OPS: पेंशन की मीटींग में केंद्र सरकार और कर्मचारी संघटनो के साथ हुवा करार, दो दिन बाद आदेश जारी

OPS: पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों के मामले में एक नई बात सामने आयी है, जैसे कि आपको पता होगा कि NPS में सुधार के लिए टी.वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई थी, इस कमिटी की रिपोर्ट पेश होने से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारी संघटन के साथ एक मीटिंग बुलाई गई थी, इस मीटिंग में कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी। अब ऐसे में बात सामने आ रही है कि पुरानी पेंशन बहाली का नेतृत्व जो संगठन कर रहे थे उन्होंने OPS की जिद छोड़ दी है, उन्होंने मीटिंग में कहा कि उन्हें OPS जैसी रिलीफ चाहिए, हूबहु OPS नही मिलेगा तो भी चलेगा।

मुद्दों पे चर्चा

कर्मचारी संगठन अंतिम बेसिक वेतन का 50% गारंटेंट पेंशन के रूप में सहमति जता चुके हैं। इसके साथ-साथ न्यूनतम पेंशन और फैमिली पेंशन को भी बनाए रखने का वादा सरकार से चाहते हैं। इन दोनों मुद्दों पर केंद्र सरकार ने भी सहमति जता दी है, सरकार ने कर्मचारी संगठनों को कुछ दिन मीडिया में कुछ भी बोलने से मना किया है। बात सामने आ रही है कि केंद्र सरकार की समिति अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट देने वाली है। 

समिति के साथ हुई बैठक में कर्मचारी संगठन ने किया करार

1) अंतिम बेसिक वेतन का 50% पेंशन की गारंटी के रूप में, इसके लिए अलग कोष बनेगा

2) एनपीएस सुधार वाली वित्त सचिव की समिति ने अभी कर्मचारी संगठनों को मीडिया में बोलने से मना किया, कमेटी जल्द पेश करेगी रिपोर्ट

3) कर्मचारी का 10% अंशदान देना पड़ेगा, उसमे रिलीफ नही

4) PFRDA एक्ट 2014 पहले की तरह लागू रहेगा

अन्य कर्मचारी संगठनों की मांगें

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने पत्र लिखकर सूचित किया है कि कर्मचारियों को OPS से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। वे NPS की समाप्ति और गारंटीकृत OPS की बहाली चाहते हैं। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने भी बैठक का बहिष्कार किया। इन्होंने कहा कि कर्मचारियों को केवल हूबहु पुरानी पेंशन चाहिए। वही पर कर्मचारियो ने खुले तौर पर कहना शुरू कर दिया है कि जिनका अब तक OPS आंदोलन में कोई योगदान नहीं था, ऐसे लोग सरकार की दलाली में लगे हुए हैं और कर्मचारियो को गुमराह कर रहे हैं।

कर्मचारियों ने निकाला गुस्सा

JCM स्टाफ साइट के द्वारा किए गए इस करार से कर्मचारी वर्ग नाराज हो चुके है, उनक कहना है कि पूरा आंदोलन OPS के लिए किया गया, ऐसे में एनपीएस में 50% पेंशन पर सहमति जता देना यह उचित नहीं है। कर्मचारीयों को समझना होगा की NPS में 50% पेन्शन की गारंटी मतलब OPS नहीं हैं। आज जो कर्मचारी OPS से 20-25 साल पहले रिटायर्ड हुआ था, उनका पेंशन अब तक दो बार बढा, लगभग 4 गुणा बढा, क्योंकी उसे OPS में वेतन आयोग का फायदा मिलता हैं, लेकिन इस संशोधित तथाकथित गारंटीड NPS में वेतन आयोग लागू नहीं होगा।

कर्मचारियों ने कहा किे सरकार संशोधित NPS लाकर आपकी 10% राशी हमेशा के लिए हडप करना चाहती हैं। आप यदि 30 साल तक NPS 6000 रु कटवाते हैं, तो यह राशी लगभग 50 लाख से ज्यादा होगी। अनुकंपा वाले, EX सर्विसमेन, कॉन्ट्रॅक्ट वाले जो बाद में नियमित हुए ऐसे कर्मचारीयों की सेवा 10 या 15 साल होती हैं, ऐसे लागो को जहाँ OPS में फुल पेंशन मिलती थी, वही संशोधित NPS/GPS में ऐसे कर्मचारीयों को मिनिमम पेंशन का झुनझुना देने की बात हो रही हैं। मतलब 1 लाख रु वेतनवाले को 50,000 ₹ नहीं केवल 15,000 ₹ पेंशन मिलेगी।

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