उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्रीमंडल की बैठक दिनांक 11 जून 2024 को हुई थी और इस बैठक में कर्मचारियो/ अधिकारियों के ट्रांसफर नीति को लेकर बहुत ही बड़ा फैसला किया गया है, अब कर्मचारियों/अधिकारियों के ट्रांसफर 30 जून तक कर दिए जाएंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य शासन की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
समूह क एवं ख के अधिकारियों के स्थानांतरण निम्नानुसार किए जाएंगे
1) जिले में समूह क एवं समूह ख के अधिकारी जो अपने सेवा काल में संबंधित जिले में कुल 3 वर्ष पूरा कर चुके हैं तो उनको उसे जिले से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसी प्रकार समूह क एवं समूह ख के जो अधिकारी अपने सेवा काल में एक मंडल में 7 साल पूरा कर चुके हैं तो उनको उस मंडल से स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
2) विभागाध्यक्ष कार्यालयो में विभागाध्यक्ष को छोड़कर यदि समूह क तथा समूह ख के अन्य अधिकारियों के समकक्ष पद मुख्यालय के बाहर विद्यमान है तो मुख्यालय/ विभागाध्यक्ष कार्यालय में 3 वर्ष कार्यरत रहने वाले अधिकारियों को उनके समकक्ष पदों पर मुख्यालय से बाहर ट्रांसफर कर दिया जाएगा किंतु जनपदों व मंडलों में तैनाती की अवधि को उक्त निर्धारित अवधि में नही गिना जाएगा। जनपदों और मंडलों में तैनाती की अवधि एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयो में तैनाती की अवधि को अलग-अलग माना जाएगा।
3) यह ट्रांसफर की अधिकतम सीमा 20% तक होगी यानी कि केवल 20% अधिकारियों की तबादले किए जाएंगे।
समूह ग एवं समूह घ के कार्मिकों के स्थानांतरण निम्नानुसार किए जाएंगे
1) समूह ग कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधित विभागाध्यक्ष के अनुमोदन से किया जा सकेंगे।
2) समूह ग एवं समूह घ के कार्मिकों के स्थानांतरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या की अधिकतम 10% की सीमा तक किए जा सकेंगे। उक्त निर्धारित 10% से अधिक तथा अधिकतम 20% की सीमा तक स्थानांतरण की अपरिहार्यता की स्थिति में प्रशासकीय विभाग द्वारा विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्थानांतरण किये जा सकेंगे। इस हेतु जो कार्मिक सबसे अधिक समय से कार्यरत है, उन कार्मिकों को 10% की सीमा में पहले लिया जाएगा।
3) समूह ग एवं समूह घ के कार्मिकों के स्थानांतरण में नीति का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाने की स्थिति में माननीय विभागीय मंत्री से भी विचार विमर्श करके कार्रवाई की जाए।
अन्य मार्गदर्शक सिद्धांत
1) संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनशील पदों पर कदापि न की जाए।
2) समूह क के अधिकारियों को उनके गृह जनपद में तैनात नहीं किया जाएगा।
3) समूह ख के अधिकारियों को उनके गृह जनपद में तैनात नहीं किया जाएगा परंतु प्रतिबंध यह है कि उक्त प्रावधान केवल जनपद स्तरीय विभागों या फिर कार्यालय में लागू होंगे।
4) भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से संबंधित आठ जिले, चित्रकूट,चंदौली,सोनभद्र,फतेहपुर,बलरामपुर,सिद्धार्थ नगर श्रावस्ती व बहराइच एवं प्रदेश के घोषित 100 आकांक्षी विकासखण्डों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तनाती करके संतृप्त कर दिया जाएगा एवं दो वर्ष बाद वहां तैनात कार्मिकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानांतरित किया जाएगा।
5) स्थानांतरण किए जाने हेतु अवधि के निर्धारण के लिए कट ऑफ डेट 31 मार्च 2024 को माना जाएगा।
6) यह स्थानान्तरण की नीति उत्तर प्रदेश सचिवालय में लागू नहीं होगी।
विभागों द्वारा निम्न परिस्थितियों में भी किया जा सकेंगा ट्रांसफर
1) किसी अधिकारी या फिर कर्मचारियों के व्यक्तिगत कारणों जैसे चिकित्सा या बच्चों की शिक्षा/शासकीय सेवा के दौरान मृत माता या पिता के अवयस्क बच्चों के पालन पोषण/देखभाल इत्यादि के आधार पर स्थान रिक्त होने अथवा दूसरे अधिकारी/कर्मचारी के सहमत होने पर स्थानांतरण/समायोजन किया जा सकेगा बशर्ते कि उस पर कोई प्रशासनिक आपत्ति ना हो।
2) यदि पति पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हो तो उन्हें यथासंभव एक ही जनपद/ नगर /स्थान पर तैनात करने हेतु स्थानांतरण किया जा सकेगा।
3) मंदित बच्चो या फिर दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जाए जहां पर चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो या जहां से उनकी उचित देखभाल हो सके।
4) दिव्यांग कार्मिकों अथवा ऐसे कार्मिक जिनके आश्रित/परिवारजन 40% से अधिक दिव्यंगता से प्रभावित हो तो उनको सामान्य स्थानांतरण से मुक्त रखा जाए। ऐसे दिव्यांग कार्मिको के स्थानांतरण गंभीर शिकायतो अथवा अपरिहार्य कारणो से ही किए जाएंगे।
5) 2 वर्ष में सेवानिवृत होने वाले समूह ग एवं घ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद एवं समूह क एवं ख के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जनपद में तैनात करने पर यथासंभव विचार किया जाए इसके लिए पूर्व में उस मंडल या फिर जनपद में उसकी तैनाती अवधि को संज्ञान में ना लिया जाए।
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जिला पंचायतों के नान सीटीसी कर्मचारियों का ट्रान्सफर नेतागीरी करने लिए नहीं किया जा रहा है