केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में पारिवारिक पेंशन दी जाती है। हालांकि, हाल ही में यह देखा गया है कि कुछ कोषागारों द्वारा पारिवारिक पेंशन पर आयकर (TDS) की कटौती की जा रही है, जिससे पेंशनरों को इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं।
पारिवारिक पेंशन से नही होगी आयकर (TDS) की कटौती
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 192 के तहत पारिवारिक पेंशन को “आय के अन्य स्रोतों” के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि पारिवारिक पेंशन, वेतन या पेंशन की तरह कर योग्य आय नहीं मानी जाती। इसी वजह से, आयकर अधिनियम की धारा 192 के तहत आने वाले नियम पारिवारिक पेंशन पर लागू नहीं होते हैं।
वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने परिपत्र संख्या 24/2022, दिनांक 07 दिसम्बर 2022 में स्पष्ट किया है कि पारिवारिक पेंशन पर धारा 192 के तहत टीडीएस की कटौती नहीं की जानी चाहिए। इस दिशानिर्देश के अनुसार, पारिवारिक पेंशन से कर की कटौती गैरकानूनी है और इससे पेंशनरों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कोषागारों को दिए गए निर्देश
उत्तर प्रदेश कोषागार निदेशालय ने स्पष्ट रूप से सभी कोषागारों को निर्देशित किया है कि वे पारिवारिक पेंशन से स्रोत पर आयकर की कटौती न करें। हालांकि, अगर कोई पारिवारिक पेंशनर स्वयं लिखित रूप में टीडीएस कटौती का अनुरोध करता है, तो उनका आवेदन पत्र उनके रिकॉर्ड में सुरक्षित रखा जाना चाहिए और उसके अनुसार आयकर की कटौती की जानी चाहिए।
पारिवारिक पेंशनरों के लिए आवश्यक कदम
पारिवारिक पेंशनरों को यह ज्ञात होने चाहिए कि उनकी पेंशन पर टीडीएस नहीं काटा जाना चाहिए। अगर किसी पेंशनर कोषागार द्वारा टीडीएस काटा जाता है, तो वे इसके खिलाफ लिखित शिकायत कर सकते हैं और उन्हें इस संबंध में उचित सलाह लेने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, अगर पेंशनर चाहते हैं कि उनकी पेंशन पर टीडीएस काटा जाए, तो उन्हें इसके लिए लिखित रूप में अनुरोध करना चाहिए।
पारिवारिक पेंशनधारकों को राहत
पारिवारिक पेंशन पर टीडीएस की कटौती को लेकर काफी भ्रम और कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही थीं। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इस प्रकार की कटौती को रोका जाना चाहिए, जिससे पेंशनरों को किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकार के इस कदम से पेंशनरों को राहत मिलेगी और उनके आर्थिक हितों की रक्षा होगी।
पेंशनभोगियों को राहत
सरकार के इस कदम से एक तरफ जहाँ पारिवारिक पेंशनभोगियो (Family Pensioners) को राहत दी गयी है वही पे पेंशनभोगियों को भी राहत दी जानी चाहिए, उनकी भी पेंशन आयकर के दायरे में नही आनी चाहिए। सांसदों, विधायको की पेंशन आयकर से मुक्त होती है तो पेंशनभोगियों की पेंशन भी आयकर से मुक्त होनी चाहिए, इस पर सरकार को विचार करते हुए उचित कदम उठाना चाहिए।
आदेश की प्रति डाउनलोड करे
सरकार ने तो aades to kr diya magar bank account m kyu nhi aa rhi h pansion lekin bol rhi h ki ham raksha Bandhan se phale bank dal de paisa kab Dale ke paisa sir.
ये सरकार झूठ फरेब के मिनार पे खड़ी है और ऐसा कुछ नहीं करके देगी जो आम जन मिडिल क्लास, पेंशनर्स के हित में हो ,ये कारपोरेट घराने की EVM सरकार सत्ता का मलाई खाने और corporate के इसारे पे चलने वाली है , पिछली सरकार तो और खतम थी इस मामले में।सब एक ही थैले के चट्टे बट्टे हैं।
सब झूठ और भ्रमित करने के काम सरकार करती है, लेना हो तो एक झटके मे और देना हो तो केवल न्यूज़
सांसदीय मंत्री आमदार खासदार इनको पेन्शन नहीं मिलनी चाहिए. अगर देनीही हे तो हर मंत्री कमसे कमी पाच बार निवडणूक लढकर जितकर सांसद सदस्य बनने के बाद ही पेन्शन लाभार्थी हो सकता है ऐसा नियम लागू होना जरुरी है. क्युंकी हर सरकारी कर्मचारी नोकरी में अपनी उम्र ६० साल के बाद ही लाभार्थी होता है और यही नियम सांसदोंको भी लागु होना चाहिए
इसका तो क़ानून पूरी तरह से सांसदों ने अपने पक्ष मे बिना किसी विरोध बहुमत से बना लिया है.
लोकतंत्र में राजतंत्र इसलिए राजाओं के लिए नियम क़ानून शिथिल है।
सभी pensioners को income tax में छूट मिलनी चाहिए । आप कर के दायरे से बाहर रखना चाहिए क्योंकि उम्र बढ़ने से बिमारी और इसके इलाज की जिम्मेदारी बढ़ जाती है अभी के समय अपने लोग भी साथ नहीं देते हैं ।
Kya kya Subhidha MP MLA ko hoga yeto botaya nehi..? MP MLA minister ke pota poti ke liye kya kya hoga obhi future plan ghosana korna chaiye. NPS me bujurko ke liye ek ek Silver ke kotora Haat me thama deneka Scheme bhi jaari hona chahiye. Majuda Sarkar Aap logoki bhi baari aayegi… Justwait and see.