NPS के अंतर्गत कवर किये सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को दो प्रकार से पेन्शन का भुगतान किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि केंद्रीय सेवा पेन्शन नियमावली 2021 के नियम 10 के अनुसार अगर सरकारी कर्मचारी की मृत्यू होती है तो उनके परिवार को दो प्रकार से पेन्शन का भुगतान किया जाता है। सेवा में रहते हुए कर्मचारी को विकल्प को भरना होता है। इस विकल्प में उनको बताना होता है कि अगर उनकी मृत्यु होती है तो उनके परिवार को पेन्शन किस प्रकार से दिया जाए। उनको दोनों विकल्प में से किसी एक का चयन करना पड़ता है।
पहला विकल्प क्या है
सरकारी कर्मचारी को सेवा मे रहते हुए विकल्प देना पडता है की अगर उनकी मृत्यू होती है तो उनके परिवार को पुरानी पेन्शन योजना के अनुसार पेन्शन दिया जाय, अगर इसका विकल्प कर्मचारी देते है तो उनके NPS खाते मे जमा सरकार का पैसा व उसके ऊपर मिला ब्याज सरकार वापस ले लेगी और NPS खाते में जमा कर्मचारी के अंशदान को उनके परिवार को दे दिया जाएगा। तत्पश्चात हर महीना कर्मचारी के परिवार को पुरानी पेन्शन योजना के अनुसार पेन्शन का भुगतान किया जायेगा।
दूसरा विकल्प क्या है
वही पर दुसरा विकल्प है कि अगर कर्मचारी चाहे तो पहला विकल्प ना भरके NPS में ही रहे, इसमें अगर कर्मचारी की मृत्यु होती है तो उनके परिवार को NPS खाते में जमा 20% रकम एकमुश्त परिवार को दे दी जाएगी और 80% रकम से हर महीना पेन्शन का भुगतान किया जाएगा। इस विकल्प में सरकार NPS खाते में जमा पैसे को नही लेगी।
विकल्प नही दिया तो क्या होगा
यदि सरकारी कर्मचारी इस विषय में अपना विकल्प नही दे सका हो तो पहले 15 साल की सेवा के लिए पुरानी पेन्शन योजना के अंतर्गत हितलाभ लेने का डिफॉल्ट विकल्प मिलेगा। यानि कि अगर कर्मचारी की शुरुवात के 15 साल के पहले मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को पुरानी पेंशन के अनुसार पेन्शन का भुगतान किया जाएगा। 15 साल बीत जाने के बाद डिफॉल्ट NPS के अंतर्गत हितलाभ लेने का विकल्प लागू होगा।
परिवार को मिलनेवाले लाभ
NPS के अंतर्गत कवर कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यू होने की स्थिति मे निम्नलिखित हितलाभ दिये जायेंगे।
1) सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार पेन्शन का भुगतान उनके परिवार को किया जायेगा। अगर उन्होने पुरानी पेन्शन योजना के तहत विकल्प चुना है तो उनके परिवार को सीसीएस पेन्शन नियम 2021 के अनुसार पुरानी पेंशन योजना के अनुसार पेन्शन दिया जायेगा।
या
यदि सरकारी कर्मचारी ने NPS के अंतर्गत हितलाभ लेने का विकल्प चुना है तो उनके परिवार को NPS के अंतर्गत एनपीएस खाते में जमा पैसे से हर महीने पेंशन का लाभ दिया जायेगा।
2) इसके साथ उनके परिवार को डेथ ग्रेच्युटी का लाभ दिया जायेगा, साथ में अवकाश नगदीकरण का पैसा दिया जायेगा, इसके साथ केंद्र सरकार कर्मचारी समूह विमा योजना का लाभ परिवार को दिया जायेगा और साथ में CGHS का लाभ परिवार को दिया जाएगा।
पुरानी पेंशन का विकल्प देने पर OPS की तरह की जाएगी कार्यवाई
अगर सरकारी कर्मचारी ने पुरानी पेन्शन योजना के अंतर्गत हितलाभ लेने का विकल्प का चयन किया था तो ऐसे में उनकी मृत्यू होने के बाद उनके परिवार को पुरानी पेन्शन स्वीकृत करने के लिए कारवाई किया जायेगा। यह कारवाई जो एक जनवरी 2004 के पहले वाले कर्मियों के ऊपर लागू होती है उस प्रकार से किया जाएगा।
इसके साथ एनपीएस के अंतर्गत सरकारी कर्मचारी के PRAN को बंद करने की प्रक्रिया सुरू की जायेगी और NPS खाते में जमा सरकारी अंशदान को सरकार ब्याज के साथ वापस ले लेगी। बाकी जो कर्मचारी का अंशदान है वो उनके उत्तराधिकारी को एकमुश्त दे दिया जायेगा।
OPS का विकल्प ना देने पर इस प्रकार की जाएगी कार्यवाई
ऐसे सरकारी कर्मचारी जिन्होंने अपनी मृत्यू होने की स्थिति मे NPS से हितलाभ लेने का विकल्प चुना था यानि की उन्होने पुरानी पेन्शन का विकल्प नही दिया तो उनके मामले में एनपीएस के अंतर्गत हितलाभ प्राप्त करने का डिफॉल्ट विकल्प रहेगा। सरकारी कर्मचारी के PRAN नंबर को बंद कर दिया जायेगा और उनके परिवार को NPS खाते से ऊपर बताये गए नियम के अनुसार पेन्शन का भुगतान किया जायेगा।
अन्य हितलाभ जैसे डेथ ग्रेच्युटी, छुट्टी नगदीकरण और सीजीएचएस की सुविधा दोनो दशाओ में परिवार के लिए उपलब्ध होगी।
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मध्य प्रदेश 1998 शिक्षा कर्मी को भी उनका हक मिलना चाहिए।#OPS
Yes ops Milana chayay
Haryana m bhi laagu honi chaiye or Jo Regular Employee ki family h unhe OPS Scheme k laabh Milne chahiye
To karmchari marne ki prayer kare kya use uski ops chahiye jinda rahne par bhi aur marne ke bad bhi govt kyon confuse kar rahi hai