देशभर के लाखो पेंशनभोगियों और उनके संघों का प्रतिनिधित्व करनेवाले सबसे बड़े महासंघ भारत पेंशनभोगी समाज ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के पात्र पेंशनभोगियों एवं केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के बोनस से जुड़े हुए मुद्दे पर एक स्मरण पत्र वित्त मंत्रालय को सौपा है।
पेन्शनधारको के हक को मारा नही जा सकता
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा है कि पेंशनभोगी सार्वजनिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके है ऐसे में उनके हक को मारा नही जा सकता। पेंशनधारकों के ऊपर केंद्र सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। पेंशनधारक अपनी सेवा समाज को दे चुके है ऐसे में उनके बोनस को रोका नही जा सकता।
केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण नही हुवा बोनस का भुगतान
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा कि श्रम और रोजगार मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय से निर्देशों के अभाव एवं उदासीनता के कारण ESIC के लाखो पेंशनधारकों को 2021-22 के लिए बोनस का भुगतान नही किया गया। बोनस के भुगतान मे देरी के कारण लाभार्थियों को वित्तीय कठिनाईयों से गुजरना पड़ रहा है। अधिकांश पेंशनभोगी अपनी आजीविका के लिए बोनस पर निर्भर हैं।
अतः इन पेंशनभोगियों को होनेवाली वित्तीय कठिनाइयों को देखते हुए भारत पेंशनभोगी समाज इस मामले के शीघ्र निपटान के लिए वित्त मंत्रालय के हस्तक्षेप का अनुरोध करता है।
पेन्शनधारको को तत्काल प्रभाव से हो बोनस का भुगतान
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा कि जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया है ऐसे पेंशनधारकों को समय पर बोनस का भुगतान किया जाय ताकि इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर वित्तीय तनाव को कम किया जा सके। भारत पेंशनभोगी समाज वित्तमंत्रालय से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध करता है।
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए ESIC के पात्र पेंशनभोगियों को उत्पादकता से जुड़े बोनस का भुगतान तत्काल प्रभाव से जारी किया जाय।
केंद्र सरकार के पेंशनधारकों को भी मिले बोनस
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहाँ है कि केंद्रीय कर्मचारियों को हर साल दिवाली के मौके पर बोनस का भुगतान किया जाता है साथ मे उनको प्रति वर्ष इंक्रीमेंट का भुगतान होता है लेकिन पेंशनधारकों को कुछ नही मिलता इसलिए पेंशनधारकों की गरिमा को कायम रखने के लिए बोनस का भुगतान होना चाहिए।
राज्यसभा में उठाया गया था यह मुद्दा
सांसद रामेश्वर तेली ने वित्तमंत्रालय से माँग की थी कि पेंशनधारकों को भी बोनस का भुगतान होना चाहिए अगर केन्द्रिय कर्मियों के समान पूरा बोनस नही दे सकते तो आधा बोनस देना ही चाहिए। इस प्रकार की गुजारिश सांसद रामेश्वर तेली के द्वारा की गई थी
केंद्र सरकार ने दिया था ये जवाब
केंद्र सरकार ने इस मांग के ऊपर जवाब दिया कि बोनस का भुगतान प्रोडक्टिविटी के ऊपर निर्भर होता है। पेंशनधारकों के द्वारा प्रोड्क्टविटी का काम नही किया जाता इसलिए इनको बोनस का भुगतान नही किया जा सकता।
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एक बार फिर गरमाया बोनस का मुद्दा
भारत पेंशनभोगी समाज के द्वारा बोनस का मुद्दा उठाए जाने के बाद यह मामला काफी गरमा गया है, ऐसे में वित्त मंत्रालय को इसके ऊपर विचार करना पड़ेगा और ESIC पेंशनधारकों के साथ केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी बोनस का भुगतान करना पड़ेगा।
स्मरण पत्र की कॉपी डाउनलोड करे
सरकारें पेंसोनर्स को भी अवैतनिक रूप से समाजिक कार्यो को सम्पन्न कराने में उनका अनुभव का सहयोग ले तो मात्र दैनिक कम आर्थिक सहयोग पर भी गुणवत्तापूर्ण हर क्षेत्र में प्राप्त की जा सकती है।किंतु खेद है कि की मन्त्रणालय ब विभाग इसमे रुचि नही ले रहे है और करोड़ो रुपिया भरकम सेलरी देकर वांक्षित प्रगति परिलक्षित नही हो रही है।अच्छा होता पेंसोनर्स का अनुभब भी प्रयोग कर देखा जाता।🚩🇮🇳🚩🙏🧘🙏