OROP-3 Pension: भारत सरकार ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने “वन रैंक वन पेंशन” (OROP) योजना के तहत OROP-3 पेंशन संशोधन की घोषणा की है, जिससे सेना, नौसेना और वायुसेना के लाखों सेवानिवृत्त सैनिकों को लाभ होगा। यह फैसला लंबे समय से चली आ रही पेंशन असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है OROP योजना?
“वन रैंक वन पेंशन” (OROP) योजना का मुख्य उद्देश्य उन सभी सेवानिवृत्त सैनिकों को समान पेंशन प्रदान करना है, जिन्होंने समान रैंक और सेवा अवधि में सेवाएं दी हैं, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति किसी भी समय क्यों न हुई हो। इससे पहले, पेंशन की गणना अलग-अलग अवधि के अनुसार की जाती थी, जिससे समान सेवा करने वाले सैनिकों के बीच पेंशन में बड़ा अंतर हो जाता था।
पेंशन संशोधन की मुख्य बातें
- समान रैंक और सेवा अवधि के लिए समान पेंशन: OROP योजना के तहत अब सभी सेवानिवृत्त सैनिकों को उनकी सेवा अवधि और रैंक के आधार पर समान पेंशन दी जाएगी। इससे पुराने पेंशनभोगियों को भी नई पेंशन दरों के आधार पर लाभ मिलेगा।
- 4.52 लाख नए लाभार्थी: इस संशोधन से 4.52 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को फायदा होगा, जिससे OROP योजना के तहत कुल 25.13 लाख पेंशनभोगी शामिल हो जाएंगे।
- जुलाई 2024 से लागू: यह संशोधन 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा, और सभी लाभार्थियों को इस तारीख से नए संशोधित पेंशन का लाभ मिलेगा।
किन पेंशनभोगियों को होगा फायदा?
इस संशोधन का लाभ उन सभी रक्षा पेंशनभोगियों को मिलेगा जिन्होंने सक्रिय सेवा में रहते हुए विभिन्न रैंकों में योगदान दिया है। इनमें शामिल हैं:
- सेवानिवृत्त अधिकारी और जवान
- सेवामुक्त या अयोग्य घोषित सैनिक
- युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार
- सेवानिवृत्ति के बाद कमीशन प्राप्त अधिकारी
हालांकि, यह संशोधन कुछ श्रेणियों जैसे UK/HKSAR/KCIO पेंशनभोगी, पाकिस्तान और बर्मा की सेना के पेंशनभोगी, रिजर्विस्ट पेंशनभोगी, और समय से पहले सेवानिवृत्त पेंशनभोगी पर लागू नहीं होगा।
OROP योजना का महत्व
OROP योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों के सदस्यों के बीच पेंशन असमानता को समाप्त करना है। इससे उन सैनिकों को भी लाभ मिलेगा जो 2015 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे और जिनकी पेंशन दरें नई पेंशनभोगियों के मुकाबले कम थीं। यह योजना न केवल पेंशनभोगियों के जीवन में स्थिरता लाएगी, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा
OROP योजना के तहत पेंशन की हर पांच साल में समीक्षा की जाएगी ताकि आर्थिक स्थितियों और मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखा जा सके। इसके अलावा, यह योजना उन परिवारों के लिए भी लाभकारी है जो सैनिकों के निधन के बाद उनके पेंशन लाभ का उपयोग करते हैं। विशेष रूप से विधवाओं के लिए यह योजना एक बड़ी आर्थिक सहायता का स्रोत है।
OROP का भविष्य
OROP योजना न केवल वर्तमान पेंशनभोगियों को राहत प्रदान करती है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानजनक और न्यायसंगत पेंशन मिले, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थायित्व बना रहे। यह फैसला उन लाखों सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा, जिन्होंने देश की सेवा में अपना महत्वपूर्ण समय और जीवन समर्पित किया है।
निष्कर्ष:
OROP योजना के तहत किए गए इस संशोधन ने सेवानिवृत्त सैनिकों के हितों की रक्षा की है और उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि वह देश के सशस्त्र बलों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेती है और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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