अभी-अभी CGHS लाभार्थियों के लिए बहुत ही बड़ी खुशखबरी आ चुकी है, लंबे समय से CGHS लाभार्थी परेशान हो रहे थे, अब केंद्र सरकार ने उनकी परेशानियों को दूर करते हुए बहुत ही बड़ा फैसला ले लिया है। केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले से लाखों लाभार्थियों को बहुत ही बड़ी राहत मिलने वाली है।
केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि केंद्र सरकार ने 28 मार्च 2024 को एक आदेश जारी किया था जिसमें CGHS ID को ABHA ID से लिंक करना अनिवार्य कर दिया था। उसके बाद बहुत सारे लाभार्थियो को काफी तकलीफें हुई और वे इसका विरोध करने लगे। अंततः केंद्र सरकार ने इसके ऊपर पुनर्विचार किया और अब इसको लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण आदेश 25 जून 2024 जारी कर दिया है।
CGHS लाभार्थियो के लिए नए दिशा-निर्देश जारी
केंद्र सरकार ने अब बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया है कि CGHS ID को ABHA ID से लिंक करना अनिवार्य नहीं होगा। कोई भी लाभार्थी इसको लिंक करने के लिए बाध्य नहीं होगा। यह पूरी तरह से लाभार्थी के ऊपर होगा कि वे चाहे तो लिंक करें या ना करें। अब यह पूरी तरह से स्वैच्छिक और वैकल्पिक होगा।
केंद्र सरकार ने सभी विभागो को दिये नए निर्देश
केंद्र सरकार ने स्पस्ट तौर पे कहा है कि इस संबंध में सभी विभागों और सभी लाभार्थियों को यह निर्देश दिया जाता है कि वह इस नए दिशा-निर्देश का पालन करें और सभी विभाग इसके बारे में सभी लाभार्थियों को अवगत कराए।
लाभार्थियो ने किया था जबरदस्त विरोध
केंद्र सरकार ने CGHS ID को ABHA ID से लिंक करने का जब आदेश दिया था तो अधिकतर लाभार्थी नाराज हो गए थे, ऐसे में बहुत सारे लाभार्थी केंद्र सरकार की मंशा पे सवाल उठा रहे थे। उनको लिंकिंग का माजरा समझ में नहीं आ रहा था, ऐसे में लोकसभा चुनावो में केंद्र सरकार को लाभार्थियों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
आखिरकार क्यू लिया गया यह फैसला
केंद्र सरकार ने कहा है की CGHS ID को ABHA ID से लिंक न करने का फैसला सभी लाभार्थियों को राहत प्रदान करना है ताकि उन्हें अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस फैसले से संबंधित सभी लाभार्थियों को राहत मिलेगी।
CGHS लाभार्थियों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार ने कहा है कि यह निर्णय सभी सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए तत्काल प्रभाव से लागू होगा इसे लाभार्थियों को अपनी आईडी को अनिवार्य रूप से लिंक करने के दबाव से राहत मिलेगी और वे स्वेच्छा से इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे।
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निष्कर्ष
केंद्र सरकार ने कहा है कि सरकार सभी लाभार्थियों की सुविधा और उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, सरकार का यह फैसला एक बहुत ही बड़ा कदम है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी लाभार्थी बिना उचित कारण के किसी भी अनावश्यक बाध्यता का सामना ना करें। मंत्रालय भविष्य में इस मुद्दे पर और अधिक दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन जारी करेगा ताकि लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
आदेश की प्रति डाउनलोड करे
कुछ रेफ्रल हस्पताल रिटार्यड पेंशर्नस से पैसे माँगते है क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही कर सकता है हिम्मत दिखा कर और शिकायत किसको करनी जो उचित कार्यवाही हो सके। ऐसा ही एक रेफरल हॉस्पिटल मणिपाल which is situated in Dwarka , if it is actionable then ok otherwise no need to spread the things
बिलकुल सही बात है
ओर मरीजों क़ो टाइम पर डिस्चाड्ज भी देने मे आना कनि करते है.
Yes coffee hospital aise Hain Jo patient se payment ke liye bolate Hain
कुछ डॉक्टर फाउटीज हॉस्पिटल मैं सीजीएचएस कार्ड धारी मरीजों का कैश पैसे से कंसल्टिग देते हैं वो कार्ड को मानते ही नहीं।
कुछ CGHS पेनल हॉस्पिटल cghs कार्ड होल्डर को ज्यादा ध्यान से नही देखते , एक / दो मिनट में चलता कर देते हैं , वहीं अगर कोई प्राइवेट fee देकर जाता है तो उसकी पूर्ण तरह से उसकी जांच करते हैं तथा सम्पर्ण परामर्श देते है ।
CGHS लाभार्थियों को रेफरल अस्पताल बाले चाहे वो पेंशनर्स या ड्युटी करने वाले कर्मचारी सभी के साथ भेद-भाव करते हैं । जब इलाज कराने हेतु भर्ती मरीजों से अलग से रुपए जमा करवाए जा रहे हैं, भर्ती मरीजों को देखने सुनने के लिए एक चार या पांच सदस्यीय टीम गठित होना चाहिए जिसमें पेंशनर्स, कर्मचारी, एवं अधिकारी और डॉक्टर्स होने चाहिए जो सप्ताह में दो या तीन बार अस्पताल जाकर CGHS मरीजों की जरूरत के अनुसार झेल रहे कठिनाइयों के बारे में जानकारी लेना चाहिए एवं अस्पताल व्यवस्थापक से संपर्क कर समस्या का निदान करना चाहिए। तभी CGHS लाभार्थियों का सही लाभ मिलेगा।