सेवानिवृत कर्मचारी व पेंशनर्स एसोसिएशन ने 8th pay commision से केंद्र सरकार के सामने 9 बड़ी मांगे रख दी है जो कि केंद्र सरकार अगर इसको पूरा नहीं करती है तो लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ा खेला हो जाएगा। तो चलिए आपको बता दू कि कौन-कौन सी मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई है। पेंशनधारकों के ऊपर इसका प्रभाव क्या पडने वाला है।
आठवें वेतन आयोग ( 8th pay commision )पर कमेटी गठन की मांग
केंद्र सरकार के समक्ष कर्मचारी और पेंशनधारक यूनियन ने आठवें वेतन आयोग की कमेटी के गठन को लेकर मांग रख चुके हैं। आठवा वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कमेटी का गठन नहीं किया गया है। जब तक कमेटी गठित नहीं होती है तब तक रिपोर्ट जारी नहीं होगी ऐसे में आठवा वेतन आयोग कब लागू होगा।
पेंशन को आयकर से मुक्त रखा जाए
पेंशनभोगीयो की यूनियन ने केंद्र सरकार के समक्ष दूसरी बड़ी मांग रखी है की पेंशनधारकों की पेंशन आयकर से मुक्त रखा जाए। पेंशनधारकों की पेंशन पहले से कम होती है, ऐसे में अगर उसके ऊपर इनकम टैक्स भी लगता है तो पेंशन और भी कम हो जाती है। उसी को देखते हुए पेंशनभोगी यूनियन लगातार कोशिश कर रही है की पेंशन आयकर से मुक्त हो।
पेंशनधारकों को मिले बोनस
पेंशनधारको की यूनियन ने तीसरी बड़ी मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी है की पेंशनभोगियों को भी बोनस का भुगतान होना चाहिए। पेंशनधारकों को ना तो इंक्रीमेंट मिलता है ना ही उन्हें और कोई अन्य फायदा मिलता है। ऐसे में पेंशनधारकों को भी केंद्र सरकार के कर्मचारियो की तरह बोनस का भुगतान होना चाहिए। उन्हे पूरा बोनस ना मिले लेकिन आधा बोनस तो मिलना ही चाहिए।
रेलवे टिकट में मिले 50% छूट
पेंशनधारको की यूनियन ने एक और बड़ी मांग रखी है कि पहले की तरह रेलवे टिकट में उनको 50% छूट दिया जाए। पहले यह सुविधा दी जाती थी लेकिन कोरोना के बाद इसको बंद कर दिया गया जो कि अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में पेंशनधारको की यूनियन ने केंद्र सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा है कि पहले की तरह पेंशनभोगियों को रेलवे किराए में 50% की छूट का लाभ दिया जाए।
पुरानी पेंशन हो बहाल
पेन्शनधारको की यूनियन ने एक और बड़ी मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी है की नए कर्मचारी हो या पुराने कर्मचारी, सभी को पुरानी पेंशन का फायदा मिलना चाहिए। नई पेंशन योजना में कोई भी फायदा नहीं है ऐसे में सभी को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए।
इसको भी पढ़े : FMA पर आ गई बड़ी खबर, पेंशनभोगी तुरंत ध्यान दें
काॅम्यूटेशन बहाली हो 12 साल पर
अभी के नियम के हिसाब से काॅम्यूटेशन बहाली 15 साल के बाद होती है, आपको बता दूं कि जब कर्मचारी रिटायर होते हैं तो उनकी पेंशन में से 40% कटौती होती है और ये कटौती पूरे 15 साल तक होती है। ऐसे में पेंशनभोगियों को ज्यादा पैसा सरकार को भरना पड़ता है, उसी को देखते हुए इसकी बहाली 12 साल पर होनी चाहिए ऐसी मांग केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई है।
उम्र के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार के सामने एक और बड़ी मांग रखी गई है कि 65 साल की उम्र होते ही पेंशनधारकों की पेंशन में 5% की बढ़ोतरी होनी चाहिए, 70 साल की उम्र होने पर 10% की बढ़ोतरी होनी चाहिए वहीं पर 75 साल होने पर 15% की बढ़ोतरी होनी चाहिए। अभी के नियम के हिसाब से 80 साल पूरा होने पर बेसिक पेंशन में 20% की बढ़ोतरी होती है तो इस बढ़ोतरी का क्या फायदा, बहुत कम पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठा पाते हैं, उसी को देखते हुए 65 साल से ही पेन्शन मे वृद्धी का फायदा मिलना चाहिये।
30 जून रिटायर्डकर्मी को मिले नोशनल इंक्रीमेंट का फायदा
अगली बड़ी मांग के सरकार के समक्ष रखी गई है कि जो कर्मचारी 30 जून को रिटायर हुए हैं या होने वाले हैं, ऐसे कर्मचारियों को 1 जुलाई का नोशनल इंक्रीमेंट का फायदा मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुकी है ऐसे कर्मचारी एक साल की सेवा पूरी कर लेते हैं तो ऐसे में उनको इसका फायदा मिलना चाहिए। केंद्र सरकार को देने में क्या हर्ज है, केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से इसको लागू करें ऐसी मांग रखी गई है।
