खुशखबरी, पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, कोर्ट ने कम्युटेशन कटौती पे लगाई रोक, पूरी पेंशन देने का दिया आदेश

केंद्र सरकार से रिटायर्ड एक पेंशनभोगी श्री एस के गगनेजा ने AFT, दिल्ली में एक याचिका डाली थी और कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सरकार को यह निर्देश दे कि उनकी पेंशन में से कम्युटेशन की जो कटौती हो रही है, उसे तुरंत प्रभाव से रोका जाए। याचिकाकर्ता का कहना था कि 11 साल और 6 महीने की निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है, और अब आगे की कटौती का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए, जब तक इस मामले का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनकी पेंशन से कम्युटेशन की कटौती को बंद कर दिया जाए।

याचिकाकर्ता ने पहले से काटी गई राशि वापस करने का किया अनुरोध

याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की थी कि 01 सितंबर 2022 को उनको रिटायर होके 11 साल 6 महीने पूरे हो चुके थे, आवेदक ने तर्क दिया कि 11 साल और 6 महीने की अवधि के बाद उनकी पेंशन में कटौती नहीं होनी चाहिए थी लेकिन इस अवधि के बाद भी सरकार पेंशन काटते रही जो की गलत था। इसलिए, उन्होंने AFT से अनुरोध किया था कि वह सरकार को इस राशि को लौटाने का आदेश दे।

याचिकाकर्ता ने अंतरिम राहत देने का किया था अनुरोध

इसके साथ याचिकाकर्ता श्री एस के गगनेजा ने अपने याचिका में एक अंतरिम राहत की भी मांग की थी। जिसमे उन्होंने कहा था कि जब तक इस मामले का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक उनकी पेंशन से 18,800/- रुपये प्रति माह की कम्युटेशन की कटौती को रोका जाए। आवेदक का कहना था कि यह कटौती अनावश्यक है और यह उसकी आर्थिक स्थिति पर गलत प्रभाव डाल रही है। इसलिए, इस कटौती को तुरंत प्रभाव से रोका जाए ताकि आवेदक को राहत मिल सके।

याचिकाकर्ता ने देरी के लिए माँगी माफी

AFT ने याचिकाकर्ता से पूछा कि जब आपको पता था कि 11 साल 6 महीना पूरा हो चुका है फिर भी आपकी पेंशन में से कटौती हो रही थी तब आपने उस समय कोर्ट का रुख क्यों नही किया, AFT ने कहा कि इस मामले को AFT में लाने में 640 दिनों की देरी क्यों हुई? इस पर आवेदक ने कुछ वर्तमान के मामलों का हवाला देते हुए न्यायालय से अनुरोध किया था कि इस देरी को माफ किया जाए और मामले को सुना जाए।

याचिकाकर्ता ने इन मामलों का दिया हवाला

याचिकाकर्ता ने अपने मामले को मजबूत बनाने के लिए कुछ वर्तमान के मामलों का हवाला दिया है, जिनमें न्यायालय ने पेंशन से कम्युटेशन की कटौती पर रोक लगाई थी।

(1) शिला देवी और अन्य बनाम पंजाब राज्य

इस मामले में, माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 03 मई 2023 को एक आदेश दिया था, जिसमें पेंशन की कम्यूटेड राशि की वसूली पर रोक लगाई गई थी। आवेदक का कहना है कि इस मामले की स्थिति भी वैसी ही है, जैसी उसके मामले में है, इसलिए उसे भी इसी तरह की राहत मिलनी चाहिए।

(2) राम सरूप जिंदल बनाम पंजाब राज्य

राम सरूप जिंदल के मामले में, माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 09 फरवरी 2024 को पेंशन कटौती पर रोक लगाने का आदेश दिया था। आवेदक का कहना था कि उसके मामले और राम सरूप जिंदल के मामले में कोई अंतर नहीं है। इसलिए, उसके मामले में भी इसी तरह का आदेश पारित किया जाए। याचिकाकर्ता का कहना था कि इन मामलों के ऊपर आये हुए कोर्ट के आदेशों को देखते हुए, उन्हें भी पेंशन कटौती पर अंतरिम राहत दी जानी चाहिए।

