पेंशन धारकों को मिलेगा बकाया 18 महीने का बकाया DA Arrear, लोकसभा चुनाव को देखते हुए बड़ा ऐलान।

1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक पेंशन भोगियों को केवल 17% महंगाई भत्ते के हिसाब से भुगतान किया गया था। ऐसे में पेंशन भोगी संगठन लंबे समय से 18 माह DA Arrear भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। संसदीय समिति ने सिफारिश दिया था की पेंशन भोगियों को 18 महीने का बकाया एरियर का भुगतान होना ही चाहिए। पेंशनभोगियों को ना तो बोनस मिलता है और ना ही इंक्रीमेंट का फायदा दिया जाता है ऐसे में पेंशन ही एकमात्र सहारा होता है ऐसे में DA के कारण उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होती है लेकिन DA रोक दिया जाए तो पेंशनभोगी अपना जीवन कैसे व्यतीत करेंगे।

1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक का बकाया है DA Arrear

आपको बता दूं की पेंशनभोगियों को 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 तक केवल 17% के हिसाब से DA का भुगतान किया गया जबकि मंगाई भत्ते में बढ़ोतरी जिस हिसाब से हो रही थी उसी हिसाब से पेंशन भोगियों को इसका भुगतान होना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते को रोक लिया था जिसकी वजह से इसका भुगतान नहीं हो पाया ऐसे में अब बकाया DA Arrear की मांग की जा रही है कि इसका भुगतान होना चाहिए।

पेंशनभोगी संगठनो ने राष्ट्रपति से की मुलाकात

संसदीय समिति की सिफारिश होने के बाद पेंशनभोगी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग किए थे कि इसका भुगतान होना चाहिए। चुनावो में देश का पैसा झोका जाता है तब देश की आर्थिक स्थिति खराब नहीं होती लेकिन जब पेंशनभोगियों को देने की बात आती है तो सरकार के पास पैसा ही नहीं रहता। पेंशनभोगी अड चुके हैं की अब जब देश की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है तो ऐसे में DA Arrear का भुगतान होना ही चाहिए। उसके बाद पेंशनभोगी संगठन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात कर चुके हैं और प्रतिवेदन सौंप चुके हैं कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसका भुगतान किया जाए।

वित्तमंत्रालय और कैबिनेट सचिव के साथ की बैठक

18 महीने के DA Arrear की बहाली के लिए वित्तमंत्रालय और कैबिनेट सचिव के साथ कई बार बैठके हो चुकी है। उसके बाद कैबिनेट सचिव ने भरोसा दिलाया था कि इसके ऊपर कुछ अच्छा फैसला लिया जाएगा। पेंशनभोगियों को कम से कम इसका भुगतान करके दिया जाएगा पर कैबिनेट सचिव के आश्वासन के बाद भी इसका भुगतान नहीं किया गया. उसके बाद वित्त मंत्रालय से भी इसको लेकर बातचीत हो चुकी है पर वित्तमंत्रालय भी अभी तक इसको लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं की है।

वित्तमंत्रालय की ओर से लोकसभा में आया था बड़ा बयान

कर्मचारी और पेंशनभोगियों के दबाव के बाद वित्त मंत्रालय हरकत में आई थी और लोकसभा में एक बयान जारी करके कहा था कि 18 महीने का DA Arrear का उपयोग कोरोनाकाल में कर लिया गया है ऐसे में अब इसको देने का सवाल नहीं उठता। उसके बाद पेंशनभोगी संगठनों ने चेतावनी जारी किया कि अगर केंद्र सरकार इसका भुगतान नहीं करती है तो केंद्र सरकार को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए खाते मे आयेगा 18 महीने का बकाया एरियर

पेंशनभोगी संगठन मान चुके हैं कि कोरोनाकाल में जब देश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो ऐसे में सरकार DA भुगतान नहीं की लेकिन अब देश की आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई है तो ऐसे में इसका भुगतान किसी भी हालत में होना चाहिए। अगर केंद्र सरकार इसका भुगतान नहीं करती है तो लोकसभा चुनाव में बुरा असर देखने को मिलेगा सरकार सत्ता से बाहर हो सकती है। पेंशनभोगी संगठन अपनी और मांगों को लेकर पीएम से मिल चुके हैं पर उनकी मांगों के ऊपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है अगर 18 महीने का DA Arrea का भुगतान नहीं हुआ तो लोकसभा में बुरा असर पडेगा.

इतना आएगा खाते में

कर्मचारी और पेंशनभोगियों को DA का भुगतान ना करके सरकार ने करोड़ों रुपए बचाए लेकिन पेंशनभोगी संगठन अड चुके हैं कि इसका भुगतान होना ही चाहिए। अगर इसका भुगतान होता है तो हर एक पेंशनभोगी के खाते में ₹1 लाख आना तय है. इस बीच सुबह-सवेरे के संस्थापक का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का हक मारकर कोरोना काल में वो पैसा उपयोग किया लेकिन उसका डेटा सरकार दिखाती नही है की पैसा कैसे खर्च किया गया।

अरविंद केजरीवाल का आया था बड़ा बयान

केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते का एरियर नहीं दिया ऐसे में विपक्षी दलों के द्वारा भी मांग उठाई गई थी इसका भुगतान होना चाहिए उसी कड़ी में राहुल गांधी ने भी कर्मचारियो और पेंशनभोगियों के पक्ष में 18 महीने के DA Arrear का भुगतान करने की अपील केंद्र सरकार से की थी । उसके बाद अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान आया था जिसमें उन्होंने यह पैसे में घपला होने का आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का पैसा अडानी और अंबानी को दे चुकी है।

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