इसको भी पढ़ें: पेंशन का भेदभाव खत्म, अब बढ़ेगी पेंशन
18 महीने का एरियर तुरंत प्रभाव से हो बहाल
केंद्र सरकार के समक्ष एक और बड़ी मांग रखी गई है कि जो उनका मंहगाई भत्ता फ्रिज किया गया था उसका भुगतान किया जाए। कम से कम पेंशनधारकों को इसका भुगतान होना ही चाहिए। पेंशनधारकों की पेंशन पहले से ही कम होती है ऐसे में महंगाई भत्ते को फ्रिज करना कहीं का न्याय नहीं है। इसको देखते हुए 18 महीने का एरियर का फायदा पेंशनभोगियों को मिलना ही चाहिए।
Kab milega 18 months ka da dr ,,,karmochari niras hai is sarkar se ,,,,,
It is pensioners request not to vote to the running BJP government if the 18% due D.A. arrears due to them since long are not paid to them in April 2024. All pensioners need do follow it sincerely as the Government now has got abundance of funds to their credit for the same. Jai hind Jai bharat.
Gupta ji aapko pata hai ab chunav sanhita lag chuki hai aap pata nahi defence pensioner hain ya civilian lekin fauj ke baare me jarur jante honge fauj ke log Shahid hote hain is Bharat desh ke liye, aur Modi ji desh ke liye sab kuch kar rahe hain
None of the pensioners will vote for this jumla govt as it has just realised money from people and not paid their legitimate amounts due to them eg arrears , old pension sceme , proper da against iinflation , not controlled food and rental of resident inflation etc
Yes I agree.
It is fact that nothing will be given by Govt.So forget demands ,though almost all the demands are very genuine.
मांगें सभी जायज हैं। 65 साल के बाद 5% पेंशन की बढ़ोतरी बिल्कुल ही सही है। इस पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।
हम भी इन सभी मांगो का समर्थन करते हैं।
Yes I am agree with you
मांग बिल्कुल जायज़ हैँ. उम्र के साथ साथ बीमारियां भी बढ़ती हैं. खाने से ज़्यादा देवा पर खर्चा होता हैँ. इसलिये govt को इस पर सोचना चाहिए.
मांग बिल्कुल सही है.
जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है बीमारियां भी बढ़ती जाती है.खाने से ज़्यादा दवा पर खर्च होता है.
इसलिए Govt को इस तरफ़ ध्यान देना चाहिए.
If government has accepted 8 demand BJP will win the election in huge margin against opposition party
DA and DR of the central employees was freezed during Corona kaal period i.e For 18 months now government claims that the financial position of our Budget is huge Grown up claimed by Finance Minister, PM and all Representatives of the ruling party so it is the time to release the above pending DADR in public interse.
Forget 18 months da arrears. No means No.
Sar Mujhe Bhi Milega arrear Mein 2020 mai retire hua tha
When will Get pay DA Arrears
3Months as paying only Pension. Minus DA Arrears.
9 demands as mentioned are legitimate & these may be accepted by central government and paid accordingly as an earliest possible so that we all could enjoy ensuring Lok sabha with fullest zeal, interest and happiness.Hope our demands will be considered systematically & oblige.
The central government should take immediate actions over the issues. It is not understanding the government has issued to provide the notional increment to GS wef the date of issue of SC orders , depriving the GS who retired earlier. So it is humble submitted to look into it and issue revised orders extending benefits to the retirees retired after 6th pay commission.
Thanks for updating to pensioner
यह सब कबतक कार्यरूप मे परिणित हो सकता है ?
राम आसरे शर्मा सेवानिवृत्त सीनियर लैव0टैक्नीशियन स0ना0मेडिकल कालेज, आगरा ।
दिनांक 23/3/2024
Demands are correct and should be considered
Medical allowance badhana chahiye ,Pensioners ke lie medical allowance 5000/-ruppees hona chahie.
