आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली ट्रेनों में कन्सेशन को निलंबित कर दिया था। इस घोषणा से लाखो सिनियर सिटीजन आहत हुए थे, उनको काफी धक्का लगा था, उस समय हवाला दिया गया था कि देश की आर्थिक परिस्थिति अच्छी नही है। अब देश की आर्थिक स्थिति सामान्य हो चुकी हैं तो भी यह निलंबन जारी है। जिससे कि हमारे बुजुर्गों पर एक बड़ा आर्थिक बोझ पड़ा है।
इन सभी मुद्दों को देखते हुए भारत पेंशनभोगी समाज, जो देशभर के 10 लाख से अधिक पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के पेंशनभोगी शामिल है, इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के पेंशनभोगी, स्वायत्त निकायों और निगमों के पेंशनभोगी शामिल हैं, इन्होंने केंद्र सरकार के सामने इस गंभीर मुद्दे को उठाया है।
बुजुर्गों का हक़ छीन लेना यह न्यायसंगत नही
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिक, जो पहले इन रियायतों के तहत सस्ती दरों पर यात्रा कर सकते थे, अब उन्हें अधिक महंगे टिकटों का बोझ उठाना पड़ता है। एक तरफ उनकी आय का एकमात्र साधन पेंशन है वही पे दूसरी तरफ उनका हक छीन लेना ये न्यायसंगत नही लगता। भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा है कि बुजुर्ग नागरिकों के पास केवल सीमित पेंशन होती है अतः इन रियायतों को फिर से शुरू किया जाय।
दूसरे माध्यम से आय बढ़ाये रेलवे, वरिष्ठ नागरिकों पर ना डाले बोझ
भारत पेंशनभोगी समाज ने कहा है कि हम भारतीय रेलवे द्वारा सामना की जा रही आर्थिक चुनौतियों और वित्तीय संकट को समझते हैं। हालांकि, हम यह बताना चाहते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को टिकटों में दी जाने वाली 53% रियायतें उनके लिए एक महत्वपूर्ण सहायता प्रणाली थीं। इन रियायतों के निलंबन से भारतीय रेलवे की आय में वृद्धि हुई है, लेकिन इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव वरिष्ठ नागरिकों पर पड़ा है।
रेलवे को अपनी आय बढ़ाने के लिए दूसरे मुद्दों पर विचार करना चाहिए, इस तरह से सीनियर सिटीजन/ पेंशनभोगियों का हक़ नही मारना चाहिए। उचित संसाधन का प्रबंधन करके और दक्षता में सुधार करके, रेलवे को वित्तीय संकट से उभरने में मदद मिल सकती है, और बुजुर्गों के लिए इन रियायतों को आसानी से बहाल किया जा सकता है।
बहाली हेतु पुनर्विचार की अपील
भारत पेंशनभोगी समाज ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा है कि हम आपसे अपील करते हैं कि आप वरिष्ठ नागरिकों के रेल रियायतों की बहाली हेतु पुनर्विचार करें। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें केवल एक आर्थिक लाभ नहीं थीं, बल्कि उनके द्वारा देश के लिए किए गए योगदान का फल था। हमें उम्मीद है कि आप हमारी इस अपील पर विचार करेंगे और वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल रियायतों को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे, ताकि उनके सस्ती यात्रा के अधिकार को सुरक्षित रखा जा सके।
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Every day false news headings about seniors………. No law to control them. God knows where our country will land in coming times.
You r right 👍
आप एक दम सही कहे हैं, गलत न्यूज़ पोस्ट करने वालों पर कोई एक्शन नहीं होता है,,
Every dayfalesnews di ja rahi h मोदी झूठा है
Sir,
I think u Mama Madhyam don’t have any work except to make befool innocent Pensioners by making repeat same news without any Validity or authority?
Why u people are so worry about Pensioners, if any such orders will be issued by Central Government our Electronic and Print Media are so smart to first information to reach their viewers.
I request Mama Madhyams to publish the News with proper authority such as Memo No and date or proper Press conference by Responsible Minister or C. G Employees?
This is the paramount responsibility and duty of a Journalist and not beat around the bushes.
Tks.
Kindly stop this false news agenda to increase your income .if not stop we exsm league fe a suit against you .thx
I think that. The Railways are not serious about concession to.Senior Citizens
It is strange that you(Modi Govt.), hear the voice of parliamentarians give them pension and travel concessions in a very short time. But forget those seniors people who are retired+not getting pension and rely on interest of FD AND MF. Not even 1/4 salary they use to get before. YOU TALK ABOUT MIDDLE CLASS PEOPLE. THEN ACT SOON . WE HAVE VERY SHORT TIME TO LIVE. ACT ACT SOON.THANKS
जब सबको अलग अलग सुविधाएं दी जा रही है तो सीनियर सिटीजन को सवलत देना चाहिए उनको उपेक्षित न करे
ये सब फालतू बात है