ग्रेच्युटी (Gratuity) की लिमिट 25 लाख करने के आदेश से कर्मचारी बन गए बेवकुफ, जानिए पुरी असलियत

अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें ग्रेच्युटी (Gratuity) की लिमिट 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी थी। आपको बता दूँ कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश में कहा गया था कि जब महंगाई भत्ता 50% होगा तब ग्रेच्युटी की अधिकतम लिमिट 25 लाख रुपये हो जाएगी तो ऐसे में इस सिफारिश को आधार बनाकर केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया।

ऐसे में इस आदेश के जारी होने के बाद बहुत सारे कर्मचारी और पेंशनभोगी सोच रहे हैं कि उनको रिटायरमेंट के समय 25 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलेगी तो क्या सच में उनको 25 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलने वाली है या माजरा कुछ और है तो चलिए इस खबर को विस्तार में जान लेते हैं।

ग्रेच्युटी बढ़ाने का आदेश जारी

आपको बता दूं की सातवें वेतन आयोग की सिफारिश में कहा गया था कि जैसे ही महंगाई भत्ता 50% होगा वैसे ही ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ जाएगी ऐसे में ग्रेच्युटी की लिमिट 1 जनवरी 2024 से 25 लाख रुपए हो गई है तो ऐसे में 1 जनवरी 2024 से या उसके बाद जो भी कर्मचारी रिटायर होंगे तो उनको इसका फायदा दिया जाएगा ऐसे कर्मियों को 25 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी दी जा सकती है लेकिन सभी को 25 लाख रुपए नहीं मिलनेवाला है।

मीडिया में खुब प्रचार-प्रसार लेकिन असलियत कुछ और

आपको बता दूँ कि ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ाने के आदेश जारी होने के बाद मीडिया में तरह-तरह की खबरें आने लगी कि कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो गई, कर्मचारियों को तोहफा मिल गया लेकिन आपको बता दूं कि इसका फायदा सभी को नहीं मिलेगा. ग्रेच्युटी की गणना करते समय कुल सेवा को गिना जाता है साथ-साथ आपकी बेसिक कितनी है वह मैटर करता है।

आमतौर पर तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बेसिक ज्यादा नहीं होती है जिसकी वजह से उनकी ग्रेच्युटी 15 लाख रुपए से ज्यादा नहीं बन पाती है ऐसे में ग्रेच्युटी की लिमिट 20 लाख रुपए हो या 25 लाख रुपए हो इससे उनको क्या फर्क पड़ता है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियो को इससे कुछ भी फायदा नही होनेवाला है। ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ाने का सबसे बड़ा फायदा अधिकारियों को मिलेगा क्योंकि उनकी बेसिक ज्यादा होती है।

अधिकारियों को जबरदस्त फायदा

ग्रेच्युटी की गणना करने में सबसे बड़ा अहम किरदार बेसिक और कुल सेवा के वर्षों का होता है। ऐसे में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बेसिक ज्यादा नहीं होती है इसलिए उनकी ग्रेच्युटी कभी भी 20 लाख रुपए के ऊपर नही बननेवाली है। इससे साफ तौर पर जाहिर होता है की ग्रेच्युटी की लिमिट जो बढ़ाई गई है इससे केवल अधिकारियों को फायदा होगा. तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है।

तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी बन गए मूर्ख

अगर किसी कर्मचारी की 80 हजार बेसिक पे है और उन्होंने 33 साल की सेवा पूरी कर ली है तो उनकी ग्रेच्युटी 20 लाख रुपए से ज्यादा नही बनेगी यानी की 20 लाख रुपये से ज्यादा ग्रेच्युटी पाने के लिए आपकी बेसिक कम से कम एक लाख रुपये होनी चाहिए ऐसे में तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की इतनी बेसिक तो होती ही नहीं है तो ग्रेच्युटी की लिमिट 25 लाख बढ़ाने का जो आदेश है उससे केवल अधिकारियों को ही फायदा होगा।

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