ऐसे कर्मचारी जो 30 जून/31 दिसंबर को रिटायर हुए हैं तो उनको 1 जुलाई/1 जनवरी का इंक्रीमेंट का फायदा नहीं दिया जाता है। अगर कर्मचारी कोर्ट का रुख करते हैं और कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाता है तो ही उनको इसका फायदा दिया जाता है। अब ऐसे में उनका बकाया Arrear का भुगतान कैसे किया जाएगा उसको लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया गया है।
बकाया (Arrear) का भुगतान कैसे किया जाएगा
आपको बता दूं कि ऐसे मामलों में विभागों/मंत्रालयों के सामने यह सवाल आ रहा था की जितने भी कर्मचारी कोर्ट केस किए थे और कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुना दिया था फिर भी रेलवे की तरफ से उनको भुगतान नही किया गया तो उसके बाद याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट की अवहेलना की याचिका फिर से लगायी गयी तो उनको बकाया का भुगतान कौन सी तारीख से करना है? जिस दिन से वे रिटायर हुए हैं उस दिन से या जिस दिन से उन्होंने याचिका कोर्ट में डाली है उस दिन से। इसी को लेकर अब रेलवे का स्पष्टीकरण आ चुका है कि बकाया भुगतान कैसे किया जाएगा।
20.05.2024 को एक नया सर्कुलर जारी
आपको बता दूं कि रेलवे बोर्ड की तरफ से एक सर्कुलर 09.02.2024 को जारी किया गया था जिसमें ऐसे कर्मचारी जो कोर्ट का रुख किए थे और कोर्ट में उनकी जीत हुई थी तो ऐसे कर्मचारियों को 1 जुलाई का इंक्रीमेंट देने का निर्देश दिया गया था लेकिन उनको भुगतान नही किया गया फिर याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट की अवहेलना की याचिका डाली गयी तो अब जाके उनको भुगतान किया जाएगा लेकिन बकाया का भुगतान कैसे किया जाएगा यह विभाग के सामने बड़ा प्रश्न था. अब उसको लेकर रेलवे की तरफ से 20.05.2024 को एक नया आदेश जारी किया गया है और इस प्रकार से बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने दिया बकाया Arrear भुगतान का निर्देश
आपको बता दूँ कि रेलवे बोर्ड के संज्ञान में आया कि ऐसे नए मामलों में कोर्ट याचिका डालने की तारीख से पिछले 3 साल पहले का बकाया भुगतान करने का निर्देश दे रही है। कोर्ट ने ऐसे कई मामले सुनाएं जिसमें कर्मचारियों की जीत हुई लेकिन कर्मचारी के रिटायरमेंट की तारीख से बकाया का भुगतान ना करके याचिका डालने की तारीख से पिछले 3 साल पहले का बकाया भुगतान करने का निर्देश दिये गए।
बकाया भुगतान पर रेलवे बोर्ड का बड़ा फैसला
रेलवे बोर्ड ने इसकी जाँच की और यह निर्णय लिया कि नए मामलों में जो कर्मचारी कोर्ट में जीत के आए हैं तो ऐसे कर्मचारियों को याचिका डालने की तारीख से पिछले 3 साल पहले का ही बकाया का भुगतान किया जाएगा। पुराने मामले में जो निर्णय ले लिया गया है वही रहेगा, पुराने मामलों को फिर से खोला नहीं जाएगा।
एक उदाहरण से आपको समझा दूँ कि कोई कर्मचारी 30 जून 2013 में रिटायर हुआ है और उन्होंने कोर्ट मे याचिका डाली 20 मई 2023 को तो ऐसे मामलों में इनको 30 जून 2013 से बकाया का भुगतान नही किया जाएगा। इनको केवल याचिका डालने की तारीख से पिछले 3 सालों का (20 मई 2020 से 20 मई 2023 तक का) ही बकाया का भुगतान किया जाएगा।
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CAG ने भी ऐसे मामलों में लिया था बड़ा निर्णय
11.04.2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कर्मचारियो को 1 इन्क्रिमेंट का फायदा देने का निर्णय दिया था। कोर्ट ने कहा कि जो कोर्ट केसेस है जो नॉन कोर्ट केसेज है सभी को इसका फायदा मिलना चाहिए ऐसे में CAG ने आदेश जारी किया और सभी को इसका फायदा देने का निर्णय लिया लेकिन उसमे एक मुद्दा जोड़ा गया कि इसका फायदा केवल उनको ही मिलेगा जो दिनांक 11.04.2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिटायर हुए है या होनेवाले है। उसके पहले के रिटायर कर्मी को इसका फ़ायदा नही दिया जाएगा, 11.04.2023 के पहले जितने भी कोर्ट केसेस है केवल उनको ही फायदा मिलेगा।
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30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होनेवालों को पेंशन लाभ के लिए मिलेगा 1 extra Increment का फायदा
30 जून/ 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगा 1 Notional Increment का लाभ। आ गया बड़ा फैसला।
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FMA @Rs.1000/- per month is being paid to the health card holders pensioners, who are living out of Delhi ,in non CGHS CITIES ,but the same is being denied to the pensioners, who hold the health card under DGHS and are living out of Delhi.will any one give the reason for such discrimination.?
Why the DoPT no issue orders on the above issue number of retirees wants increment who retired on 30th June and 31st December. Every retirees is necessary to file a court case for granting increment. As number of Govt of India deptts given relief to their retirees. Once again requested to DoPT kindly take necessary action in this regard.
ऐसे कर्मचारी या अधिकारीयों को भी इस इंक्रीमेंट का फायदा मिलना चाहिए जो लोग जिस बर्ष से यह नियम लागू हुआ है।उसी बर्ष में चाहे स्वेच्छा से या फुल नौकरी करके आए हैं। क्यों कि उसी फाइनेंशियल बर्ष में 75%लोगो को इस नियम का पता ही नहीं चला।जो लोग क्लेरिकल या ओफिस बर्क में थे। केवल वही लोग केवल उस बर्ष या उसके बाद बारे बर्ष में फायदा उठा पाए। अन्य लोग जैसे थे वैसे ही पुराने नियम के मुताबिक विना फाइनेंशियल लाभों में आए हुए हैं। उन्हें भी फायदे मिलने चाहिए।