान की वसूली (Waiver of Recovery) होगी माफ
पेंशन नियम 2021 के उप नियम 15 सरकारी कर्मचारियों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली (Waiver of Recovery) की छूट से संबंधित है। इस नियम के अनुसार भारत के राष्ट्रपति के विशेष आदेश द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कुछ शक्तियां प्रदान की गई है जिसके तहत वे गलती से अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली को माफ कर सकते हैं लेकिन कुछ नियम शर्तों के अधीन ही यह नियम लागू होगा।
क्या है नियम व शर्ते
अधिक भुगतान का जब पता चलता है तो एक महीने के भीतर अगर वसूली के आदेश जारी नहीं किए जाते हैं तो कुछ शर्तों के आधार पर कर्मचारी/पेंशनभोगी की अधिक भुगतान की वसूली माफ की जा सकती है।
अगर कर्मचारी पेंशनभोगी को अधिक भुगतान हुआ है तो विभाग के वित्तीय सलाहकार की समिति से ₹2 लाख तक अधिक भुगतान की वसूली को माफ किया जा सकता है।
अधिक भुगतान की वसूली की माफी के लिए विभागों/ मन्त्रालयो को कार्रवाई करते समय निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
1) विभागों को यह सत्यापित करना है कि सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी की तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। अगर किसी विभाग/मंत्रालय को लगता है कि अधिक भुगतान विभाग/मंत्रालय की गलती से हुआ है तो DOPT के दिशा निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों/पेंशनधारकों से अधिक भुगतान की वसूली नहीं करनी है।
2) कर्मचारियों/ पेंशनधारकों से अधिक भुगतान की वसूली की माफी की सिफारिश, विभाग/मंत्रालय के वित्त्तीय सलाहकार द्वारा की जानी चाहिए और प्रशासनिक सचिव द्वारा मंजूर की जानी चाहिए।
3) अगर कर्मचारी/पेंशनभोगी को अधिक भुगतान गलत वेतन निर्धारण की वजह से हुआ है और लंबे समय तक इसका पता नहीं चला है तो मंत्रालय विभाग को ध्यान में रखना है कि ऑडिटर के द्वारा नियमित समीक्षा के दौरान ऐसे मामलों पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया।
4) ऐसे मामलों में जहां वसूली की माफी के निर्देश अदालत के द्वारा दिए गए हैं तो मंत्रालयों और विभागो को खुद को संतुष्ट करना चाहिए कि उनकी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। अगर गलती नहीं हुई है तो ऐसे अदालत के निर्देशों को चुनौती दिया जाए या ना दिया जाए यह विभाग तय करेंगे।
5) यदि कोई पहले की वसूली नियमों या प्रक्रियाओं की गलत व्याख्या के कारण माफ कर दिया गया है तो मंत्रालय/विभाग भविष्य के मामलों में वसूली की माफी के लिए फिर से सभी मामलों की समीक्षा करेंगे। मंत्रालय /विभाग को नियमों या प्रक्रियाओं की गलत व्याख्या के कारण अधिक भुगतान के मामले में उचित उपाय करेंगे और ऐसी कमियों को ठीक करेंगे।
अब कर्मचारियो और पेन्शनधारको के लिए खुशखबरी आ रही है किे अगर अधिक भुगतान हुवा है तो 2 लाख रुपये तक की वसूली माफ हो जाएगी। विभाग के वित्तीय सलाहकार की समिति की सिफारीश के अनुसार यह कार्यवाई की जाएगी।
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