आपको बता दूं कि EPFO ने 2008 में एक नियम में संशोधन किया था जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को भी EPFO के दायरे में लाया गया था। EPFO ने 2008 में एक आदेश जारी किया था जिसमे कहा था कि जिन अंतराष्ट्रीय कर्मचारियों की वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलाकर) ₹15000 प्रति महीना तक है तो वे अनिवार्य रूप से इस योजना के दायरे में आएंगे। ऐसे में हजारों अंतराष्ट्रीय कर्मचारियो को न चाहते हुए भी EPFO में शामिल होना पड़ा।
कर्मचारियों को जबरदस्ती EPFO में किया गया शामिल
अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियो को शामिल करते हुए EPFO ने कहा कि जब दूसरे देशों के नागरिक हमारे देश मे नौकरी करते हैं तो उनकी सामाजिक सुरक्षा बनी रहनी चाहिए इसलिए उनको EPFO में योगदान देना पड़ेगा। इससे हजारों अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को जबरदस्ती EPFO में शामिल कर लिया गया।
कोर्ट में दी गई चुनौती
उसी को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका डाली थी और EPFO के इस कदम के खिलाफ कोर्ट में चुनौती दी थी।
कनार्टक हाईकोर्ट का आया फैसला
आपको बता दूँ कि 7 मई 2024 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला दिया। कनार्टक हाइकोर्ट ने कहा कि EPFO का यह निर्णय पूरी तरह से हिटलरशाही वाला निर्णय है। कर्मचारी पूरी तरह से स्वतंत्र है, उनके उपर है कि वे अपना पैसा कहाँ पे योगदान करे। इस प्रकार हाइकोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना पर सवाल खड़ा करते हुए इसको मनमाना और असंवैधानिक करार दिया।
कोर्ट ने EPFO के इस फैसले को किया खारिज
कर्नाटक हाईकोर्ट ने EPFO के दायरे में आने वाले अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को शामिल करने के प्रावधानों को खारिज कर दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि यह असंवैधानिक और मनमाना है।
EPFO का आया जवाब
कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद EPFO ने आगे की कार्रवाई करने पर विचार किया है। EPFO ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले का सर्वोच्च सम्मान करते हैं और इस फैसले के जवाब में आगे की कार्रवाई करने के ऊपर विचार कर रहे हैं।
कोर्ट के इस फैसले का क्या पड़ेगा असर
कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले से हजारों विदेशी कर्मचारियों का PF से योगदान पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। EPFO के PF खाते में जितनी भी विदेशी कर्मचारियों की जमा राशि है, वह कर्मचारियों को लौटाना पड़ेगा जिससे EPFO के खाते में पैसों की कमी होनेवाली है और EPFO की निवेश क्षमता पर बड़ा असर पड़नेवाला है।
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सुप्रीम कोर्ट जा सकती है EPFO
अब ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए केंद्र सरकार/ EPFO सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट भी कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है तो विदेशी कर्मचारियों को PF योजना से बाहर कर दिया जाएगा और EPFO के ऊपर वित्तीय बोझ पैदा हो सकता है।
हायर पेंशन पर लटकी तलवार
इसके साथ ही साथ कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को अगर सुप्रीम कोर्ट लागू करने का आदेश देती है तो EPFO के सामने बहुत सारी कठिनाईयां आने वाली है। विदेशी कर्मचारियों के PF खाते को अलग करना और उनके पैसे को वापस करना एक कठिन कार्य हो सकता है, जिससे कि EPFO के सामने बहुत सारी चुनौतियां आ सकती है।
इसके साथ EPS-95 योजना में जमा किये पेंशनधारकों की हायर पेंशन पर भी तलवार लटक सकती है। EPFO वित्तीय बोझ का हवाला देते हुए हायर पेंशन टाल सकती है।
आदेश की कॉपी डाउनलोड करें