EPS-95 पेंशनधारकों को शानदार तोहफा, 80 हजार एरियर का हुवा भुगतान, पेन्शनभोगी हुए मालामाल

EPS-95 के अन्तर्गत एक बार पेंशन लागू हो जाने पर पेंशनों को प्रत्येक वर्ष अपना जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करवाना अनिवार्य है जिससे पेंशन लगातार जारी रह सके। किन्तु विभिन्न कारणों जैसे ज्ञानाभाव, शारीरिक एवं आर्थिक असमर्थता, परिवार के मुखिया की मृत्यु, इत्यादि के कारण कुछ पेंशनर अपना जीवन प्रमाणपत्र प्रतिवर्ष अपडेट नहीं करवा पाते जिसके परिणामस्वरूप उनकी पेंशन की अदायगी रुक जाती है और इस प्रकार कर्मचारी पेंशन योजना 95 के द्वारा प्रदान की जाने वाली न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा से वे वंचित रह जाते है।

बैठक में किया विचार

पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश अंचल की जून, 2024 माह की समीक्षा बैठक में चर्चा के दौरान सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रभारी अधिकारियों को आगामी नवंबर माह में पेंशनरों के जीवन प्रमाणपत्र त्वरित गति से अपडेट करने हेतु तैयार रहने तथा साथ-साथ जिन पेंशनरों की पेंशन पिछले पाँच वर्षों से किन्हीं भी कारणों से रूकी हुई है, उनकी पेंशन पुनः शुरू करने के विषय पर गहन विचार हुआ।

जब सामान्य निर्देशों का पालन कर देने के बावजूद भी पेंशनरों से संपर्क नहीं स्थापित किया जा सका तो सामान्य से कुछ अलग प्रयास करने की कोशिश की गई। एक पेंशनर तक उसकी पेंशन, जो विगत कई वर्षों से रूकी पड़ी थी, इसके लिए पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश अंचल के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कार्यालय के लोगों द्वारा सामान्य से इतर किए गए कुछ सतत प्रयासों को नीचे बताया गया है।

जिस दृढ़ता से कार्यालय के लोगों ने पेंशनरों तक पहुँचने उन्हें समझाने, और उनका विश्वास जीतने की कामयाब कोशिश की है, वह अत्यंत ही सराहनीय है। अप्रैल 2024 तक लगभग 650 ऐसे पेंशनरों से संपर्क स्थापित कर उन्हें पेंशन जारी की जा चुकी है। यह भगीरथ प्रयास शेष पेंशनरों के लिए भी जारी है।

संपर्क अभियान की शुरुवात

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) ने अपने अंशधारकों को बेहतरीन एवं त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए समय-समय पर अनेक नए अभियान प्रारंभ किए हैं। इसी कड़ी में, संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला (हि.प्र.) ने भविष्य निधि के पेंशनधारकों को सर्वश्रेष्ठ तथा त्वरित सेवाएं प्रदान करने के प्रयोजन से “संपर्क” नामक अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान के तहत् ऐसे पेंशनरों के संपर्क किया जा रहा है है जिनकी पेंशन उनका ई-जीवन प्रमाण अपडेट न होने के कारण पिछले पांच वर्षों के रूकी हुई है।

बन्द पेंशन, इस प्रकार फिर से हुई शुरू

इसी क्रम में क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला द्वारा लाभार्थी श्रीमती कमलेश कुमारी, धर्मपत्नी स्व. श्री अतरदीन, पेंशनर, पीपीओ संख्या xx880 से दूरभाष पर बात की गई तथा उन्हें बताया गया कि इस कार्यालय द्वारा उनके पति श्री अतरदीन को पेंशन दी जाती थी जो की मई 2017 से बंद पड़ी है।

श्रीमती कमलेश कुमारी ने बताया कि उनके पति अतरदीन की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पति ने कभी भी इस पेंशन के बारे में नहीं बताया और न ही ये बताया कि उनकी मृत्यु के बाद ये पेंशन उन्हें लगेगी।

चूंकि कमलेश पढ़ी-लिखी नहीं है इसलिए उनको कुछ भी समझ नहीं आ रहा था यहां तक कि उन्हें हिंदी भी समझ नहीं आ रही थी। फिर उन्हें कहा गया कि यदि घर पर कोई और है तो उनसे बात करवाएं। घर पर और कोई नहीं है. यह कह कर फ़ोन काट दिया। कमलेश को फिर से कॉल की गयी। अब वह फ़ोन पर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और कहने लगी कि मैं बीमार हूँ। अभी मेरे पास कोई नहीं है मुझे आपकी बात समझ नहीं आ रही, आप क्यों बार-बार फ़ोन कर रहे हैं।

इस पर कार्यालय दवारा पेंशनर से, जिस भाषा में वह बात कर रही थी, उसी भाषा में बात की गयी। वह कांगड़ी भाषा में बात कर रही थी। कार्यालय दवारा कांगड़ी भाषा में ही उनको पेंशन के बारे में बताया गया। फिर पेंशनर को थोड़ा अपनापन महसूस हुआ। पेंशनर ने रोते हुए बताया कि अब उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है तथा वह खेतों में काम करने में भी असमर्थ है। उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने बच्चो के आगे हाथ फैलाने पड़ते हैं। श्रीमती कमलेश को परिवार के अन्य सदस्य से बात करवाने के लिए कहा गया ताकि पेंशन हेतु उनके स्तर पर की जाने वाली औपचारिकताओं के बारे में समझाया जा सके।

