केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 1 जुलाई से पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) द्वारा पारिवारिक पेंशनधारकों की शिकायतों के निवारण के लिए विशेष अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान 1 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा इस विशेष अभियान के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण ऐलान किया।
पेंशन मिलना कोई कृपा नही
इस विशेष अभियान के अंतर्गत कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पेंशनभोगी राष्ट्र निर्माण के कार्य में अहम भूमिका निभाते हैं, उनकी विशेषज्ञता और उनके अनुभव आने वाली पीढ़ी के लिए एक मूल्यवान धन है, पेंशन वितरण में उन्हें सहूलियत देना कोई कृपा करना नहीं है, उनके पास संचित ज्ञान और बुद्धि है जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए किया जा सकता है, इसलिए उनकी सेवाओं का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
पेंशनधारकों को नहीं किया जा सकता नजर अंदाज
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 10 सालो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेंशनधारकों के लिए बहुत कुछ किया। पेंशन विभाग द्वारा की गई पहलों और निर्णयों के प्रति श्री नरेन्द्र मोदी अत्यंत संवेदनशील और मददगार रहे हैं। मंत्री ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और पेंशन सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पैदा करती है, जिससे उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिलता है।
तलाकशुदा बेटियों के लिए पेंशन का लाभ
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अपने विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले तलाकशुदा बेटियों को तब तक पारिवारिक पेंशन से दूर रखा जाता था जब तक कि वे कानूनी तलाक नहीं ले लेतीं। हमने इस नियम में संशोधन किया है। अब तलाकशुदा बेटियों के मामले में कर्मचारी या पेंशनभोगी के जिंदा रहते हुए अगर तलाक की याचिका कोर्ट में डाल दी गयी है तो वह पेंशन के लिए पात्र होगी।
निः संतान विधवा के मामले में संशोधन
डॉ जितेंद्र सिंह ने जोर देते हुए कहा कि पहले यह नियम था कि अगर कर्मचारी की विधवा दूसरी शादी कर लेती थी तो पारिवारिक पेंशन बंद हो जाती थी लेकिन हमने इस नियम में बदलाव किया अब कर्मचारी की विधवा अगर निःसंतान है और दूसरी शादी करती है तो ऐसे में पेंशन बंद नहीं की जाएगी उस विधवा को पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
अविवाहित बेटी के मामले में पेंशन
इस विशेष अभियान के अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब कर्मचारी की अविवाहित बेटी जिनकी उम्र 25 साल के ऊपर हो चुकी है तो ऐसे बेटियों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया जाएगा, इसके लिए केवल शर्त यह है की वह अपने कर्मचारी के मृत्यु के पहले वह उनके ऊपर पूरी तरह से आश्रित होनी चाहिए।
लापता कर्मचारियो के परिवार को पेंशन
इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी लापता हो जाता था तो लापता कर्मचारियों के परिवार को पेंशन के लिए 7 साल तक इंतजार करना पड़ता था, 7 साल के बाद उनको पेंशन मिलती थी लेकिन हमारी सरकार ने इस नियम को संशोधित किया। अब कर्मचारी के लापता होने पर पारिवारिक पेंशन तुरन्त शुरू की जाती है। उन्होंने कहा कि पेंशन विभाग के द्वारा ऐसी कई अड़चनें दूर की गई हैं।
महिला पारिवारिक पेंशनधारकों को राहत
महिला पारिवारिक पेंशनभोगियों को मिलने वाले लाभ पर प्रकाश डालते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, क्योंकि निःसंतान विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन की शिकायत निवारण में बड़ी राहत मिलेगी।
पेंशनधारकों के लिए विशेष अभियान
CPENGRAMS पोर्टल पर लंबित पारिवारिक पेंशन मामलों के समय पर निवारण के लिए महीने भर चलने वाला विशेष अभियान 1 जुलाई 2024 से 31 जुलाई, 2024 तक चलेगा। इस अभियान के लिए 46 विभागों/मंत्रालयों की 1891 पारिवारिक पेंशन संबंधी शिकायतों को चुना गया है। इस अभियान के प्रभाव पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि CPENGRAMSपोर्टल पर प्रतिवर्ष दर्ज 90,000 शिकायतों में से 25% पारिवारिक पेंशनभोगियों की शिकायतें हैं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट और भविष्य पोर्टल
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के सहयोग से DOPPW द्वारा घर-घर सरकारी सेवाएं पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। मंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में भविष्य पोर्टल को E-HRMS के साथ जोड़ दिया जाएगा।
लाभार्थियों ने साझा किया अपना अनुभव
कई लाभार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और सक्रिय दृष्टिकोण के लिए मंत्री और सरकार को धन्यवाद दिया। मंत्री ने पेंशनभोगियों के सुझाव भी सुने और उन्हें जल्द से जल्द शामिल करने का आश्वासन दिया।
विशेष अभियान में उपस्थित अधिकारी
विशेष अभियान की शुरूआत के लिए आयोजित कार्यक्रम में DOPPW और DARPG सचिव श्री वी श्रीनिवास; भूतपूर्व सैनिक कल्याण सचिव डॉ. नितिन चंद्रा; सीजीए एस.एस. दुबे; डीजी बीएसएफ डॉ. नितिन अग्रवाल, संयुक्त सचिव (पेंशन) श्री ध्रुबज्योति सेनगुप्ता और SBI के उप प्रबंध निदेशक, मुख्य परिचालन अधिकारी श्री प्रवीण राघवेंद्र मौजूद थे।