RBI समय- समय पर पेन्शनधारको की पेन्शन, महंगाई भत्ते के भुगतान, अधिक भुगतान की वसूली को लेकर दिशानिर्देश जारी करता है। इन सभी मुद्दों के ऊपर RBI ने 01 अप्रैल 2024 की तारीख मे बैंकों को कुछ अहम दिशानिर्देश जारी किेए है जो हर पेन्शन भुगतान करनेवाली बैंकों को मानना जरूरी है।
बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के पेंशनधारको को पेंशन का भुगतान
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान किया जाता है, जिसमें बेसिक पेंशन का भुगतान, बढ़ी हुई महंगाई राहत (DR), और सरकारों द्वारा समय-समय पर घोषित अन्य लाभ शामिल होते हैं और यह भारत सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों/ विभागों द्वारा तैयार किए संबंधित योजना द्वारा संचालित होते हैं। इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास्टर सर्क्युलर जारी किया हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा पेन्शन से संबंधित कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पेन्शन से संबंधित कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण प्रश्न और उत्तर के रूप में निम्नलिखित है।
1. क्या पेंशनर की मृत्यू के पश्चात उनके द्वारा धारित जाइंट अकाऊंट, फॅमिली पेंशन के लिए जारी रखा जा सकता है?
हां, बैंकों को केंद्र सरकार के पेंशनरों के मामले में नया खाता खोलने के लिए आग्रह नहीं करना चाहिए। यदि जीवनसाथी (पत्नी ) का नाम पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में है तो नया खाता खोले बिना वर्तमान खाते में ही परिवार पेंशन जमा किया जाना चाहिए। नया खाता खोलने के लिए आग्रह नही करना है।
2. पेन्शन भुगतान करने वाली शाखा द्वारा पेंशनर के खाते में, पेंशन कब जमा की जाती है?
पेंशन का भुगतान करनेवाले बैंकों द्वारा पेंशनरों के खातों में पेंशन की राशि को पेंशन भुगतान प्राधिकारियों (Pension Paying Authorities) द्वारा दिए गए दिशानिर्देशो के आधार पर जमा किया जाता है।
3. क्या पेंशन भुगतानकर्ता बैंक, पेंशनर के खाते में किए गए अधिक भुगतान की वसूली को रीकवर कर सकता है?
(ए) इसके लिए सभी एजेंसी बैंको से अनुरोध है कि, वे पेंशनरों को किए गए अधिक भुगतान की वसूली के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया के संबंध में संबंधित पेंशन स्वीकृतकर्ता अधिकारियों से दिशा-निर्देश प्राप्त कर लें।
(बी) जहां बैंकों द्वारा की गयी गलती के कारण अधिक पेंशन का भुगतान हुआ हो तो ऐसे मामलों में भुगतान की गई अधिक राशि का पता चलने के तुरंत बाद पेंशनरों से किसी भी प्रकार की राशि की वसूली की प्रतीक्षा किए बिना बैंकों द्वारा तत्काल एक मुश्त राशी सरकार को वापस किया जाए।
4. क्या पेंशनरों से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर पेंशन अदाकर्ता बैंक द्वारा पावती दी जाती है?
ऐसी शिकायतें हैं कि पेंशन भुगतानकर्ता शाखाओं के काउंटर पर जमा किए गए जीवन प्रमाणपत्र गुम हो जाते हैं जिसके कारण मासिक पेंशन के भुगतान में देरी होती है। पेंशनरों द्वारा सामना की जा रही मुश्किलों को कम करने के लिए, एजेंसी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त होने पर अनिवार्य रूप से पावती दें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे पेंशनरों द्वारा प्रस्तुत डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए डिजिटल पावती भी प्रदान करे।
5. यदि पेंशनर, हस्ताक्षर करने या हाथ/पैर का अंगूठा लगाने या बैंक में उपस्थित होने में असमर्थ है तो क्या वह अपने खाते से पेंशन आहरण कर सकता है?
