इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला कर्मचारियों और पेंशनधारकों के पक्ष में दिया है। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी को रोका नही जा सकता जब तक सरकारी कर्मचारी दोषी साबित नही हो जाता है।
ग्रेच्यूटी और वेतन रोकने का आदेश हुवा रद्द
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य कृषि मंडी परिषद, कानपुर से रिटायर मंडी निरीक्षक की ग्रेच्युटी एवं बकाया वेतन को रोकने के आदेश को रद्द कर दिया है। साथ ही रिटायर होने की तिथि से 6% ब्याज के साथ बकाया देने का निर्देश दिया है। यह आदेश इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज जे.जे मुनीर ने राजपाल सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
क्या था पूरा मामला
याची राजपाल सिंह उत्तर प्रदेश राज्य कृषि मंडी परिषद, कानुपर से रिटायर मंडी निरीक्षक के पद पर तैनात थे, रिटायरमेंट के समय उनके ऊपर आरोप लगाया कि लाइसेंस देने में शुल्क का गबन किया गया है। इस आधार पर मंडी परिषद के उपसचिव ने विभागीय जाँच का आदेश देकर ग्रेच्यूटी और बकाया वेतन का भुगतान रोक लिया था।
इलाहाबाद हाइकोर्ट में सुनवाई के दौरान राजपाल सिंह के वकील ने बताया कि याची राजपाल सिंह के खिलाफ सेवा के दौरान किसी भी प्रकार की विभागीय जांच नहीं की गई और ना ही उनके खिलाफ कोई भी FIR की चार्जशीट दाखिल की गई है। इसके साथ ही ना तो याची को कदाचार का दोषी पाया गया।
इसके बावजूद रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच का आदेश देकर मंडी परिषद के सचिव ने एक लाख तैतीस हजार रुपये बकाया वेतन और 1 लाख बयालीस हजार रुपये ग्रेच्युटी का भुगतान रोक दिया।
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कोर्ट ने क्या कहा
इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि केवल वित्तीय नुकसान के आधार पर बिना दोषी करार दिए किसी सरकारी कर्मचारी का ग्रेच्युटी या बकाया वेतन भुगतान को रोका नही जा सकता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केवल जांच रिपोर्ट को विभागीय जांच नहीं माना और राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के उप सचिव के ग्रेच्युटी और वेतन भुगतान रोकने के आदेश को रद्द कर दिया।
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याची ने ब्याज की मांग की
याची राजपाल सिंह ने 7th Pay Commision के तहत बकाया वेतन व ग्रेच्युटी का 10% ब्याज के साथ भुगतान करने की मांग में याचिका दायर की थी। याची ने आरोप लगाया कि अकारण ही उनको परेशान किया गया ऐसे में मानसिक और आर्थिक नुकसान की भरपाई मंडी परिषद के द्वारा किया जाय। इस पर कोर्ट ने 6% ब्याज के साथ बकाया वेतन और ग्रेच्यूटी भुगतान का निर्देश दिया।
क्या यदि किसी सरकारी कर्मचारी पेंशनर को अधिक पेमेंट बैंक की गलती से हो गया हो तो रिकवरी की जा सकती है
I Arvind Kumar Prasad ID J 8406 retired from service from Water resources dept Bihar on dated 31.10.2022. I am suffering from same case My Pension, gratuity,unused el encashment all is still pending.
MMC जैसे लोंगों पर आरटीआई/एफआईआर/cat case/ कुछ भीं करिए, किसी विभाग का किरानी कितना हरामखोर हो सकता है कोई भीं मुझसे से पुछ सकता है। पूरे ही mc होते हैं
I Dr D B Singh dy director suffering from the same case , retired from the Animal husbandry department during the year 31-03-2022 and all my post retirement benefits have been illegally withheld held till date which is roughly one crore
Number of representations have been made but of no use
Mere papa ntpc se 2014 me rietried hai lekin unki pension bahut kam milti hai ntpc ki pension kab badhegi ?? Mere papa ntpc 34 saal kaam kiya hai or pension bahut kam.hai