CGHS लाभार्थियो को तोहफा, कैबिनेट मंत्री ने बताया निजी अस्पतालो मे कैशलेस उपचार प्राप्त करने का तरीका

हाल ही में यह देखा गया है कि कुछ CGHS से सूचिबद्ध निजी अस्पताल लाभार्थियो को कैशलेस उपचार प्रदान करने में अनिच्छुक होते हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि पेंशनभोगियों और अन्य लाभार्थियों को पहले उपचार के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है, और फिर बाद में उस राशि की प्रतिपूर्ति के लिए CGHS से अनुरोध करना पड़ता है। यह प्रक्रिया उनके लिए काफी जटिल और असुविधाजनक हो जाती है, विशेषकर वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए जो सीमित संसाधनों पर निर्भर होते हैं।

इसी को देखते हुए लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सांसद श्री सु. वेंकटेशन ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार को पेंशनभोगियों के कैशलेस उपचार प्राप्त करने में आ कठिनाइयों की जानकारी है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या निजी सूचिबद्ध अस्पताल लाभार्थियो को कैशलेस उपचार देने में अनिच्छुक होते हैं, जिससे लाभार्थियो को पहले शुल्क का भुगतान करना पड़ता है फिर बाद में CGHS से उसकी प्रतिपूर्ति प्राप्त करनी पड़ती है?

उन्होने कहा कि अगर यह सच है तो दोषी अस्पतालों के खिलाफ क्या कार्यवाई की जा रही है और CGHS के अंतर्गत कर्मचारी/पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस उपचार सुनिश्चित करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?

सरकार ने दिया जवाब

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने इन सवालों का उत्तर देते हुए कहा कि सभी केंद्र सरकार के पेंशनभोगी और पात्र लाभार्थी, जिनके पास सीजीएचएस कार्ड है, वे सीजीएचएस पैनलबद्ध अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों में कैशलेस स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह सेवाएं NHA (राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण) के आईटी प्लेटफार्मों के माध्यम से उपलब्ध हैं।

कैशलेस उपचार में आनेवाली समस्याओं का समाधान

मंत्री ने बताया कि यदि पेंशनभोगियों को कैशलेस उपचार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो वे अपनी शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्रस्तुत कर सकते हैं। इसमें ई-मेल, पीजी पोर्टल, स्थानीय सलाहकार समितियों, और सीजीएचएस शहरों के अपर निदेशकों के साथ क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठकें शामिल हैं।

कैशलेस उपचार सुनिश्चित करने के लिए सरकार के द्वारा उठाए गए कदम

कैशलेस उपचार सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं:

  • समय पर भुगतान सुनिश्चित करना: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पैनलबद्ध अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। सितंबर 2023 में, विभाग ने लंबित भुगतानों की समय अवधि को 5-6 महीने से घटाकर 20-25 दिनों तक कर दिया है।
  • पैकेज दरों मे संशोधन: CGHS पैकेज दरों के संशोधन के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। जल्द ही उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा।
  • शिकायत निपटान: CGHS अधिकारी किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हैं और पैनलबद्ध अस्पतालों के नोडल अधिकारियों के माध्यम से समस्याओं का समाधान करते हैं।
  • दंडात्मक कार्रवाई: यदि कोई अस्पताल MUA (समझौता ज्ञापन) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और जुर्माना लगाया जाता है। इसमें 15% पीबीजी की राशि जब्त करना और अधिक भुगतान की वसूली शामिल है।
  • बैठक और निर्देश: HCO (स्वास्थ्य सेवा संगठन) को क्षेत्रीय सलाहकार समिति (ZAC) की बैठकों में भाग लेने और CGHS दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • सख्त अनुपालन: मंत्रालय/विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सीजीएचएस दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है।

इस तरह, सरकार ने CGHS के तहत पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा को सुचारू और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

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1 thought on “CGHS लाभार्थियो को तोहफा, कैबिनेट मंत्री ने बताया निजी अस्पतालो मे कैशलेस उपचार प्राप्त करने का तरीका”

  1. The situation on ground in r/o CGHS beneficiary except Delhi and other Metros are so pathetic.Being retiree I purchased medicine from market unfortunately the reimbursement are taking 7-8 months which can easily imagine by others.Vocal Government not paying heed towards these subjects.Shameful

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