नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ऑफिसर्स एसोसिएशन (NCOA) ने गहरी चिंता व्यक्त की है और प्रधानमंत्री को एक लेटर लिखा है जिसमे कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के 04 नवंबर 2022 के आदेश के कार्यान्वयन में लंबी देरी हो रही है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिन EPS-95 सदस्यों ने पहले अपना विकल्प नहीं चुना था, उन्हें संशोधित योजना के तहत आदेश की तारीख से चार महीने के भीतर ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
EPFO द्वारा बार-बार विस्तार
EPFO ने समय सीमा को कई बार बढ़ाया है, हाल ही में 31 मई 2024 तक बढ़ाया था। इन विस्तारों ने कुछ के लिए अधिक समय प्रदान किया है, लेकिन उन EPS-95 सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों के बीच महत्वपूर्ण तनाव पैदा किया, जिन्होंने पहले ही अपने संयुक्त विकल्प प्रस्तुत कर दिए थे।
असंगत कार्यान्वयन
EPFO के कोयंबटूर स्थित जोनल कार्यालय ने 14 फरवरी को एक ईमेल जारी किया जिसमें प्रो-राटा आधार पर पेंशन गणना की एक विधि का विवरण दिया गया, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश और EPFO के अपने सर्कुलर के विपरीत है, जिससे सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन होता है।
पेंशन गणना के मुद्दे
EPS-95 से पहले की सेवा के लिए पेंशन को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया है। इसके अलावा, जबकि पेंशनभोगियों को अंतर राशि पर ब्याज का भुगतान करना आवश्यक है, EPFO पेंशन बकाया के लिए ब्याज का भुगतान नहीं करता है।
हमारी मांगें
तत्काल अनुपालन:
हम EPFO से आग्रह करते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन करे और 13 दिसंबर 2023 को जारी किए गए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों और 01.06.2023 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार पेंशन वृद्धि को बिना किसी देरी के लागू करे।
लंबित आवेदन संसाधित करना
सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों द्वारा पहले से जमा किए गए संयुक्त विकल्प आवेदनों को बिना किसी और प्रतीक्षा के तेजी से संसाधित करें।
गणना विधि मे सुधार:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सही गणना विधि सुनिश्चित करें, जो कानूनी जनादेश के विपरीत प्रो-राटा समायोजन को बाहर करती हो।
बकाया पर ब्याज:
पेंशनभोगियों को पेंशन वितरण में देरी के कारण किसी भी बकाया पर ब्याज का भुगतान करके निष्पक्ष रूप से मुआवजा दें। उन्होंने कहा है कि इसमें हो रही देरी और असंगत निर्देशों ने सेवानिवृत्त और कर्मचारियों के बीच अनावश्यक चिंता और वित्तीय संकट पैदा कर दिया है। हम आपकी तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पत्र और भावना में सम्मानित किया जा सके, और सेवानिवृत्त और कार्यरत कर्मचारियों में विश्वास और वित्तीय स्थिरता बहाल की जा सके।
हम आपकी त्वरित प्रतिक्रिया और आवश्यक कार्रवाई की अपेक्षा करते हैं।
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But Pradhan mantri is highly not willing to increase any type of pension
Sir, desember me Maharashtra me vidan parishad ka chunav hone wala hai.fir isaka election result par parinam jajur hoga dekh lo.
Yes PM is against increasing pension of private sector. He is interested in favouring government pensioners. That is the pitiful part of the government.
Sir you are 💯 percent right 👍
Government is not going to the pansion Increasing till date please
We opted the scheme subject to return the principal eps share deposited with the scheme. The para is amended in 2008 which should be implemented on the appoities who joind the scheme after amendment. We should demand for for refuund of the same as precondition.
Please share final higher pension calculation
The central govt does not want to think about the pvt pensioners who are suffering since long back.
EPFO Andor Chor – Daku baitha hain. Aeh Kuch Officer hain , jo eps 95 ka Khilap kaam kor Raha. Churi air Dakati Andor Se Chal Raha , Nehi toh S/ Court ka Order vi Laagu nehi hoh raha.
Central Government ko Aehi Officer logo ne Vorkaha. Akbar Lagu hoh giha toh,Sob Churi khatom hoh jahenge.
Dhanyabad.
See what I feel govt servants earn a lot of money till they retire. But we people working in private sector do not have any benefit or big packet of salary. Why PM doesn’t think about it. We have less salary and be nefit than govt servants. So PM can give us at least a good pension.
Sath lakh eps walene modji ko garrunty di thi ki hum aapko support ksrege ,kewal aap hamari 7500 ki gurrenty le par modiji mani nahi .sarkari logoko pension hote huye bhi purani de rahe hai. Isi liye papu neta prati paksh bana. Jo pm ka matha kha raha hai .its meana eps person are very needy but sarkar andekhi kar rahi hai
After completing 37 years of services I got retirement on Dec 2008 and at that time my basic salary was ₹27810/-.
I m getting ₹1780/- as pension. No one can fulfill day to day requirement with pension of ₹1780/ ?