केंद्र सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद RSS पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तत्कालीन गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने प्रतिबंध लगाया था, बाद में कुछ शर्तों के साथ इस प्रतिबंध को हटा दिया गया था. साथ मे एक और प्रतिबंध लगाया गया था कि सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में शामिल नही हो सकते लेकिन अब इसी को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी
केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब कमर्चारी RSS की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। 58 साल पहले लगाए गए इस प्रतिबंध को मौजूदा केंद्र सरकार ने हटा लिया है हालांकि कुछ राज्य सरकारे जैसे कि हरियाणा, मध्य प्रदेश हिमाचल प्रदेश ने इस प्रतिबंध को पहले ही हटा दिया था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ राज्यों के कर्मचारियों के लिए भी इस प्रतिबंध को हटा दिया है यानी कि अब सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में खुले तौर पर शामिल हो सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 30 नवंबर 1966 में तत्कालीन केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसको अब PM मोदी ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है।
कांग्रेस के जयराम रमेश ने किया विरोध
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि सन 1966 में सरकारी कर्मचारियों के RSS गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह सही भी था, लेकिन मोदी द्वारा इस प्रतिबंध को हटा दिया गया, जो वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भी लागू था।
पवन खेड़ा ने भी बोला हमला
वहीं, कांग्रेस के एक अन्य नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने भी केंद्र पर हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि 58 साल पहले, तत्कालीन केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने उस आदेश को पलट दिया है।
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