8th Pay Commision News: लोकसभा चुनावो का बिगुल बज चुका है। ऐसे में राजनैतिक पार्टियाँ लोक-लुभावने वादे करने में जुट चुकी है। एक तरफ केंद्र सरकार 5 किलो राशन देकर चुनाव में जीतने की गारंटी दे चुका है, वहीं कर्मचारी और पेंशनभोगियों के लिए कांग्रेस पार्टी पुरानी पेंशन बहाली का वादा करके चुनाव में जीतने का दम भर रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो चुका है। उसी कड़ी में NMOPS के राष्ट्रीयअध्यक्ष विजयकुमार बंधु कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के से मिले और अपनी कुछ मांगे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह किया। उसके बाद AITUC ने I.N.D.I.A गठबंधन से 11 बड़ी माँगे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह किया।
कर्मचारी/पेंशनभोगी संघटनो ने विपक्ष से वादा किया कि अगर विपक्ष इन मांगों को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करती है और केंद्र में सरकार बनाने के बाद इन मांगों को पूरा करने का आश्वाशन देती है तो कर्मचारियों और पेंशनधारकों के साथ-साथ उनके परिवारजनों का मूल्यवान वोट I.N.D.I.A गठबंधन के साथ मे है। तो कौन-कौन सी मांगे हैं जो की विपक्ष के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की माँग की गई है, चलिए विस्तार में जान लेते हैं।
1) आठवाँ वेतन आयोग (8th Pay Commision)
कर्मचारी और पेंशनभोगी संगठनों की मीटिंग में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commision ) लागू करने को लेकर सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई। सभी संगठनों की एक ही मांग है कि आठवां वेतन आयोग आना चाहिए। उसी कड़ी में कर्मचारी और पेंशनभोगी संगठन I.N.D.I.A गठबंधन के पास पहुंच गए और आठवें वेतन आयोग की कमेटी बनाने को लेकर बड़ी मांग रख दी। साथ मे इसको चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह किया।
2) पुरानी पेंशन हो बहाल(OPS)
1 जनवरी 2004 के बाद जो कर्मचारी भर्ती हुए हैं तो ऐसे कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का फायदा दिया जाए। पेंशन को लेकर भेदभाव ना किया जाए। संगठन की मीटिंग में सर्वसम्मति से इसके ऊपर मुहर लगाई गई और विपक्ष के चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को भी शामिल करने का आग्रह किया गया।
3) न्यूनतम वेतन 26000
सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया है। कर्मचारी/ पेंशनभोगी संघटन का मानना है कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन ₹26000 होना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों कि इस मांग के ऊपर विचार ना करते हुए न्यूनतम वेतन 18000 रुपए फिक्स किया। अब ऐसे में समय आ चुका है कि न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। सातवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम वेतन 26000 होना चाहिए। इस मांग को यूनियन ने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने का आग्रह किया।
4) बोनस की सीमा को बढ़ाया जाए
अभी केंद्र सरकार जिस नियम के हिसाब से बोनस देती है उसमें बोनस मात्र हो 8000-9000 रुपये ही मिलता है। ऐसे में कर्मचारी पेंशनभोगी संगठनों की मांग है की बोनस की सीमा को बढ़ाया जाए। कर्मचारी के 1 महीने के वेतन के बराबर बोनस का भुगतान होना चाहिए।
4) आयकर सीमा बढ़ाया जाए
आयकर सीमा 10 लाख रुपये किया जाय। 10 लाख रुपये तक कोई भी टैक्स ना लिया जाय। साथ ही पेंशनधारकों को आयकर के दायरे में ना लाया जाए। कर्मचारी/ पेंशनभोगी संघटनो ने विपक्ष से इसको चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की।
5) हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लाभ सभी को मिले
कर्मचारी/पेंशनभोगी संगठनो ने कहा कि एक बार जब उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय किसी विशेष मामले में कर्मचारियों/ पेंशनधारकों के पक्ष में फैसला सुना देता है, तो ऐसे लाभों को केवल उसी याचिकाकर्ता तक ही सीमित नहीं रखा जाए। केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि यह लाभ सर्व समान रूप से सभी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के ऊपर लागू करे। लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नही करती है इसलिए इस माँग को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया जाय।
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6) पेंशनधारकों को रेलवे में रियायत
पेंशनभोगियों को रेलवे किराए में रियायत दिया जाए। कोरोना के समय इसको बंद कर दिया गया था, उसको फिर से बहाल किया जाए। इस मांग को भी लोकसभा चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया जाए।
7) हर जिले में CGHS wellness Centre
CGHS वैलनेस सेंटर देश के हर जिले में होना चाहिए ताकि सीजीएचएस लाभार्थी आसानी से इस सुविधा का फायदा उठा सके। लोकसभा चुनावी घोषणा पत्र में इसको शामिल किया जाए। अगर विपक्ष, केंद्र में चुनकर आती है तो इसको प्राथमिकता से पूरा करे।
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8) निजी, कॉर्पोरेट अस्पतालों में चिकित्सा CGHS दर पर
सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में कह चुका है कि निजी, कॉर्पोरेट अस्पताल में CGHS लाभार्थियों का चिकित्सा CGHS दर पर ही किया जाएगा फिर भी निजी,कॉर्पोरेट अस्पताल अपने हिसाब से चार्ज करते हैं जिसको बंद किया जाए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया जाए इस इस मांग को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की माँग की गई।
9) EPS 95 के तहत 9000 पेंशन की गारंटी
EPS 95 पेंशनधारकों की लंबे समय से मांग है कि उनकी पेंशन बढ़ाई जानी चाहिए। काफी विकट परिस्थिति में वे अपनी और अपने परिवार की जीविका को चला रहे हैं ऐसे में उनको 9000 रुपये पेंशन की गारंटी दिया जाय।
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10) समान काम समान वेतन
स्थाई श्रमिकों और अस्थाई श्रमिकों के बीच भेदभाव खत्म किया जाए। समान काम करने वाले अस्थाई श्रमिकों को स्थाई श्रमिकों के बराबर समान वेतन मिले। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद इसको लागू नहीं किया गया है। ऐसे में इस बड़ी मांग को विपक्ष चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें।
11) अग्निवीर योजना हो बंद
सशस्त्र बल सेवा में ही एकमात्र पेंशन लागू थी। अग्निवीर योजना आने के बाद वह भी पूरी तरह से बंद हो चुकी है ऐसे में इस योजना को बंद किया जाए। पहले की तरह में भर्ती हो और सभी फायदे पहले की तरह दिया जाय।
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