कोर्ट ने कटौती पे रोक लगाई और सरकार को दिया नोटिस

AFT ने याचिकाकर्ता की प्रार्थनाओं को देखते हुए सरकार को नोटिस जारी किया है। सरकार ने इस नोटिस को स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को तीन महीने के भीतर अपनी दलीलें पूरी करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 09 अगस्त 2024 को प्रधान रजिस्ट्रार के सामने होगी, जहां यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कर दी हैं या नहीं। इसके बाद, इस मामले को 16 दिसंबर 2024 को मुख्य बेंच के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। 

इस बीच, न्यायालय ने आदेश दिया है कि सरकार, याचिकाकर्ता की पेंशन से 18,800/- रुपये की कटौती तब तक नहीं कर सकते, जब तक इस मामले पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता।

आवश्यक सूचना:

ऐसा देखा गया है की कुछ वेबसाइट वोनर कंटेंट को कॉपी करके अपनी वेबसाइट मे पोस्ट कर रहे है, इसके साथ ही कुछ यूट्यूबर थंबनेल को कॉपी कर रहे है. इस चीज को ध्यान मे रखते हुए अब हमारी टीम ने यह निर्णय लिया है किे उनके खिलाफ लीगली कार्यवाई की जाएगी।

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19 thoughts on “खुशखबरी, पेंशनभोगियों को शानदार तोहफा, कोर्ट ने कम्युटेशन कटौती पे लगाई रोक, पूरी पेंशन देने का दिया आदेश”

  1. It is a matter of regret and equivalent to loot of pensioners. Why government is silent and psypher on these issues instead getting a court order the secretary can do it and issue letters to various department to stop cut of commutation immediately it pays all. Now government must pay back the extra already deducted to poor pensioners.

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  2. क्मयूटेशन की राशि की कटौती पूरी होने के पश्चात कटौती अनुचित है इसे बंद कियाजाना चाहिए

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  3. यहां पर वर्तमान सरकार के नुमाइंदों के फोटो जारी नही किये जावे क्योंकि यह सरकार बहुत दबाव में ही कर्र्मचारियो कि न्यायोचित मांगे मानती है, अन्यथा ये तो एक कोड़ी भी देने को तैयार नही हैं ।

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  4. सरकारों को चाहिए कि रिटायर मुलाजिमों का गला घोटने की कोशिश ना करें। ऐसे पेंशनरों को तुरंत रिलीफूदी जाए जिनके कम्यूटेशन की समय अवधि पूरी हो चुकी है। उन्हें कम्पाउन्ड व्याज सहित भरपाई करें।तथा अन्य बचे हुए पेंशनरों के सम्बन्ध में सरकार बैंकों को नोटिफिकेशन जारी करके आगाह करे।कि कम्पयूट कमपलिट होने के बाद भी अगर कटोती हुईं तो इसकी भरपाई सम्बंधित बैंक ही करेंगे। चाहें पेशनर किसी भी विभाग से आया है सबको इसका लाभ मिलना चाहिए।

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  5. आपका कमेन्ट एकदम स्वागतयोग्य है,सरकारों को ऐसे ही करना चाहिए।

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  6. The order of high court had been passed to retired employee who had been completed 11 year 6 months ,the commuted value shall be stopped as common order may be passed to the retired employees & directive to concern bank for not deducted commuted amount immediately in favour of him/ her. Thanks with regards for implementation.

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    • I am also endorsing this view.
      Full pension to be payable once the retired person completed 138 months as mentioned above.
      Let us all pray for this order from honourable officials.

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  7. I had completed 152 months of retirement I talk to PCDA Alahbad custmer toll free they replies No circular received sofar

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  8. मुझे भी 14 साल 3, महीने हो गये पेंशन की कटौती पर । केन्द्र सरकार इस स पर तुरंत रोक लगाये तो बात बने।

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  9. Central Govt. concerned Ministry must issue orders to stop the commuted pension of all eligible retired central govt. employees till final orders are issued by the Hon’ble Court in this matter.

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  10. अवकाश ग्रहण के साथ ही पेंशन पेमेंट आर्डर जारी किया गया था , इस आर्डर में 15 वर्ष तक कम्यूटेशन राशि की वापसी की तिथि स्पष्ट अंकित है , अब ऐसे में 11 वर्ष 6 माह का निर्धारण कैसे हुआ कृपया जानकारी देने की कृपा करें ताकि इस आंदोलन के समर्थन में हम भी शामिल हो सकें ।

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