Commutation of Pension को लेकर कर्मचारियो/ पेन्शनधारको मे बहुत सारी कन्फ्युजन रहती है। हर राज्य मे इसको अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है। कई लोग इसको इसको पेंशन बेचना (पेन्शन विक्री) कहते है। कई लोग इसको पेन्शन लोन भी कहते है, कही पे इसको अंशराशीकरण कहते है, वही पे कई लोग इसको commutation कहते है। इतने सारे नाम से इसको जाना जाता है, पर इसका मतलब एक ही होता है। अखिरकार ये क्या है, क्या है इसके फायदे और नुकसान, पुरी कन्फ्युजन आपकी इस लेख मे दूर होनेवाली है।
पेंशन बेचना (Commutation of Pension) क्या है
कर्मचारी/पेन्शनभोगी जब रिटायर होते है तो वे अपनी पेन्शन को बेच सकते है, पेन्शन बेचकर एक साथ पैसा ले सकते है इसके बदले मे उनकी पेन्शन से हर महीने कटौती होती है और ये कटौती पुरे 15 साल तक होती है। ये पुरी तरह से ऑप्शनल रहता है। कर्मचारी/ पेन्शनभोगी की इच्छा के उपर निर्भर होता है की वे इसको ले या ना ले।
तो चलिए प्रश्नोत्तर के माध्यम सारे भ्रम को दूर करते है।
प्रश्न- कितनी पेंशन का संराशीकरण (Commutation of Pension) किया जा सकता है?
उत्तर- पेंशनभोगी, सेवानिवृत्ति के समय देय पेंशन के 40% तक के संराशीकरण का विकल्प चुन सकते है। वही डिफेंस के पेन्शनधारक 50% अमाऊंट कम्यूट करा सकते है।
प्रश्न- क्या पेंशन के संराशीकरण पर कोई प्रतिबंध है?
उत्तर- हाँ, कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसके विरुध्द उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि से पूर्व या कोई पेंशनभोगी जिसके विरुध्द सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन नियमावली के नियम 9 में निर्दिष्ट विभागीय या न्यायिक कार्यवाही आरंभ की गई है, वह ऐसी कार्यवाही के लंबित रहते हुए पेंशन नियमावली के नियम 69 के तहत प्राधिकृत अपनी अस्थायी पेंशन या पेंशन के एक अंश का संराशीकरण करने का हकदार होगा।
प्रश्न- यदि पेंशनभोगी की अपने विकल्प का उपयोग करने से पहले ही मृत्यु हो जाती है. तो क्या परिवार को 40 प्रतिशत संराशीकरण का लाभ दिया जा सकता है?
उत्तर- जी नहीं, जब तक ऐसे मामलों में संराशीकरण प्रभावी नहीं हो जाता, कुटुंब को लाभ प्रदान नहीं किया जा सकता ।
प्रश्न- पेंशन के संराशीकृत भाग की बहाली के लिए 15 वर्षों की अवधि की गणना किस प्रकार की जाती है?
उत्तर- 15 वर्षों की अवधि की गणना सेवानिवृत्ति की तिथि से ही की जा सकती है, यदि पेंशन की संराशीकृत राशि का भगुतान, सेवानिवृत्ति के पहले ही माह में किया गया था/ किया गया है, जिसके फलस्वरूप पहली पैशन से ही उचित राशि घटा दी जाएगी। अन्य सभी मामलों में, जहाँ घटी हुई पेंशन दूसरे या बाद के महीनों में लागू होती है, वहाँ 15 वर्षों की अवधि की गणना उस तिथि से की जाएगी जब से घटी हुई पेंशन प्रभावी हुई थी/ होती है।
प्रश्न- क्या 15 वर्षों के बाद पीएओ सीपीएओ से पेंशन की संराशीकृत राशि की बहाली के प्राधिकार की आवश्यकता होती है?