इस पर उन्होंने अपनी पोती से बात करवाई। उनकी पोती को संपूर्ण मामले की जानकारी दी गई और कहा गया कि इसके लिए श्रीमती कमलेश कुमारी को अपने पति स्व. श्री अतरदीन का म्रत्यु प्रमाण पत्र, अपने आधार कार्ड और बैंक पासबुक की कॉपी, बैंक खाता उसी शाखा में होना चाहिए जिसमें उनके स्व. पति श्री अतरदीन का था, इत्यादि दस्तावेज इस कार्यालय को भेजने होंगे।

पेंशन शुरू और एरियर का हुवा भुगतान

श्रीमती कमलेश कुमारी से उक्त सभी वांछित दस्तावेज प्राप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला दवारा दवारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पेंशनर की की मृत्यु तिथि अपडेट करने के पश्चात श्रीमती कमलेश की पिछली पेंशन बकाया राशि 76828/- रुपये एक सप्ताह के भीतर उनके खाते में भेज दी गई।

पेंशनभोगी ने माना आभार

श्रीमती कमलेश ने दूरभाष के दवारा ईपीएफओ कार्यालय, शिमला का धन्यवाद किया है और उनकी पोती के दवारा व्हाट्सऐप एवं विडिओ संदेश में ईपीएफओ कार्यालय, शिमला का धन्यवाद किया गया। उन्होने कहा किे मेरे पति की पेंशन देने के लिए ईपीएफ शिमला का धन्यवाद। मेरे पति टीसीआई कंपनी में काम कर चुके हैं, उनको पेंशन आती थी लेकिन उनकी मृत्यु के बाद मुझे पेंशन के बारे में पता नहीं था। लेकिन ईपीएफ शिमला ने मुझे मेरी पेंशन के बारे में सूचित किया और एक सप्ताह के भीतर मुझे मेरी पेंशन मिल गयी, मुझे वित्तीय स्वतंत्रता देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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17 thoughts on “EPS-95 पेंशनधारकों को शानदार तोहफा, 80 हजार एरियर का हुवा भुगतान, पेन्शनभोगी हुए मालामाल”

  1. जो पर्यंत 7500+DA medical फॅसिलिटी चालू होत नाही तो पर्यंत EPS95 पेन्शन नर विश्वास ठेवणार नाही लोकसभा निवडणुकीत निकला वरून कळले असेल आत्ता विधानसभा जवळच आहेत

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    • वाधानसभा ईलेशन पुर्वी 7500 +DA लागू नाही झाले तर EPS95 पेंशनर भीक मागून चंदा जमा करू,पाई फिरू आणि या सरकारच्या विरोधात प्रचार करू की,या सरकारला वयोवृद्ध माणसांची काळजी नाही.ज्यांनी देशाच्या विकासासाठी आपल्या जिवनातील उमेदीचे दिवस घातले त्यांची काळजी हे सरकार करत नाही.या सरकारला पुन्हा सत्तेत येता कामा नये.
      असा प्रचार करण्यात येईल.तेव्हा विधानसभेअगोदर पेंशनवाढ करणे वाद्यमान सरकारच्या हिताचे राहील.

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  2. Hon. Prime Minister ji,
    Do you think EPS Pension @1k per month suffice for a person who depends on even after 60 years of age?
    I humbly request you to make it atleast 7.5k per month please.

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  3. We are hoping so.
    After Implementing the higher pension we can believe such type of order otherwise not before that.

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  4. I retired from Helpage India,NGO, last year when the Higher Pension scheme started ,I was abroad to look after my Grand children and I couldn’t fill the form. After my return to India, I wrote to P.F. commisioner as well as other
    concerns authorities to consider my case also for higher pension for which I am entitled for the same. Please do the needful. Regards

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  5. आपणास एकच आणि शेवटची विनंती आहे.गोरगरीब जनतेचा विचार करा.आणि वाढीव पेन्शन ७५०० + मेडीकल+ महागाई भत्ता देण्यात यावा..हिच विनंती.

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  6. मिनिमम पेंशन 7500+डीए की डिमांड आठ नौ सालों से पेंशनर्स कर रहे हैं उसको पूरा करो करीब सत्तर लाख पेंशनभोगियों की जिंदगी बहुत मुश्किल से गुजर रही है।

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  7. मला मोदी साहेबाना हे सांगायचं की E P वाल्यांनी तुमचं काय घोड मारलाय तुम्ही सगळ्यांचं कल्याण केलं. आम्ही रोज मरतो आहोत. काही तरी करा

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  8. Truly speaking this is a tragedy of the workers,who contributed major for national GDP.On the other hand govt employees,who don’t contribute single money for Gdp ,are getting handsome pension and all other benefits. jay ho Modiji

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    • You are Absolutely right. Government thinks, hell with senior citizens. Let them die
      Jamshed E Baliwalla

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  9. माननीय प्रधानमंत्री महोदय भारतवर्ष
    अंतिम आशा के रूप में आप से यही प्रार्थना है की कृपया देश के विकास में अपना यौवन /जीवन लुटाने वाले हम ई पी एस 95 पेंशनधारकों पर अब रहम करिए और जीवन निर्वाह हेतु नरेगा की मजदूरी के बराबर तो पेंशन प्रदान कीजिए साथ ही असहाय पेंशनर्स के निशुल्क उपचार की सुविधा भी प्रदान करने की कृपा कीजिए !!
    सादर धन्यवाद!

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  10. Ex MP of Aurangabad had raised this EPFO minimum pension issue but no any MP was supported.
    EPFO has a millions of fund available but this government’s has no time to look after. They are busy in politics.
    I don’t think, in near future, current ruling political parties can win the elections in states.

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