कर्मचारियों और पेंशनधारकों को लगा तगड़ा झटका, पुरानी पेंशन बहाली(OPS), महँगाई भत्ते (DA/DR), 8th Pay Commision पर आयी बुरी खबर!

कर्मचारियो और पेंशनभोगियों को लगा है तगड़ा झटका। एक के बाद तीन झटके से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में काफी निराशा देखने को मिल रही है। एक तरफ पुरानी पेंशन बहाली( OPS) का मुद्दा है, वही दूसरी तरफ महँगाई भत्ता (DA/DR) में बढ़ोतरी और आठवे पे कमीशन (8th Pay Commision) का मामला है। तीनो ही मामलों में कर्मचारियों और पेंशनधारकों को निराशा हाथ लगी है ऐसे में बहुत ही बड़ा तगड़ा झटका लगा है।

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की मान्यता प्राप्त यूनियन की मीटिंग हुई थी और उसमें कहा गया था कि जो पार्टी पुरानी पेंशन (OPS) बहाली, आठवे पे कमीशन (8th Pay Commision) को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी, कर्मचारी और उनके परिवार का वोट उसी पार्टी को जाएगा लेकिन इन तीनो मुद्दों पर निराशा हाथ लगी है। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनधारकों को तीन बड़े झटके लगे हैं। 

पुरानी पेन्शन (OPS) और 8th Pay Commision पर निराशा

केंद्र और राज्यसरकारों के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कांग्रेस पार्टी से बड़ी आस थी कि वह OPS के मुद्दे और 8th pay commision के मुद्दों को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेगी लेकिन आज पार्टी का घोषणापत्र जारी किया गया। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को काफी निराशा हुई है कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन के मुद्दे को तथा आठवे पे कमीशन को शामिल नहीं किया गया है।

पुरानी पेंशन(OPS), 8th Pay Commision के मुद्दे को शामिल ना करना

वैसे तो कांग्रेस पार्टी जिस राज्य में सत्ता में आई है, वहां पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर रही है। लेकिन लोकसभा चुनाव का जब घोषणा पत्र कांग्रेस पार्टी ने जारी किया तो उसमें पुरानी पेंशन बहाली तथा आठवे पे कमीशन के मुद्दे को शामिल नहीं किया। हालांकि कांग्रेस पार्टी का झुकाव पुरानी पेंशन को बहाल करना है पर घोषणा पत्र में इसको शामिल न करना कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ा झटका है।

मांगो की सूची सौपे जाने के बाद भी मुद्दों को शामिल ना करना

इसके पहले केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों की एक सूची I.N.D.I.A  गठबंधन को सौंप दी थी उन्हें उम्मीद थी कि I.N.D.I.A  गठबंधन अपने चुनावी एजेंडे में कर्मचारी संगठनों की सभी मांगों को शामिल करेगी। इन मांगों में पुरानी पेंशन बहाली, आठवे पे कमीशन जैसी कुल 27 माँगे थी। लग रहा था कि उनकी मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन यहां पर I.N.D.I.A. गठबंधन ने पुरानी पेंशन बहाली, 8th pay commision जैसे मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया।

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लोकसभा चुनाव में पड़ेगा बुरा असर

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग, रक्षा कर्मी,  सिविल कर्मी, रेलवे, बैंक, डाक,  शिक्षकों को मिला दिया जाए तो लगभग 10 करोड़ की संख्या होती है, जो कि लोकसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर करने का माद्दा रखती है। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनधारकों  की मांगों को ना मानना यह कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

महँगाई भत्ते( DA/DR) का आंकड़ा 

तिसरा झटका लगा है महंगाई भत्ते को लेकर, जैसे कि आपको पता ही  होगा कि आपका महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ता है। एक बार जनवरी महीने में और दूसरी बार जुलाई महीने में और ये जो बढ़ोतरी होती है AICPI के आंकड़ों के अनुसार की जाती है। हर महीने AICPI के आंकड़े जारी किए जाते हैं। कुल 6 महीनो के आंकड़े मिलाकर मंहगाई भत्ता तय किया जाता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने जनवरी महीने का आंकड़ा जारी किया पर फरवरी महीने का आंकड़ा जारी नहीं किया।

महँगाई भत्ता होगा बंद?

केंद्र सरकार की ऑफिशल वेबसाइट पर देखेंगे तो अभी पुराना ही AICPI के आंकड़े दिखाई दे रहे हैं। कायदे से देखा जाए तो फरवरी महीने का आंकड़ा जारी हो जाना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार ने इसको अभी तक जारी नहीं किया तो ऐसे में क्या सरकार महंगाई भत्ता बंद करने जा रही है यह बड़ा सवाल कर्मचारियों व पेंशनभोगियों में पैदा हो रही है।

28 मार्च को जारी होना था फरवरी महीने का आँकड़ा

जनवरी 2024 से कुल महंगाई भत्ता 50% हो चुका है इसका अनाउंसमेंट भी हो चुका है। जुलाई 2024 से कुल कितना महंगाई भत्ता होगा वह तय किया जाएगा जनवरी 24 से जून 24 के AICPI आंकड़ों के ऊपर। ऐसे में केवल जनवरी महीने का आंकड़ा ही जारी किया गया है, अभी तक फरवरी महीने का आंकड़ा केंद्र सरकार ने जारी नहीं किया। 28 मार्च को ही यह आंकड़ा जारी हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक इसको जारी नही किया गया। ऐसे मे आशंका होती है किे इस आंकड़े को क्यों छुपाया जा रहा है?सरकार की मंसा क्या है।

केंद्र सरकार को देना पड़ेगा उत्तर

अगर ये आंकड़े जारी नही होते है तो जुलाई 2024 से महंगाई भत्ता कितना होगा ये कैसे पता चलेगा। इसलिए सरकार को ये आंकड़े तुरंत जारी करने चाहिए। आंकड़े जारी होने में सरकार देरी क्यू कर रही है इसका भी उत्तर सरकार को देना पड़ेगा।

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