उत्तर- नहीं, 15 वर्षों के बाद पेंशन के संराशीकृत भाग की बहाली (संराशीकृत राशि जमा करने की तिथि से) या सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित अवधि अनुसार, पात्र पेंशनभोगी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करने पर बैंक द्वारा स्वतः की जानी चाहिए। ऐसे मामलों में जहाँ पीपीओ में पेशन के संराशीकरण की तिथि का उल्लेख नहीं है, वहाँ बैंक पेंशन के संराशीकरण भाग की बहाली करने से पूर्व सीपीएओ के माध्यम से पीपीओ जारी करने वाले पीएओ से सूचना प्राप्त करेगा।
प्रश्न- पेंशन के संराशीकृत भाग की बहाली के लिए पेंशनभोगी को क्या करना होगा? यह किस तिथि से बहाल की जाती है?
उत्तर- संराशीकरण की तिथि से 15 वर्षों बाद पेंशन के संराशीकृत आग की बहाली की जानी चाहिए। इस बहाली को 01.04.85 से आरंभ किया गया था, अर्थात् जिन लोगों ने 01.04.85 या उसके बाद 15 वर्ष पूरे किए थे, उनकी पेंशन बहाल की जाती। इस 15 वर्षों की अवधि की गणना सेवानिवृत्ति की तिथि से की जाएगी, पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में सेवा पेंशन के साथ ही संराशीकरण की मंजूरी दी गई थी।
जहां सेवानिवृत्ति की तिथि के बाद संराशीकरण की मंजूरी दी गई थी, वहाँ जिस तिथि को पेंशनभोगी के खाते में राशि जमा की गई थी, उसके 15 वर्षों बाद पेंशन के संराशीकृत भाग की बहाली के लिए प्रत्येक पेंशनभोगी को 15 वर्ष पूरे होने पर एक आवेदन पत्र के माध्यम से अपने पेंशन वितरण अधिकारी (पी डीए) को आवेदन करना होगा।
प्रश्न- क्या पेंशन के संराशीकृत भाग की बहाली उन पर लागू होती है, जो स्थायी तौर पर स्वायत्तशासी निकायों / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में आमेलित हो गए थे और पेंशन के बदले 100% एकमुश्त भुगतान प्राप्त किया था ?
उत्तर- हाँ। दिनांक 06.09.2007 के कार्यालय ज्ञापन, दिनांक 15.09.2008 और 11.07.2013 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार पेंशन के केवल एक-तिहाई भाग की बहाली की जा सकती है। वृध्द पैशनभोगियों (80 वर्ष और उससे अधिक) को देय अतिरिक्त पेंशन और पूरी पेंशन पर महंगाई राहत भी देय है।
प्रश्न- पेंशन की बहाली क्या है, और यह कब देय होती है?
उत्तर- पेंशनभोगियों द्वारा पैशन के संराशीकृत भाग की बहाली, एकमुश्त सरांशीकृत राशि के भुगतान तिथि से 15 वर्ष पूरे होने के बाद देय होती है।
प्रश्न- घटी हुई / अवशिष्ट पेंशन क्या है?
उत्तर- पेंशन के संराशीकृत भाग को घटाने के बाद देय पेंशन भाग को अवशिष्ट पेंशन कहा जाता है।
प्रश्न- अतिरिक्त संराशीकरण योग्य पैशन के संराशीकरण के उद्देश्य हेतु आयु क्या होगी, और इस अतिरिक्त संराशीकृत राशि के लिए किस गुणक का उपयोग किया जाएगा?
उत्तर- पेंशन के संराशीकरण के मूल आवेदन के समय पेंशन की संराशीकृत राशि की गणना के लिए ली जाने वाली आयु ही अतिरिक्त संराशीकरण योग्य पेंशन राशि पर लागू होगी। हालांकि वेतन/ पेंशन के पूर्व तिथि से प्रभावी संशोधन के फलस्वरूप संराशीकरण योग्य पेंशन की अतिरिक्त राशि के संराशीकरण के लिए दिनांक 02.09.2008 के कार्यालय ज्ञापन में उल्लिखित पेंशन की अतिरिक्त राशि संराशीकरण की संशोधित तालिका में दिए गए संराशीकरण गुणक का उपयोग किया जाएगा।
प्रश्न- पेंशन के अतिरिक्त संराशीकरण के कारण पेंशन में किस तिथि से कमी की जाएगी?
