पेंशन विभाग को यह सूचित करने का निर्देश हुआ है कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली 1972 का अंत करते हुए केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली 2021 को अधिसूचित किया है।
दोषी पाए जाने पर पेंशन रुकेगी
CCS पेंशन नियमावली 2021 के नियम 7 के अनुसार, यदि पेंशनभोगी किसी गंभीर अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया गया है या किसी गंभीर अवचार का दोषी पाया गया है तो नियुक्ति प्राधिकारी, पेंशन या उसके किसी भाग को लिखित आदेश द्वारा स्थायी रूप से अथवा कुछ अवधि के लिए रोक सकेगा या अस्वीकृत कर सकेगा।
फैमिली पेंशनभोगी की भी रोकी जाएगी पेंशन
इसके साथ ही इसमे कहा गया है कि ‘पेंशन’ पद के अंतर्गत कुटुंब पेंशन भी शामिल है और पेंशनभोगी पद के अंतर्गत कुटुंब पेंशनभोगी भी है। ऐसे में यदि पेंशनभोगी किसी गंभीर अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया गया है या किसी गंभीर अवचार का दोषी पाया गया है तो कुटुंब पेंशनभोगी को दी गई कुटुंब पेंशन भी रोकी या अस्वीकृत की जा सकेगी।
सभी विभागों से इस प्रकार कार्यवाई करने की अपील
सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 2021 के अनुसार किसी गंभीर अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराया जाने पर या किसी गंभीर अवचार का दोषी पाए जाने पर पेंशन/कुटुंब पेंशन को रोकने या अस्वीकृत करने से संबंधित उपरोक्त नियमो का सख्ती से अनुपालन करने हेतु, इन्हें मंत्रालय/विभाग और उसके अधीन संबद्ध अधीनस्थ कार्यालयों में पेंशन हितलाभों का निपटान करने वाले कार्मिकों के संज्ञान में लाएं।
दोषी होने की दशा में पेंशन/उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने का अधिकार
केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 1972 के नियम 8 के अनुसार राष्ट्रपति को सभी मामलों में पेंशन/उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने का अधिकार प्राप्त था लेकिन CCS पेंशन नियम 2021 में इसको बदल दिया गया है।
क्या हुआ है बदलाव
संशोधित नियम 8 के अनुसार, जब किसी विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियों में पेंशनभोगी के बारे में यह पाया जाए कि वह अपने सेवाकाल में गंभीर अवचार या उपेक्षा का दोषी रहा है तो पेंशन और ग्रेच्यूटी रोकने या अस्वीकृत करने का अधिकार इस प्रकार से होगा।
ऐसे पेंशनभोगी जिनकी नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति के माध्यम से किया गया है यानी कि पेंशनभोगी ऐसे किसी पद से सेवानिवृत्त हुआ हो जिसकी नियुक्ति प्राधिकारी, राष्ट्रपति है तो पेंशन या उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने का आदेश केवल राष्ट्रपति के पास होगा।
वही पे अन्य पेंशनभोगियों के मामलों में, प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग के सचिव पेंशन या उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने के लिए सक्षम होगे।
इसी प्रकार, ऐसा पेंशनभोगी जो भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग जिसके लिए राष्ट्रपति के अधीनस्थ प्राधिकारी, नियुक्ति प्राधिकारी है, से सेवानिवृत हुआ है तो ऐसे मामले में भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक पेंशन या उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने के आदेश करने के लिए सक्षम होगा।
ऐसे मामलों में जहां राष्ट्रपति नियुक्ति प्राधिकारी नहीं है वहां यूपीएससी के साथ परामर्श करना आवश्यक नहीं होगा।
राष्ट्रपति के द्वारा रोकी गई तो नही की जा सकती अपील
माननीय राष्ट्रपति के द्वारा जब पेंशन/ग्रेच्यूटी रोकी या अस्वीकृत की जाएगी तो इसकी अपील नही की जा सकती लेकिन किसी प्राधिकारी/विभाग के द्वारा रोकने या अस्वीकृत करने का आदेश जारी किया गया है तो इसमें खिलाफ अपील करने का उपबंध किया गया है।
कर्मियों के संज्ञान में ये नियम लाया जाए
सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि जहां पेंशनभोगी अपने सेवाकाल में गंभीर अवचार या उपेक्षा का दोषी पाया जाए, उस दशा में पेंशन/उपदान को रोकने या अस्वीकृत करने के अधिकार से संबंधित उपर्युक्त संशोधित नियम पेंशन हितलाभों का निपटान करने वाले कार्मिकों के संज्ञान में लाया जाए।
Can you upload the concerned circular/order.
OK