Old Pension Scheme को बहाल करने की मांग तेज होती जा रही है। कर्मचारी इसकी बहाली के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल की धमकी दे चुके हैं। सरकार पर दवाब बनाने के लिए सरकारी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। अभी 10 दिसंबर को पेंशन जयघोष महारैली का आयोजन बड़े स्तर पर किया गया था लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि Old Pension बहाल करने की सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
लोकसभा में इस मुद्दे पर हुई चर्चा
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह बात कही। सरकार ने कहा कि एक जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त किए गए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए Old Pension Scheme को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है।
OPS बंद करके NPS लागू किया
Old Pension Scheme को दिसंबर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था। इसके बाद NPS लागू की गई थी जो एक अप्रैल, 2004 से प्रभावी है। तब कहा गया था कि इसमें ज्यादा पेंशन मिलेगा पर अब कर्मचारी NPS के तहत रिटायर हो रहे है तो उनको नाममात्र पेंशन मिल रही है। किसी को 1000 तो किसी को 2000 ₹ पेंशन मिल रही है।
लोकसभा से आया लिखित जवाब
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के लिए Old Pension Scheme को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के पास कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को समय-समय पर Old Pension Scheme को बहाल करने की मांग को लेकर अनुरोध मिलता रहा है।
NPS को बेहतर बनाने के लिए कमिटी की स्थापना
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि NPS को बेहतर बनाने के लिये वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमिटी का निर्माण किया गया है। अभी के नियम के तहत कर्मचारी की बेसिक+ DA का 10% हिस्सा NPS खाते में जमा किया जाता है। सरकार की तरफ से इसका 14% NPS खाते में जमा किया जाता है।
इन राज्यो में लागू है Old Pension Scheme
वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने Old Pension Scheme को अपने राज्यो में बहाल किया है। वही पश्चिम बंगाल में पहले से ही पुरानी पेंशन लागू है। OPS स्कीम में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है जबकि NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। इसी तरह OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती जबकि NPS में कर्मचारी के वेतन से कटौती होती है।
पढ़िए लोकसभा में क्या पूछा गया है और क्या इसका उत्तर दिया गया
भारत सरकार वित मंत्रालय व्यय विभाग
लोक सभा
लिखित प्रश्न संख्या – 1156
सोमवार, 11 दिसंबर, 2023/20 अग्रहायण, 1945 (शक)
सरकारी कर्मचारी संघों द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग
1156. श्री ए. गणेशमूर्तिः श्री ए. राजाः
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकारी कर्मचारी संघ अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर अंतिम आहरित मूल वेतन पर आधारित पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और सरकार की इस पर क्या प्रतिक्रिया है;
(ख) क्या कुछ राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस को बहाल कर दिया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ग) क्या सरकार अपने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल करने के पक्ष में नहीं है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इसके क्या कारण हैं?
उत्तर वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी)
(क) और (ग): समय-समय पर अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें पुरानी पेंशन योजना को फिर से चालू करने का अनुरोध शामिल है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत सरकार द्वारा दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना द्वारा लागू की गई थी। तब से भारत सरकार ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को युक्तियुक्त बनाने तथा अंशदाताओं के हित की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सरकार के योगदान को पूर्व में वेतन महंगाई भत्ते के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर वेतन महंगाई भत्ते का 14 प्रतिशत करना, अंशदाताओं को पैशन निधि तथा निवेश के पैटर्न के विकल्प चुनने की स्वतंत्रता प्रदान करना, वर्ष 2004-2012 के दौरान किसी भी अवधि के लिए एनपीएस अंशदानों के गैर-जमा अथवा विलंबित जमा के लिए क्षतिपूर्ति का भुगतान करना, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80-ग के अंतर्गत कर में छूट देना और देय रकम के पूर्व में 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक के निर्गम पर एक मुश्त वापसी की कर छूट सीमा में वृद्धि करना तथा संपूर्ण धनवापसी को आयकर से छूट प्रदान करना शामिल है।
दिनांक 01.01.2004 को अथवा इसके बाद भर्ती हुए केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से चालू करने के लिए कोई भी प्रस्ताव भारत सरकार के विचाराधीन नहीं है। सरकारी कर्मचारियों के संबंध में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत् पेंशन के मुद्दे पर विचार करने के साथ-साथ यह जांच करने के लिए कि क्या मौजूदा ढांचे तथा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की संरचना, जैसी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू हैं. उसमें किसी प्रकार के बदलाव अभीष्ट हैं, वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
(ख) राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब तथा हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने केन्द्र सरकार/पीएफआरडीए को अपने-अपने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) मै प्रत्यावर्तित होने के अपने निर्णय के बारे में अवगत कराया है। हालांकि, पंजाब सरकार ने भारत सरकार को यह भी सूचित किया है कि वह लगातार स्टाफ तथा सरकार के योगदान का भुगतान एनपीएस में कर रहे हैं।