उत्तर- पेंशन के अतिरिक्त संराशीकरण के फलस्वरूप केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन का संराशीकरण) नियमावली, 1981 के नियम 6 में निहित उपबंधों के अनुसार दो चरणों में पेंशन में कमी की जाएगी।
प्रश्न- पेंशन के अतिरिक्त संराशीकरण के बहाली की क्या तिथि होगी?
उत्तर-केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन का संराशीकरण) नियमावली, 1981 के तहत भारत सरकार के निर्णय सं. 1 के अनुसार पैशन के संराशीकृत भाग की बहाली संराशीकरण की तिथियों के 15 वर्षों के बाद की जाएगी। पीपीओ में इस आशय का अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाए।
प्रश्न- यदि किसी व्यक्ति की जन्मतिथि माह की पहली तिथि होती है तो वहाँ पिछले माह में सेवानिवृत्त होता है। संराशीकरण तालिका के लिए क्या मान लिया जाएगा?
उत्तर- पेंशन का संराशीकरण उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि के अगले दिन प्रभावी हो जाता है। अतः यदि वह 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद सेवानिवृत हुआ है तो संराशीकरण के लिए उसके 61वें जन्मदिन की आयु का मान लिया जाएगा, अर्थात् वर्तमान संराशीकरण तालिका में 8.194 लिया जाएगा।
प्रश्न- यदि संराशीकृत राशि का भुगतान चरणों में किया जाता है, तो उसकी बहाली की तिथि क्या होगी?
उत्तर- यदि संराशीकृत राशि का भुगतान चरणों में किया जाता है, तो बहाली भी भुगतान की तिथियों से क्रमशः चरणों में की आएगी।
प्रश्न- क्या वह व्यक्ति, जिसने अपनी पेंशन का कुछ प्रतिशत संराशीकृत कराया है, वह बाद में बचे हुए भाग का अधिकतम 40 प्रतिशत तक संराशीकृत करा सकता है (उदाहरण के लिए यदि एक व्यक्ति ने सेवानिवृति पर अपनी पेंशन के 20 प्रतिशत को संराशीकृत कराया है और वह यथाप्राधिकृत था तो, क्या वह अपनी पेंशन के शेष 20 प्रतिशत को संराशीकृत करा सकता है?
उत्तर- पहले विकल्प के प्रभावी हो जाने के बाद संराशीकरण के लिए दूसरे विकल्प का कोई प्रावधान नहीं है।
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पेन्शन बेचने के फायदे
जब कर्मचारी/ पेन्शनभोगी commutation कराते है तो उनकी पेन्शन से हर महीने कटौती होती है, जिससे की उनकी पेन्शन कम बनती है। जिसके कारण उनको पेन्शन पे इन्कम टॅक्स कम देना पडता है। अगर पेन्शनभोगी की मृत्यू हो जाती है तो फॅमिली पेन्शन से उसकी कटौती नही होती है, पुरा का पुरा commutation का पैसा माफ हो जाता है, रिकवरी तत्काल प्रभाव से बंद हो जाती है।
पेन्शन बेचने के नुकसान
पेन्शन बेचने का नुकसान यह है किे 15 साल तक पेन्शन कम बनती है क्युकी आपने 40% पेन्शन बेचकर एक साथ पैसा ले लिया। 15 साल तक आपकी पेन्शन से कटौती होती है, जिससे की ज्यादा पैसा सरकार को भरना पडता है। उदाहरण के तौर पर मान लिजीए आपको रिटायरमेन्ट के समय commutation के रूप मे 12 लाख मिला पर 15 साल के बाद इसकी बहाली होती है। ऐसे मे 15 साल तक आप लगभग 20 से 23 लाख पैसा सरकार को भर देगे।
Commutation amount less basic pay….ie, 60 percent….. value par hi D R calculation hoga ya total basic amount par calculate hoga?
total basic amoount par
DR पूरी/ टोटल पेंशन पर मिलता रहेगा।
Total pension par
Is commutation amount is taxable
No commuted amount is tax free.