आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस (AGI) योजना भारतीय सेना के जवानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। यह योजना सैनिकों की सेवा अवधि के दौरान और उसके बाद भी उनके और उनके परिवार के वित्तीय सुरक्षा के लिए बनाई गई है। यह केवल सैनिकों के सेवा के दौरान नहीं, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी 60 वर्ष की आयु या रिटायरमेंट के 30 वर्षों तक सक्रिय रहती है।
AGI के लिए फंड की कटौती
जब सैनिक सेवा में होते हैं, तो उनके वेतन से नियमित रूप से एक निश्चित राशि AGI के लिए काटी जाती है। यह कटौती सेना के सभी जवानों के लिए अनिवार्य होती है, ताकि वे और उनके परिवार भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित घटना का सामना करते है तो उनको वित्तीय लाभ प्रदान किया जा सके।
AGI की दो मुख्य शर्तें
इस योजना के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण शर्तें लागू होती हैं:
1. सेवा के दौरान कवरेज: सैनिक की सेवा अवधि के दौरान यह इंश्योरेंस कवरेज सक्रिय रहता है। यदि इस अवधि में सैनिक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को AGI के तहत बीमा राशि मिलती है।
2. सेवा निवृत्ति के बाद कवरेज: सैनिक की सेवानिवृत्ति के बाद भी यह इंश्योरेंस कवरेज जारी रहता है। यह कवरेज 60 वर्ष की आयु तक या रिटायरमेंट के 30 वर्षों तक, जो भी पहले हो, के लिए होता है।
अनजाने में होता है लाखो का नुकसान
बहुत से सैनिक अपनी सेवानिवृत्ति के बाद केवल सेवानिवृत्ति की राशि लेकर संतुष्ट हो जाते हैं और यह नहीं जानते कि AGI के तहत उन्हें 60 वर्ष की आयु तक या रिटायरमेंट के 30 वर्ष तक का सुरक्षा कवच मिलता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई सैनिक 50 वर्ष की आयु में रिटायर होता है और उसकी मृत्यु 80 वर्ष की आयु में होती है, तो भी उसके परिवार को AGI के तहत 5 लाख रुपये की राशि मिल सकती है। लेकिन वे जानकारी के अभाव में केवल सेवानिवृत्ति की राशि लेते है और सेवा के समय की राशि नही लेते। जिससे उनको नुकसान होता है।
AGI का लाभ कैसे प्राप्त करें?
AGI के तहत मिलने वाले लाभ को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने आवश्यक हैं:
1)परिवार को जानकारी दें: सबसे पहले, भूतपूर्व सैनिक को चाहिए कि वे अपनी पत्नी और बच्चों को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी दें। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि उनके परिवार को उनके निधन के बाद भी वित्तीय सुरक्षा मिल सके।
2)दस्तावेज़ तैयार करें: यदि भूतपूर्व सैनिक की मृत्यु 60 वर्ष की आयु तक या रिटायरमेंट के 30 वर्षों के भीतर हो जाती है, तो उसकी पत्नी को जिला सैनिक बोर्ड के माध्यम से प्रार्थना पत्र तैयार करना चाहिए। इस पत्र के साथ जरूरी दस्तावेज़ जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक की जानकारी, आधार कार्ड आदि संलग्न करें।
3)जिला सैनिक बोर्ड के माध्यम से भेजें: सभी दस्तावेज़ जिला सैनिक बोर्ड के माध्यम से एजीआईएफ भवन, नई दिल्ली को भेजें। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, AGIF 5 लाख रुपये की राशि परिवार को प्रदान करेगा।
AGI के बारे में जागरूकता फैलाये
यह देखा गया है कि बहुत से भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों के बारे में अनजान होते हैं। इसकी वजह से वे इस महत्वपूर्ण राशि से वंचित रह जाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने परिचित भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को इस योजना के बारे में जागरूक करें।
AGI से जानकारी कैसे प्राप्त करें?
AGIF स्वयं से इस जानकारी को परिवार के साथ साझा नहीं करता। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप या आपका परिवार AGIF से संपर्क कर इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इससे न केवल आपको आवश्यक जानकारी मिलेगी, बल्कि आप अपने अधिकारों का भी सही तरीके से उपयोग कर पाएंगे।
निष्कर्ष
AGI योजना सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। इसे लेकर जानकारी का अभाव कई बार परिवारों को इस लाभ से वंचित कर देता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवार इस योजना के बारे में पूरी जानकारी रखें और आवश्यक दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखें। इस जानकारी को दूसरों के साथ साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें और अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
यह भी पढे:
बिग ब्रेकिंग, वन रैंक, वन पेंशन (OROP) पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लतेड़ा, बता दी कड़वी सच्चाई
खुशखबरी, OROP-3 Pension टेबल जारी, 15 अगस्त के पहले खाते में आएगा पेंशन?
ECHS लाभार्थियो के लिए बड़ी खबर, लोकसभा से आयी चौकानें वाली जानकारी, सभी पेन्शनभोगी ध्यान दे!