मध्यप्रदेश राज्य शासन की तरफ से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार ऐसे कर्मचारी जो 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर हो चुके हैं तो ऐसे कर्मचारियो को 1 वेतन वृद्धि का फायदा देने की बात कही गयी है।
आपको बता दूँ की मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अनुसार राज्य शासन के सभी शासकीय सेवकों के लिए अगली वेतनवृद्धि की तारीख समान रूप से 01 जुलाई निर्धारित है तथा मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार अगली वेतनवृद्धि प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी अथवा 01 जुलाई निर्धारित हैं।
30 जून/31 दिसम्बर को रिटायर कर्मियों को नहीं मिलता है फायदा
ऐसे कर्मचारी जो 30 जून या फिर 31 दिसंबर को रिटायर होते है तो उनको 1 जुलाई का इंक्रीमेंट का फायदा नहीं मिलता है इसको देने की मांग वे विभागों से करते है लेकिन विभाग उनकी मांगों को रिजेक्ट कर देते है।
इंक्रीमेंट लेने के लिए कोर्ट का रुख करते हैं कर्मचारी
इससे आहत होकर बहुत सारे कर्मचारी कोर्ट का रूख करते हैं और कोर्ट में उनको जीत मिलती है। कोर्ट भी उनके फेवर में फैसला देती है कोर्ट का भी कहना होता है कि ऐसे कर्मचारी 1 साल की सेवा पूरी कर लेते हैं, इस बेस पर उनको 1 जुलाई/1 जनवरी का इंक्रीमेंट का फायदा मिलना चाहिए।
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मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग ने लिया निर्णय
मध्यप्रदेश, वित्त विभाग के उपसचिव पी.के श्रीवास्तव ने बताया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों द्वारा विभिन्न याचिकाओं में पारित निर्णयों के ऊपर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया जाता है कि 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत हुये शासकीय कर्मचारी जिनके मामले न्यायालयीन निर्णयों के आधार पर आये हैं तो ऐसे में उनको सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त वेतन में काल्पनिक (Notionally) वेतनवृद्धि स्वीकृत की जाये।
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केवल कोर्ट केस को मिलेगा फायदा
आपको बता दूं कि वित्त विभाग की तरफ से यह जो आदेश जारी किया गया है, इस आदेश के अनुसार केवल ऐसे कर्मचारियों को इंक्रीमेंट देने की बात कही गई है जो कोर्ट में जीत के आए हैं। इस आदेश के अनुसार जो कोर्ट में नहीं गये है तो ऐसे कर्मचारियों को इसका फायदा नहीं मिलने वाला है।
पेंशन में होगी बढ़ोतरी
आपको बता दूँ कि ये जो इंक्रीमेंट का फायदा मिलेगा केवल इससे आपकी पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी। आपकी ग्रेच्युटी या कम्यूटेशन के कैलकुलेशन के लिये इस इंक्रीमेंट को जोड़ा नही जाएगा। वित्त विभाग के उपसचिव ने बताया है कि यह काल्पनिक वेतनवृद्धि केवल पेंशन के निर्धारण / पुनरीक्षण की गणना के लिये ही मान्य होगी।
मध्यप्रदेश, वित्त विभाग के उपसचिव पी.के श्रीवास्तव ने सभी प्रशासकीय विभागो को निर्देश दिया है कि कोर्ट के दिए गए फैसले के अनुसार स्वयं निर्णय लेकर पेंशनभोगियों को इस तरह का फायदा देना है।
आदेश की प्रति डाउनलोड करें
This is an order to give advantage to lawyers and disadvantage to employees since he has to pay lawyers fees for his claim which is to be given as per order of supreme court. Why govt. has issued such an order is beyond any bodies imagination. Let GOD give them Sadbudhi to amend it and issue general order for all employees.