खुशखबरी, पेन्शनभोगी संघटनो की 7 सूत्रीय मांगे पहुंची वित्त मंत्रालय, बजट से मिलेगा तोहफा

केंद्रीय कर्मचारियो और पेंशनभोगियों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, उनको उम्मीद है कि इस बार के पूर्ण बजट में उनकी मांगो को पुरा किया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दूं किे जुलाई मे पूर्ण बजट पेश होनेवाला है, ऐसे मे NCJCM स्टाफ साइड के सचिव शिवगोपाल मिश्रा जी ने वित्त मंत्री से निम्नलिखित मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया है और इन मुद्दों को आगामी बजट 2024-2025 में हल करने की मांग की है। ये मुद्दे केंद्र सरकार के कर्मचारियो और पेंशनभोगियों को राहत देने के लिए आवश्यक हैं. तो चलिए कौन-कौन सी मांगे है इसके बारे में देख लेते हैं।

1. पुरानी पेंशन योजना की बहाली

केंद्र सरकार के कर्मचारी जिनकी भर्ती 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है, ऐसे कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की फिर से बहाली करने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग है किे पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल किया जाए क्योंकि यह सामाजिक सुरक्षा का मामला है। 01.01.2004 से लागू नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कारण कर्मचारियो के परिवारों में असुरक्षा का माहौल है, जिसकी वजह से सभी कर्मचारी निराश और हतोत्साहित हैं क्योंकि वे जानते है कि NPS से रिटायर होने के बाद उनके आगे का जीवन कैसे व्यतीत होगा. स्टाफ साइड, इसलिए, सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को पुनर्स्थापित करने का अनुरोध करता है।

2. 8वां केंद्रीय वेतन आयोग का गठन

आपको बता दुं किे सातवा वेतन आयोग 01.01.2016 से लागू हुआ था और चली आ रही परंपरा के अनुसार वेतन आयोग हर 10 साल में लागू होता हैं। इसके साथ ही इस समय DA, 50% को पार कर चुका है और वर्तमान स्थिति और मुद्रास्फीति के आधार पर वेतन मैट्रिक्स, भत्तों और पेंशन लाभों को संशोधित करने की तत्काल जरूरत है इसलिए स्टाफ साइड मांग करता है कि 8वां केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर कमिटी का गठन तुरंत किया जाए, ताकि, व्यापक अध्ययन/विश्लेषण के बाद इसकी सिफारिशें 01.01.2026 से लागू की जा सकें। सिफारिशों को लागू करने में अगर देरी होती है तो कर्मचारियों को वित्तीय कठिनाईयो का सामना करना पड़ेगा।

3. पेंशन कम्यूटेशन की बहाली

अधिकतम कर्मचारी जब रिटायर होते हैं तो वे कम्यूटेशन का विकल्प चुनते हैं। वर्तमान नियमों के अनुसार, कम्यूटेशन की बहाली 15 साल बाद होती है. जब 15 साल का नियम लाया गया था तब ब्याज दरे काफी ज्यादा थी लेकिन अब ब्याज दरों में गिरावट के कारण, कम्यूटेशन की रिकवरी 12 वर्षों में वसूल हो जाती है इसलिए स्टाफ साइड यह मांग करता है कि पेंशन के कम्यूटेटेड मूल्य की 12 वर्षों से अधिक की वसूली अन्यायपूर्ण है और पेंशनभोगिेयो पर अनावश्यक बोझ है। इसलिए, पेंशन के कम्यूटेटेड मूल्य की बहाली 15 वर्षों के बजाय 12 वर्षों के बाद की जाए।

4. आयकर स्लैब में सुधार

सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी आयकर स्लैब के अंतर्गत आते हैं और वे वित्तीय संकट के बावजूद इसका भुगतान कर रहे हैं। स्टाफ साइड यह अनुरोध करता है कि आयकर स्लैब को तार्किक बनाया जाए ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके। नए आयकर ढांचे में स्टैंडर्ड डिडक्शन, धारा 88सी के तहत डिडक्शन और अन्य छूट प्रदान की जाए ताकि कर्मचारियों को बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जो अंततः सरकार को लाभान्वित करेगी और हमारे देश के विकास के लिए मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना को बढ़ाने में मदद करेगी।

5. पेंशनभोगियों को आयकर से छूट

रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियो को अंतिम वेतन का 50% प्राप्त होता है। पेन्शनभोगी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी रिटायरमेंट राशि को बैंक FD या अन्य निवेश साधनों में निवेश करते हैं पर इसके ऊपर भी TAX लगता है, जो उनकी आय को कम कर देता है। इसके अलावा, वृद्धावस्था के कारण चिकित्सा बिलों पर खर्च बढ़ जाता है और उन्हे सामाजिक अवसरों पर भी खर्च करना पड़ता है। सेवानिवृत्ति पर कम आय और बढ़ते खर्चों को ध्यान में रखते हुए, सभी पेंशनभोगियों को आयकर से छूट देने का अनुरोध किया जाता है।

6. कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं

वर्तमान में केंद्रिय कर्मचारियों को CGHS के तहत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, और रेलवे कर्मचारियों को RELHS के तहत चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। यह देखा गया है कि जब विशेष उपचार की आवश्यकता होती है, तो कर्मचारियों को सूचीबद्ध अस्पतालों में भेजा जाता है और इन अस्पतालों में भर्ती होना बहुत कठिन होता है इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि सरकारी अस्पतालों, रेलवे अस्पतालों में विशेष उपचार सुविधाओं को बढ़ाया जाए, जिससे इस समस्या का समाधान हो सकेगा और कर्मचारियो/पेन्शनभोगिेयो को संकट का सामना नही करना पड़ेगा।

7. आवास ऋण की वसूली की पद्धति मे सुधार

वर्तमान नियम के अनुसार, यदि विभाग से Home Loan लिया जाता है, तो पहले मूल राशि की वसूली की जाती है, और इसके पूरा होने पर कुल ब्याज को समतुल्य मासिक किस्तों में काटा जाता है। वर्तमान परीपेक्ष में, HBA के लिए आवंटित बजट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है और कर्मचारी बैंकों से गृह निर्माण अग्रिम लेने के लिए मजबूर हैं।

बैंक शुरु से ही EMI के रूप मे मूलधन के साथ ब्याज की कटौती करते हैं, और यह देखा गया है कि प्रारंभिक वर्षों में बहुत कम राशि मूलधन के रूप में कटती है, जिससे ब्याज भारी होता है इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि गृह निर्माण भत्ते की वसूली उसी प्रकार से की जाए जैसा कि विभागीय रूप से गणना की जाती है, यानी पहली EMI से मूलधन कम हो, और मूलधन की वसूली के बाद, देय ब्याज काटा जाए। इससे कर्मचारियों को गृह निर्माण भत्ते का लाभ मिलेगा और वे इसे चुकाने में सहज महसूस करेंगे।

निष्कर्ष

सभी उपर्युक्त मुद्दों को ध्यान में रखते हुए स्टाफ साइड वित्त मंत्री निर्मला सितरामण से मांग करता है कि 8वां केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर कमिटी तुरंत गठित की जाए, ताकि, सिफारिशें 01.01.2026 से लागू की जा सके इसके साथ ही स्टाफ साइड अनुरोध करता है कि सभी पेंशनभोगियों को आयकर से छूट दी जाए, और कर्मचारियों के चिकित्सा सुविधाओं में सुधार किया जाए। इसके अलावा, गृह निर्माण अग्रिम की वसूली की पद्धति को भी संशोधित किया जाए ताकि कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिल सके।

स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने अनुरोध किया है कि ऊपर उल्लिखित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें और इन मुद्दों को हल करें ताकि सरकार और रेलवे कर्मचारियों को आगामी बजट में राहत मिल सके। यह मानवता के प्रति एक कदम है, जो सभी कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि करेगा।

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8 thoughts on “खुशखबरी, पेन्शनभोगी संघटनो की 7 सूत्रीय मांगे पहुंची वित्त मंत्रालय, बजट से मिलेगा तोहफा”

  1. केंद्र सरकार के पेन्शनरों की पेन्शन वर्धी भी राजस्थान सरकार द्वारा लागू नियम के अनुसार प्रति वर्ष १% बड़ाईं जाने बाबाद एजेंडा में जोड़ा जाय
    कम्यूटेशन की राशि की वसूली १० साल के बाद वसूली बंद करने बाबाद वित्त मंत्री जी को भेजे गए एजेंडा में शामिल नहीं किया है अतः शामिल किया जाएँ

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    • राजस्थान सरकार का पेंशन में एक प्रतिशत वृद्धि का आदेश कहां है ? फर्जी संगठन कुछ भी स्टेटमेंट दें उसका कोई अर्थ नहीं है

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  2. જન્મ તારીખ સુધારો થતો નથી. છ વર્ષ ઓછા ઈપીએફઓ ફોર્મ નં 9 પ્રમાણે પીસીઓ માં લખેલ છે. મેં સ્કીમ સર્ટિફીકેટ આવ્યુ ત્યારે ઘણા પ્રયત્ન કર્યા પણ સફળ ના થયો. સ્કૂલ લિવિંગ સર્ટિફિકેટ પ્રમાણે સુધારો કરતા નથી.

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  3. Request to Govt to release 18 month DA arrears and give. relief to. employees and pensioners up to some extent

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  4. कर्मचारियों की मांग में इसे भी शामिल किए जाने चाहिए कि संविदा पर बहाल किए गये कर्मचारियों को भी अन्य सभी कर्मचारियों की तरह वेतनमान और पेंशन का लाभ प्रदान किए जाए।

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    • Delhi me lage contact karmchaariyon ko bi saman kam saman vetna de is ki goshna budget me kare or contact karmchaariyon ko anya suvidha mile sarkari karmchaari ki tarha jise delhi lage contact karmchaari apne parivaar ka palan poshan kar sake

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  5. Commutations of PENSION must be EXAMINED FOR RATE OF INTEREST &
    IT SHOULD BE CURTAILED DOWN TO
    11 YEARS INSTEAD OF 15 YEARS.
    1ST PERIOTY TO BE GIVEN. EXCESS AMOUNT TO BE RETURNED BACK WITH
    INTEREST ON TOP PRIORITY PL.

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