Yes All 9 demand are logical absuletly right. I hope central government empliment with immediate effect. No demand fullfill then no vote.
Proposed demands putup /yet to be put up for consideration and acceptance of central Govt .are genuine. Here I’m doutful for giving due benefits by Govt.as seen in the recent past. No election effects on ruling party.
Even then keep on fighting to achieve.
God is great, let’s pray the Lord Shiva and the great Ram Lalla, to get the pending demands , with fitment factor of 3.7 with April 2024 pay or before Lok sabha elections. Jai Sri Ram ❤️🙏.
मैं भी ईन सभी मांगो का समर्थन करता हू
मैं भी ईन सभी मांगो का समर्थन करता हू
I have retired from Maharashtra Government services on 30 June 2005. As per Mah Govt GR I have applied for notional increament. A G Maharashtra has turned down the request stating that I have retired before 1.1.2006 I. e on 30.6.2005 hence you aren’t eligible for notional increament. Why this imparity is there between pre and post 1.1.2006 retirement.
I do agree with all the demands but sure nothing would be fulfilled by this govt.So just forget it n enjoy Holi whatever we r getting.
The demands are 100% genuine and without delay there should be implemented.
Notional increment for June and Dec retired pensioners should be implemented, other side CAG, CPWD implemented at their own le el
All nine demands are very genuine . These should b implemented as early as possible. U
All nine demands are very genuine . These should b implemented as early as possible.
All nine demands as mentioned above are very genuine . These should be implemented as early as possible.
In some comments it has been noted that in case the Govt is not approved 18 months DA arrears, Pensioners should not vote for BJP in the ensuing parliamentary election. This is not a correct appeal. I am not agreed of such type of appeal. We can demand, it is ok. The demand should not be politicalized.
नोशनल इंक्रीमेंट के लिए अगर DOPT आदेश जारी नहीं कर रहा है तो सभी लोगों को कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा जिससे किसी न किसी का केस रोज कोर्ट में पेश रहेगा, इससे सभी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, धन्य है भारत सरकार और आदेश जारी नहीं करने वाले अधिकारी।
अज़ब ग़ज़ब👉 होली निकल गई कोई पैसा नही मिला,अब खाली खाली रोज रोज घोषणाएं और कुछ नही👈🌾लगता है होली के पर्व में सभी भंग पीकर बयानवाजी कर रहे है😬👈 ,🌾👉 होली की शुभकामनाओ के साथ निवेदन है जो भी घोषणा करें उचित,सटीक करे ताकि पेंशनर्स/कर्मचारियों को पैसे मिलने की आशा में कर्ज़दार होकर बदनाम न होना पड़े?👈🚩🇮🇳🚩🙏🧘🙏
All the nine (9) demands for pensnor are totally justifying.It should be accepted by Govt.
मैं भी ईन सभी मांगो का समर्थन करता हू
Ye or kuch nhi bas jumla h jo 2014 se mil raha h
Vote ki chot se is sarkar ko samjane k siwa kuch nhi h .sab kuch band kar sakti h ye sarkar .karni h to kudh ki pension band karo sarkar
30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को केवल पेंशन के उद्देश्य से एक नोशनल इंक्रीमेंट देने के सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद केवल उन्हीं पेंशनर्स को इसका लाभ देना, जो कोर्ट का आदेश लाते हैं, जहां एक और भारी पेंडेंसी के बोझ से दबी हुई न्यायपालिका पर पेंडेंसी का और बोझ लादना है, वहीं दूसरी ओर उन लाखों वृद्ध रिटायर्ड पेंशनर्स को न्याय से वंचित करना है, जो बीमारी एवं अशक्तता वश कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगा सकते और जीविकोपार्जन हेतु प्राप्त पेंशन हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट के मंहगे वकीलों की फीस भरने में खर्च करके खुद व परिवार को भूंखा नहीं मारना चाहते। ऐसी अनावश्यक मुकदमेबाजी का व्ययभार सरकार को भी उठाना पड़ता है, जिसे सहते हुए सरकार बूढ़े पेंशनर्स को एक नोशनल इंक्रीमेंट नहीं देना चाहती, उल्टे उन वृद्ध और बीमार पेंशनर्स के इलाज से संबंधित उनके मेडिक्लेम बिलों पर इनकम टैक्स आरोपित करती है। यह दुखद है।