हाँ, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पेंशन वितरण के लिए पेंशन भुगतानकर्ता बैंकों को अनुदेश जारी किए हैं कि वे नीचे दी गई कुछ प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पेंशन निकालने की अनुमति दें:
बूढ़े/बीमार/अशक्त/अक्षम पेंशनरों को पेंशन का भुगतान
(1) बीमार और अशक्त पेंशनरों द्वारा बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों को ध्यान में रखने के क्रम में एजेंसी बैंक ऐसे पेंशनरों को निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं :-
(A) पेंशनर, जो इतना बीमार है कि चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता / बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकता है।
(B) पेंशनर, जो न केवल बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने में असमर्थ है बल्कि कुछ शारीरिक दोष/अक्षमता के कारण चेक/आहरण फार्म पर अपने हस्ताक्षर करने/अंगूठा का निशान लगाने में भी असमर्थ है।
(2) ऐसे बूढ़े/बीमार/अक्षम पेंशनरों को ध्यान में रखते हुए उनके खातों के परिचालन के लिए बैंक निम्नलिखित प्रक्रिया अपना सकते हैं: –
(A) जहाँ कहीं बूढ़े/बीमार पेंशनर का हाथ का अंगूठा/ पैर का अंगूठा का निशान प्राप्त किया जाए तो इसकी पहचान बैंक को ज्ञात दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
(B) जहाँ पेंशनर अपने हाथ का अंगूठा/पैर का अंगूठा का निशान नहीं लगा सकता और बैंक में प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने में भी अमसर्थ है तो चेक/आहरण फार्म पर एक निशान लिया जाए और दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा इसकी पहचान की जानी चाहिए और इसमें से एक बैंक का जिम्मेदार अधिकारी होना चाहिए।
बैंक का जिम्मेदार अधिकारी उसी बैंक, उसी शाखा से होना चाहिए, जहां पेंशनभोगी का पेंशन खाता है। एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि वे अपनी शाखाओं को यह अनुदेश दें कि वे इस संबंध में जारी अनुदेश अपने नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें ताकि बीमार और अक्षम पेंशनर इन सुविधाओं का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकें।
6. पेंशनरों को संशोधित दर पर महंगाई राहत का भुगतान कैसे होता है?
पेंशन अदाकर्ता एजेंसी बैंक को डाक, फैक्स, ई-मेल से सरकार द्वारा दी गई सरकारी आदेशों की प्रतियां या संबंधित सरकारों के वेबसाइट का एक्सेस प्राप्त कर, दी गई जानकारी के आधार पर मंहगाई राहत को संशोधित करना है और बिना देरी के महंगाई राहत का तत्काल भुगतान करना है ।
7. क्या पेंशनर, पेंशन या अरियर विलंब से जमा किए जाने पर एजेंसी बैंकों से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए पात्र हैं?
हां, पेंशन अदाकर्ता बैंक पेंशन/ बकाया पेंशन के देरी से जमा होने पर प्रतिवर्ष 8% की निर्धारित दर से भुगतान की नियत तिथि के बाद विलंब होने पर क्षतिपूर्ति करेगी। यह क्षतिपूर्ति .दिनांक 1 अक्टूबर, 2008 के बाद के सभी विलंबित पेंशन भुगतानों के मामले में पेंशनरों के खाते में उसी दिन पेंशनर से दावे की प्रतीक्षा किए बिना स्वत: जमा हो जाएगी, जिस दिन संशोधित पेंशन/पेंशन बकाया से संबंधित राशि बैंक को प्राप्त होती है।
8. पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो सिस्टम)
पेन्शन प्रतिपूर्ति दावों के त्वरित निपटान और समाधान के लिए एकल खिड़की प्रणाली प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य यह है कि RBI के कार्यालयों अथवा SBI के हस्तक्षेप के बिना पेंशन अदा करने वाले प्रत्येक बैंक को उनके अधिकार के अंतर्गत जिम्मेदार बनाया जाए, जिससे दावों की प्रतिपूर्ति में विलंब न हो।
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